आयुर्वेद में जड़ी बूटियों और प्राकृतिक पौधों से विभिन्न रोगों का इलाज किया जाता है। किडनी में होने वाले स्टोन यानी पथरी से बचने के लिए भी आप कई तरह के उपायों को अपना सकते हैं। आयुर्वेद में किडनी स्टोन को अशमारी के नाम से जाना जाता है। जब व्यक्ति के शरीर में कफ दोष का प्रभाव मूत्र पथ तक पहुंचने लगता है, तो ऐसे में पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं वात की प्रक्रिया इन छोटी पथरियों को सूखाने का काम करता है। यह धीरे-धीरे किडनी में जमा होने लगते हैं। जब यह हिलते हैं तो इससे पेल्विक हिस्से में तेज दर्द होता है और व्यक्ति को पेशाब करने में परेशानी होती है। इसके साथ ही व्यक्ति को हिलने में भी हल्का दर्द महसूस होता है। यदि, पथरी का साइज बढ़ा हो तो ऐसे में व्यक्ति को तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। हल्के या कम गंभीर मामलों को औषधी व दवाओं से ठीक करने का प्रयास किया जाता है, जबकि गंभीर मामलों में व्यक्ति की सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। सरकारी प्राथमिक केंद्र में कार्यरत आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर सोनल गर्ग के अनुसार यदि समय रहते है कुछ उपायों को अपनाया जाए तो आप किडनी की पथरी से बच सकते हैं। आगे जानते हैं किडनी स्टोन से बचने के आयुर्वेदिक उपाय।
किडनी की पथरी से बचने के लिए फॉलो करें ये आयुर्वेदिक उपाय - Ayurvedic Remedies To Prevent Kidney Stone In Hindi
अधिक मात्रा में पानी पिएं
किडनी की पथरी में व्यक्ति को संतुलित मात्रा से थोड़ा अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है। इससे शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ ही किडनी के विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में मदद मिलती है। अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने के लिए रोजाना करीब तीन से चार लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है।
नींबू पानी में शहद मिलाकर पीना
हल्के गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाएं। इसके बाद नींबू पानी में शहद मिलाएं। इसे पीने से किड़नी की पथरी से बचाव होता है और जिन लोगों को पथरी हो चुकी है उनका रोग बढ़ता नहीं है। जिन लोगों को इसका टेस्ट पसंद नहीं आता है वह इसमें चुटकी भर सेंधा नमक भी मिला सकते हैं। नींबू का रस पथरी को तोड़ने में सहायक होता है, जबकि शहद किडनी की पथरी को बाहर निकालने के लिए मददगार साबित होता है। इस पानी से पेशाब के जरिए पथरी बाहर आने लगती है।
तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्तों का पानी किडनी के दबाव को कम करने और यूरिक एसिड को नियंत्रित करने का काम करते हैं। तुलसी के पत्तों को गर्म पानी में डालकर उबाल लें। इसके बाद इस पानी में शहद मिलाकर पिएं। इसमें इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो किडनी की पथरी से बचाव करते हैं। साथ ही, किडनी की पथरी को तोड़कर बाहर करने में मदद करते हैं।
भिंडी को डाइट में करें शामिल
भिंडी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ मैग्नीशियम आदि तत्व होते हैं। यह किडनी में मौजूद रसायनों के क्रिस्टलीकरण को रोकने में भी मदद करते हैं, इसलिए किडनी की पथरी को रोकने के लिए अपने आहार में भिंडी को शामिल करने की सलाह दी जाती है।
लहसुन का करें उपयोग
लहसुन को डाइट में शामिल कर आप किडनी में होने वाले इंफेक्शन को दूर कर सकते हैं। किडनी की पथरी को दूर करने के लिए आप लहसुन की कलियों का भी सेवन कर सकते हैं। इससे शरीर के विषाक्त पदार्थ दूर होते हैं।
इसे भी पढ़ें : किडनी इंफेक्शन होने पर आजमाएं ये 5 घरेलू उपाय, जल्द मिलेगी राहत
आयुर्वेद के उपायों से आप किडनी की पथरी को दूर कर सकते हैं। साथ ही, किडनी में पथरी होने से बचाव कर सकते हैं। अगर, आपकी स्थिति गंभीर हो गई है तो ऐसे में डॉक्टर से मिलकर इसकी सर्जरी करा सकते हैं।