Bhagandar Or Fistula Ayurvedic Treatment In Hindi: भगंदर या फिस्टुला (Fistula) गुदा द्वार में होने वाली एक बेहद गंभीर और दर्दनाक रोग है। इस स्थिति में गुदा मार्ग में छोटी-छोटी फुंसियां हो जाती हैं, जिसके कारण लोगों को काफी असहजता का सामना करना पड़ता है। इस दौरान आपको छूने या बैठने पर भी हो सकता है। जब ये फुंसियां पक जाती हैं या इनमें में मवाद आ जाती है, तो ये फूट जाती हैं। जो भगंदर रोगियों के लिए बेहद दर्दनाक और पीड़ादायक अनुभव होता है, क्योंकि इससे रोगी को बैठने, लेटने और शौच करते समय दर्द होता है। साथ ही न तो रोगी पेट के बल लेट पाता है और न ही पीठ के बल। भगंदर रोगियों को चलने-फिरने और सीढ़ियां उतरने-चढ़ने में भी काफी परेशानी होती है। लोग इससे छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह की दवाएं और घरेलु नुस्खे आजमाते हैं, लेकिन कुछ खास फायदा नहीं मिलता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं, आयुर्वेद में भगंदर का सफल और आसानी से इलाज किया जा सकता है। यहां तक कि बहुत से लोग अक्सर पूछते हैं कि भगंदर का आयुर्वेदिक इलाज क्या है (bhagandar ka ayurvedic ilaj)? इसके बारे में जानने के लिए हमने आयुर्वेदिक चिकित्सक और पंचकर्म स्पेशलिस्ट डॉ. अंकित अग्रवाल से बात की। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
भगंदर (फिस्टुला) का आयुर्वेदिक इलाज- Bhagandar Or Fistula Ayurvedic Treatment In Hindi
डॉ. अंकित के अनुसार आयुर्वेद में भगंदर को विभिन्न जड़ी-बूटियों, उपाय और जरूरत पड़ने पर सर्जरी की मदद से ठीक किया जाता है। जिनमें शामिल है...
1. गर्म पानी में बैठना
भगंदर रोगी को एक टब में गर्म पानी डालकर उसमें बैठना होता है। पानी में कई जड़ी-बूटियां भी डाली जाती हैं। इससे गुदा के आसपास के हिस्से की सिकाई और सफाई होती है। जिससे मांसपेशियों में तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
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2. क्षार सूत्र का प्रयोग
इस प्रक्रिया में डॉक्टर एक औषधीय धागे की मदद से भगंदर का उपचार करते हैं। यह एक तरह से आयुर्वेदिक सर्जरी की तरह है। जिसमें रोगी को दर्द नहीं होता है। धागे को इस्तेमाल से पहले कई जड़ी-बूटियों से निर्मित किया जाता है।
3. त्रिफला सेंक
इसमें त्रिफला से प्रभावित हिस्से की सफाई की जाती है। भगंदर के आसपास के हिस्से को जितना ज्यादा साफ रखा जाता है, वह उतना ही जल्दी ठीक भी होता है। यह भगंदर के उपचार में बहुत लाभकारी होता है।
3. आयुर्वेदिक सर्जरी
भगंदर के उपचार के लिए आयुर्वेद में कई सर्जरी प्रक्रियाएं मौजूद हैं। लेकिन इसका प्रयोग सिर्फ गंभीर स्थिति होने पर ही किया जाता है। इसके बजाए आयुर्वेदिक दवाओं और जड़ी बूटियों से समस्या का हल करने की कोशिश की जाती है।
भगंदर में कौन सी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां फायदेमंद होती हैं?- Ayurvedic Herbs For Bhagandar Of Fistula In Hindi
डॉ. अंकित की मानें तो भगंदर के उपचार में त्रिफला, हरीताकी, काले तिल, त्रिफला और गुग्गुल, आरोग्य वर्धन वटी आदी जैसी जड़ी-बूटियां और दवाएं रोगी को दी जाती हैं।। लेकिन इनका सेवन सिर्फ डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करने की सलाह दी जाती है।
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क्या आयुर्वेद में भगंदर का बिना सर्जरी या ऑपरेशन के इलाज संभव है?- Fistula Treatment Without Surgery In Hindi
डॉ. अंकित के अनुसार आयुर्वेद में बिना सर्जरी के भगंदर का इलाज किया जा सकता है, लेकिन ऐसा सिर्फ शुरुआती स्टेज में ही संभव होता है। हालांकि, आयुर्वेद में सिर्फ समस्या बढ़ने और ज्यादा गंभीर होने पर ही सर्जरी की जाती है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा कोशिश सिर्फ दवाओं और जड़ी-बूटियों की मदद से भगंदर का इलाज करने की कोशिश की जाती है। सभी मामलों में सर्जरी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
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एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं
आयुर्वेद भंगदर में उपचार के साथ ही जीवनशैली में बदलाव करने पर अधिक जोर देता है, जो कि इसका मुख्य कारण है। स्वस्थ जीवनशैली को फॉलो करने से भगंदर का उपचार सफलता पूर्वक किया जा सकता है। इसलिए ज्यादा मसाले वाला और तैलीय, खट्टा भोजन करने से बचें। सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें। भोजन समय पर करें और फाइबर से भरपूर आहार लें। इसके अलावा योग का अभ्यास करने से भी बहुत लाभ मिलता है।
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With Inputs: Dr. Ankit Aggarwal (Ayurvedic - Cunsultant And Panchkarma Specialist) Tulsi Ayurveda Ayurvedic Clinic
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