केवल 30 मिनट में लोकल ऐनेस्थीसिया देकर पुरूष नसबंदी कर दी जाती है। इतने सरल उपाय को अपनाने के लिए लोग क्यों आगे नहीं आते? इसके पीछे कई सामाजिक और निजी कारण हो सकते हैं पर फैमिली प्लानिंग के विकल्पों को चुनना केवल एक पत्नी की जिम्मेदारी नहीं होती बल्कि पति भी इसे चुनकर अपना फर्ज निभा सकते हैं। फैमिली प्लानिंग के सर्वे पर गौर करें तो अब भी महिलाओं के मुकाबले पुरूष कॉन्ट्रासेप्शन अपनाने वालों की संख्या कम है। क्या आप इसमें भागीदार बनना चाहेंगे? इस लेख में आपको पुरूष नसबंदी से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ में डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के असिसटेंट प्रोफेसर और यूरोलॉजिस्ट डॉ संजीत कुमार सिंह से बात की।
केवल 30 मिनट की आसान प्रक्रिया है (Male vasectomy is a 30 minute process)
ये मेथड सेफ और आसान है। इसमें सिर्फ 30 मिनट में ऑपरेशन कर दिया जाता है। इसके लिए मरीज को ऐनेस्थीसिया देते हैं और उसी दिन छुट्टी भी मिल जाती है। नसबंदी करवाने के बाद स्पर्म फीमेल पार्ट में रिलीज नहीं होता। इस प्रक्रिया में उस नली को ब्लॉक किया जाता है जो स्पर्म को टेस्टिकल्स से यूरेथ्रा तक लेकर जाती है।
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बच्चे न चाहिए हों तब चुनें ये विकल्प (Best option in family planning)
अगर आपकी फैमिली कंप्लीट हो चुकी है और आपको आगे बच्चे नहीं चाहिए तो ही इस विकल्प को चुनें। हालांकि अब एडवांस टेक्नेलॉजी की मदद से नसबंदी के बाद भी बच्चा चाहिए हो तो नली को दोबारा जोड़ा जा सकता है पर ये प्रक्रिया हमेशा सफल नहीं होती इसलिए पूरी तरह पक्का कर लेने के बाद इस विकल्प को चुनें। महिला नसबंदी के मुकाबले ये कम खर्चीला ऑप्शन है।
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पुरूष नसबंदी से जुड़े भ्रम के चलते लोग नहीं चुनते आसान विकल्प (Myths related to male vasectomy)
पुरूष नसबंदी को लेकर बहुत सारे भ्रम हैं जिनमें से एक है कि ये ऑप्शन अपनाने से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। जबकि डॉक्टर मानते हैं इस मेथड से टेस्टिक्युलर कैंसर का कोई लेना-देना नहीं है। ये मेथड पुरूषों के लिए बिल्कुल सेफ है। कुछ लोगों को ये भी लगता है कि ये एक पेनफुल और रिस्की मेथड है जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। इस प्रक्रिया के बाद हल्की सूजन आती है पर वो नॉर्मल है, अपने आप वो सूजन चली जाएगी। कुछ ही दिनों में आप नॉर्मल हो जाते हैं पर डॉक्टर 15 दिनों तक कुछ भी भारी सामान उठाने से मना करते हैं। एक भ्रम ये भी है कि पुरूष नसबंदी करवाने से वैवाहिक जीवन पर असर पड़ता है जबकि ऐसा कुछ नहीं है, ये केवल कॉन्ट्रासेप्शन का एक विकल्प है। हर साल स्वास्थ्य मंत्रालय पुरूष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन करती है जिसमें आपको इससे जुड़े सभी तथ्य बताए जा सकें। अगर आपको कोई सलाह या डॉक्टर से कोई सवाल पूछने हों तो आप किसी भी सरकारी अस्पताल, सीएचसी या पीएचसी में जाकर मुफ्त जानकारी ले सकते हैं।
पुरुष नसबंदी के साइड इफेक्ट (Side effects of male vasectomy)
पुरूष नसबंदी से बॉडी पर इसके कोई साइडइफेक्ट नहीं होते। पर आपको ध्यान रखना है कि ये केवल एक कॉन्ट्रासेप्टिव ऑप्शन है इसलिए ये एसटीआई डिसीज जैसे एड्स, सिफलिस से प्रोटेक्शन नहीं देता। उसके लिए आपको कॉन्ट्रासेप्शन के दूसरे विकल्पों को चुनना होगा। दूसरा माइनस प्वाइंट ये है कि इसके बाद आप भविष्य में बच्चा प्लान नहीं कर सकते। इसलिए पूरी तरह अपने फैसले के बारे में सोच लें तभी निर्णय लें।
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पुरूष नसबंदी के फायदे (Advantages of male vasectomy)
- 1. ये मेथड कम खर्चीला और आसान उपाय है। जिन कपल्स ने अपनी फैमिली पूरी कर ली है वो ये ऑप्शन अपना सकते हैं।
- 2. इससे शरीर के किसी हिस्से में कोई नेगेटिव प्रभाव नहीं पड़ता। उल्टी या सिर दर्द जैसी चीजें इस प्रक्रिया में नहीं होती।
- 3. इस ऑप्शन को अपनाकर आप अपने वैवाहिक जीवन को अच्छी तरह बिता सकते हैं।
- 4. पुरूष नसबंदी के बाद बॉडी पार्ट में रक्तस्त्राव नहीं होता। इस प्रक्रिया से रिकवरी भी जल्दी हो जाती है।
- 5. अनप्लान प्रेगनेंसी से बचने का सेफ ऑप्शन है। कई बार कपल्स प्रेगनेंसी प्लान नहीं करते जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है, इससे बचने के लिए आप पुरूष नसबंदी अपना सकते हैं।
- 6. ये एक स्थाई यानी पर्मानेंट ऑप्शन है इसलिए आपको इसके बाद प्रेगनेंसी की चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- 7. इस ऑप्शन को अपनाने के बाद आपको पिल्स या कोई और गर्भनिरोधक उपाय लेने की जरूरत नहीं पड़ती।
- 8. जिन महिलाओं को गर्भनिरोधक उपाय अपनाने में दिक्कत होती है उनके पति इस ऑप्शन को अपना सकते हैं।
सामाजिक कारण है पुरूष नसबंदी में रोड़ा (Social factors affects male vasectomy)
पुरूष नसबंदी कॉन्ट्रासेप्शन का सबसे सेफ ऑप्शन माना जाता है पर इसके बाद भी लोग इसे अपनाने से झिझकते हैं। स्वास्थ्य नजरिए पर बात करने से पहले इसके सामाजिक नजरिए को भी समझना जरूरी है। कई पुरूषों को लगता है कि गर्भनिरोधक साधनों को अपनाना केवल महिलाओं का काम है जबकि ऐसा नहीं है। प्रधानमंत्री ने भी पुरूष नसबंदी को इस साल बढ़ावा देने की बात कही है जिसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी पुरूष नसबंदी को बढ़ावा दे रहे हैं।
पुरूष नसबंदी में कमी के चलते बढ़ रहा है महिलाओं पर दबाव (Why not opting the option)
डफरिन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ सुधा वर्मा ने बताया कि पुरूष नसबंदी में कमी के चलते महिलाओं पर दबाव पड़ता है। उनकी सेहत के लिए गर्भनिरोधक दवाएं और ऑपरेशन कभी-कभी नेगेटिव इफेक्ट देती है पर फिर भी वो अपने पार्टनर को मना नहीं पातीं जिसके चलते डॉक्टर पुरूष नसबंदी पर जोर दे रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिर्पोट पर गौर करें तो दुनिया भर में 10 करोड़ महिलाएं गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं पर साल 1960 में गर्भनिरोधक गोलियों की शुरूआत हुई तभी से इसके साइड इफेक्ट देखे गए हैं। इसलिए ये पिल्स पूरी तरह से सेहत के लिए अच्छी नहीं होतीं। अगर आप अपनी पत्नी को सपोर्ट करना चाहते हैं तो गर्भनिरोधक उपाय अपनाने के लिए आगे आएं।
पुरूष नसबंदी के बारे में पढ़ने के बाद आप इतना तो समझ ही गए होंगे कि ये एक सेफ ऑप्शन है और आप भी इसे अपनाकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं।
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