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आयुर्वेद के अनुसार मांस खाना चाहिए या नहीं? जानें मीट कब नहीं खाना चाहिए

Can We Eat Meat As Per Ayurveda: मांस खाने को लेकर लोगों के बीच तरह-तरह की धारणाएं हैं, जानें आयुर्वेद मीट खाने की सलाह देता है या नहीं।
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आयुर्वेद के अनुसार मांस खाना चाहिए या नहीं? जानें मीट कब नहीं खाना चाहिए


मीट या मांस खाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। नॉनवेज डिशेज को खाना लोग काफी पसंद करते हैं, स्वादिष्ट होने के साथ ही मीट पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। चिकन, मछली, रेड मीट और सीफूड आदि सभी मीट की कैटेगरी में आते हैं। इनमें कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस, विटामिन ए, बी5, बी6, डी, नियासिन, बीटा कैरोटीन, क्रिएटिन, लाइकोपीन, आयरन, जिंक आदि जैसे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। मीट खाने से आपके शरीर को जरूरी पोषण के साथ ही कई फायदे भी मिलते हैं। नॉनवेज खाने से मांसपेशियों को बढ़ाने में मदद मिलती है, साथ ही वेट लॉस और फैट लॉस में भी मदद मिलती है, क्योंकि इनमें प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है।

लेकिन क्या आयुर्वेद नॉनवेज या मीट खाने की सलाह देता है? यह सवाल बहुत से लोगों को अक्सर परेशान करता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक  डॉ. वरालक्ष्मी यनामंद्र (BAMS Ayurveda) की मानें तो ऐसे कई लोग हैं, जो नॉनवेज के सेवन से काफी कतराते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मीट एक सात्विक भोजन नहीं है और शरीर में तामसिक गुणों को बढ़ाता है। आइए जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार आपको मीट खाना चाहिए नहीं (Can We Eat Meat As Per Ayurveda)।

Can We Eat Meat As Per Ayurveda

आयुर्वेद के अनुसार मीट खाना चाहिए या नहीं- Can We Eat Meat As Per Ayurveda In Hindi

डॉ. वरालक्ष्मी के अनुसार आयुर्वेद हर उस चीज के सेवन को सही मानता है, जो प्रकृति मांस सहित भोजन या दवा के रूप में प्रदान करती है। मांस आयुर्वेदिक आहार और दवाओं का एक अभिन्न हिस्सा है। यह सबसे अच्छा भोजन माना जाता है, जो हमारे शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान कर सकता है। यह उन स्थितियों में खाने योग्य बताया गया है,  जहां पुनर्वास, ताकत के पुनर्निर्माण की आवश्यकता होती है।  इसलिए कमजोर, दुबले और दुर्बल लोगों मांस खाने की सलाह अधिक दी जाती है। मांस के गुण जानवर की आदत और आवास पर निर्भर करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार मांस खाना या न खाना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है। अगर आप मांस खाना चाहते हैं, तो आप खा सकते हैं। हालांकि कुछ स्थितियों में मीट खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि मांस पौधे आधारित सब्जियों की तुलना में पचने में अधिक भारी होता है।

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मांस कब नहीं खाना चाहिए- When To Avoid Eating Meat

डॉ. वरालक्ष्मी के अनुसार कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में अगर आप मांस खाते हैं, तो इससे स्थिति बिगड़ सकती है जैसे...

  • संक्रमित होने पर
  • अपच की समस्या में
  • कफ और पित्त असंतुलित होने पर
  • ब्लीडिंग डिसऑर्डर में
  • त्वचा संबंधी रोग में
  • भावनात्मक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में
  • गट हेल्थ खराब होने पर

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एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं

आप जो खाते हैं वह आपकी पसंद है। इसी तरह अगर किसी ने मांस खाने के विकल्प चुना है, तो वह उसकी पसंद है। आयुर्वेद के अनुसार सेहत के लिए लिहाज से नॉनवेज खाना फायदेमंद होता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप मांस खाना चाहते हैं या नहीं।

All Image Source: Freepik.com

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