
क्या उड़द दाल खाने से गैस होती है? क्या उड़द दाल पचती नहीं है? और अगर उड़द दाल पचती नहीं तो इसे कैसे खाएं ताकि पेट की दिक्कत न हो? ऐसे सवाल अक्सर लोगों के मन में आते हैं, खासकर तब जब उड़द दाल से बने पकवान जैसे दही वड़ा, डोसा, पापड़ या बड़ियां खाने के बाद पेट फूलना, भारीपन या गैस महसूस होती है। आयुर्वेद के अनुसार उड़द दाल बेहद पौष्टिक और बल देने वाली होती है, लेकिन यह ''गुरु आहार'' यानी भारी भोजन की श्रेणी में आती है। इसीलिए यह हर व्यक्ति के लिए एक समान पाचनीय नहीं होती। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार उड़द दाल में प्रोटीन, आयरन और मिनरल्स की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को ताकत देती है, लेकिन कमजोर पाचन (मंद अग्नि) वाले लोगों के लिए इसे पचना मुश्किल हो सकता है। इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, उड़द दाल से बने स्नैक्स खाने का सही तरीका, जिससे पेट की समस्याओं से बचा जा सके।
उड़द दाल स्नैक्स हेल्दी बनाने के तरीके - Ayurvedic Tips For Eating Urad Dal Snacks In Hindi
आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि कमजोर पाचन वाले व्यक्ति को उड़द दाल खाने पर अपच, गैस, एसिडिटी और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर अग्नि (digestive fire) मंद है तो शरीर इसे पूरी तरह पचा नहीं पाता, जिससे आम (toxins) बनने लगते हैं, जो आगे चलकर और भी पाचन संबंधी परेशानियां बढ़ा सकते हैं। डॉ. श्रेय शर्मा कहते हैं कि उड़द दाल से बने स्नैक्स खाते समय कुछ मसाले और सही विधियां अपनाई जाएं तो यह आसानी से पच जाती है और पेट की समस्या भी नहीं होती।
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1. अदरक का उपयोग करें
उड़द दाल के घोल या बैटर में अदरक मिलाने से यह दीपनीय (पाचन शक्ति बढ़ाने वाली) बन जाती है। अदरक अग्नि को तेज करती है और दाल के भारीपन को कम करती है।
2. लहसुन का उपयोग
लहसुन वात को संतुलित करता है और पाचन में मदद करता है। उड़द दाल वड़ा, डोसा या पकोड़े बनाते समय इसमें थोड़ा लहसुन मिलाने से गैस और पेट फूलने की समस्या घटती है।
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3. जीरे का प्रयोग करें
उड़द दाल के पकवान बनाते समय थोड़ा जीरा (cumin seeds) डालना चाहिए। यह खाना पचाने में सहायता करता है।
4. दाल को अच्छे से भिगोएं
उड़द दाल को कम से कम 6-8 घंटे भिगोकर ही इस्तेमाल करें। इससे दाल में मौजूद एंटी-न्यूट्रिएंट्स कम हो जाते हैं और यह आसानी से पचने लगती है।
5. तलने के बजाय स्टीम या कम तेल में पकाएं
डीप फ्राइड उड़द दाल स्नैक्स जैसे वड़ा या पकोड़े पेट पर भारी पड़ सकते हैं। इनके बजाय स्टीम्ड इडली या डोसा ज्यादा हेल्दी और पाचनीय विकल्प हैं।
आयुर्वेद के अनुसार उड़द दाल का सेवन दिन में करना बेहतर होता है, क्योंकि उस समय पाचन अग्नि मजबूत रहती है। रात में खाने से यह भारीपन और गैस पैदा कर सकती है। साथ ही, इसे मॉडरेट मात्रा में खाएं, बहुत ज्यादा खाने से यह पौष्टिक होने के बावजूद पाचन पर भार डालती है। हफ्ते में 2-3 बार सीमित मात्रा में लेना लाभकारी है।
किन लोगों को उड़द दाल से परहेज करना चाहिए - Who should avoid urad dal
डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि जिन लोगों को कब्ज, गैस, एसिडिटी या पेट में भारीपन की समस्या अक्सर रहती है, उन्हें उड़द दाल के स्नैक्स कम मात्रा में खाने चाहिए। साथ ही, जिनकी अग्नि मंद है या जो बीमारियों से रिकवर कर रहे हैं, वे भी थोड़े दिनों तक हल्के (लघु) भोजन जैसे मूंग दाल या मसूर दाल को प्राथमिकता दें।
निष्कर्ष
उड़द दाल स्वादिष्ट और पौष्टिक है, लेकिन इसे खाने का तरीका और मात्रा सही होनी चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप उड़द दाल को अदरक, लहसुन और जीरे जैसे पाचक मसालों के साथ पकाते हैं और सही समय पर खाते हैं, तो यह शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ पेट को भी आराम देती है। याद रखें, खाना तभी औषधि बनता है जब उसे सही तरह से खाया जाए। इसलिए अगली बार उड़द दाल के वड़े या डोसे का स्वाद लेते समय ये आयुर्वेदिक टिप्स जरूर अपनाएं।
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FAQ
क्या उड़द दाल से गैस होती है?
उड़द दाल गुरु यानी भारी भोजन मानी जाती है, इसलिए यह कमजोर पाचन वाले लोगों में गैस या पेट फूलने की समस्या पैदा कर सकती है। अदरक, जीरा और लहसुन मिलाकर पकाने से यह समस्या काफी हद तक कम हो जाती है।क्या उड़द दाल रात में खानी चाहिए?
रात में उड़द दाल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि उस समय पाचन अग्नि कमजोर होती है। इसे दिन में खाना बेहतर होता है ताकि यह आसानी से पच सके।उड़द दाल और मूंग दाल में क्या अंतर है?
उड़द दाल भारी और बल्य होती है, जबकि मूंग दाल हल्की (लघु) और आसानी से पचने वाली मानी जाती है। कमजोर पाचन वाले लोगों के लिए मूंग दाल बेहतर विकल्प है।
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Oct 23, 2025 16:10 IST
Published By : Akanksha Tiwari