Ayurvedic Tips To Stay Healthy: जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ता रहता है। बढ़ती उम्र अपने साथ कई रोग भी लेकर आती है, खासकर जब आप 40 की उम्र पार करते हैं। जब आप 40 के बाद के वर्षों की ओर आगे बढ़ते हैं, तो इस दौरान आपको सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस दौरान स्वास्थ्य को गंभीरता से न लेने पर बुढ़ापे की समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. वरालक्ष्मी (BAMS Ayurveda) की मानें तो जब आप 40 के दशक को पार करते हैं और 50s में प्रवेश करते हैं, तो इस दौरान हमारे शरीर में कई बायोलोजिकल बदलाव होते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, यह जीवन का पित्त चरण होता है, जो धीरे-धीरे वात चरण की ओर बढ़ रहा है। इस दौरान आपके मेटाबॉलिज्म से लेकर हार्मोन्स, त्वचा और बालों तक, आपके शरीर के सभी अंग उम्र बढ़ने का संकेत देना शुरू कर देते हैं। इस दौरान अपने शरीर की देखभाल शुरू करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। अब सवाल यह उठता है, कि 40 के बाद आप अपनी देखभाल कैसे कर सकते हैं? इस लेख में हम आपको डॉ. वरालक्ष्मी के सुझाए ऐसे 5 आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हैं, जो आपको 50 के दशक में स्वस्थ रहने में आपकी मदद करेंगे।
40 की उम्र के बाद हेल्दी रहने के आयुर्वेदिक उपाय
1. सुबह जल्दी उठें
सुबह जल्दी उठने से शरीर में ताजगी आती है, साथ ही आप पूरे दिन एनर्जेटिक रहते हैं। यह आपको एक व्यस्त दिन की शुरुआत से पहले आपके नर्वस सिस्टम को बूस्ट करता है और तनाव, चिंता जैसी स्थितियों से बचाव करता है।
2. खाली पेट करें एक्सरसाइज
खाली पेट व्यायाम करने से लघुत्व (Lightness) में मदद मिलती है, जिससे यह अन्य शारीरिक प्रक्रियाओं के साथ परस्पर क्रिया नहीं करता है। इसलिए कोशिश करें कि नियमित रूप से सुबह खाली पेट कम से कम 30 मिनट व्यायाम जरूर करें।
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3. कम खाएं और अधिक चलें-फिरें
40 के बाद मेटाबॉलिज्म को हेल्दी रखने के लिए यह सबसे अहम नियम है। आयुर्वेद सुझाव देता है कि आपको 3/4 प्लेट खाली हो जाने के बाद खाना बंद कर देना चाहिए, और नियमित इतना ही खाना चाहिए। साथ ही पूरे दिन बैठे न रहें, चलते-फिरते या अन्य शारीरिक गतिविधियां करते रहे हैं।
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4. डाइजेस्ट होने वाले फूड्स खाएं
40 के बाद आपका फोकस सिर्फ हेल्दी खाने पर ही नहीं, बल्कि जल्दी और आसानी से पचने वाले भोजन पर होना चाहिए। हल्का, गर्म और पतला भोजन अधिक करें।
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5. ऋतुचर्या का पालन करें
ऋतुचर्या यानी मौसमी रूटीन को फॉलो करने से न सिर्फ इम्यूनिटी मजबूत होती है, बल्कि यह आपको शारीरिक और मानसिर रूप से भी मजबूत बनाता है। अभ्यंग यानी मालिश, उदवर्तन (udvartana), गंडूषा (gandusha) और कवाला (kavala) को रूटीन में शामल करें।
जीवनशैली में सामान्य बदलाव की मदद से आप बढ़ती उम्र के साथ न सिर्फ स्वस्थ रहते हैं, बल्कि गंभीर रोगों से भी सुरक्षित रहते हैं।
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