Low Digestive fire symptoms: आजकल शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा की ओर लोग रुख कर रहे हैं। क्योंकि दवाओं के शरीर में कई दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं, यह आपकी समस्या को भी जड़ से खत्म नहीं करते हैं। वहीं आयुर्वेद में प्राकृतिक चिकित्सा की मदद से उन्हें जड़ से खत्म करने पर काम किया जाता है। साथ ही इसके दुष्प्रभाव भी नहीं होते है। जब आपको पेट संबंधी समस्याएं होती हैं, इससे छुटकारा पाने के लिए आप जब किसी आयुर्वेदिक के पास जाते हैं, तो वे अक्सर कहते हैं कि आपकी जठराग्नि मंद या कमजोर है। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि जठराग्नि क्या होती है (jatharagni kya hoti hai)? यह मंद कैसे होती है या जठराग्नि मंद होने के लक्षण (jatharagni mand hone ke lakshan) क्या होते हैं ? अगर नहीं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। इस तरह के सवालों के जवाब जानने के लिए हमने आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. आयुर्वेदिक चिकित्सक और पंचकर्म स्पेशलिस्ट डॉ. अंकित अग्रवाल से बात की। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
जठराग्नि क्या है- jatharagni kya hai
डॉ. अंकित की मानें तो आयुर्वेद में जठराग्नि शब्द का प्रयोग आपकी पाचन अग्नि (Digestive Fire) के लिए किया जाता है। यह पाचन अग्नि हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को मेटाबॉलाइज करने के लिए जिम्मेदार होती है। यह हमारे पेट के निचले हिस्से में मौजूद होती है, छोटी आंत और अग्नाश्य में। आयुर्वेद की मानें तो मानव शरीर में कुल 13 प्रकार की अग्रि होती है, जिनमें से एक जठराग्नि या आपकी पाचन अग्नि होती है।
जठराग्नि मंद होने के लक्षण- jatharagni mand hone ke lakshan
- ठीक तरह से भूख न लगना या खाने की इच्छा नहीं होता है
- मलत्याग ठीक से न होना या असामान्य बाउल मूवमेंट
- पेट फूलना, सूजन और ब्लोटिंग की समस्या
- हाइपर एसिडिटी (Hyperacidity) यानि अम्लपित्त
- शरीर में अकड़न और दर्द की समस्या होना
जठराग्नि मंद होने के कुछ आम कारण- jatharagni mand hone ke karan
- जठराग्नि मंद होने के कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, इसमें आपकी रोजमर्रा की कुछ सामान्य आदतें बहुत अहम भूमिका निभाती हैं जैसे:
- जरूरत से ज्यादा या अधिक भोजन करना
- भूख न होने पर भी भोजन करना
- गलत फूड कॉम्बिनेशन का सेवन करना यानि असंगत खाद्य पदार्थभोजन जल्दी-जल्दी खाना
- फिजिकली एक्टिव न रहना, या एक्सरसाइज न करना
- व्रत या फास्टिंग अधिक करना
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जठराग्नि तेज करने के उपाय- jatharagni tej karne ke upay
- सर्केडियन रिदम फॉलो करें, इसका सम्मान करें
- रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें
- कोशिश करें कि गर्म या गुनगुना पानी पिएं, लेकिन ठंडा पानी पीने से बचें
- ज्यादा गर्म तासीर वाले, खट्टे फूड्स, तीखा और मसालेदार खाने से बचें, सीमित मात्रा में सेवन करें
- माइंडफुलनेस के साथ फास्टिंग करें।
सेहतमंद रहने के लिए स्वस्थ और तेज जठराग्नि होना आवश्यक है। इसलिए इसके लक्षणों को पहचाने और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अपनी जीवनशैली में बदलाव करें और स्वस्थ जीवनशैली को फॉलो करें।
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