Ayurvedic Diet For Acid Reflux In Hindi: गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण कई तरह की पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। एसिड रिफ्लक्स भी एक पाचन संबंधी समस्या है, जिससे आजकल काफी लोग परेशान रहते हैं। एसिड रिफ्लक्स को गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज या गर्ड (GERD) के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में पेट में बनने वाला एसिड खाने की नली की ओर वापस आ जाता है। इसकी वजह से सीने में जलन, बार-बार खट्टी डकार आना, उल्टी या मतली महसूस होना और मुंह में गंदा पानी आना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। एसिड रिफ्लक्स होने पर कई बार व्यक्ति को बेचैनी और घबराहट भी महसूस हो सकती है। ऐसे में अधिकतर लोग इस समस्या से राहत पाने के लिए अंग्रेजी दवाइयों का सेवन करते हैं। लेकिन इनका ज्यादा सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसे में एसिड रिफ्लक्स की समस्या से निजात पाने के लिए आप आयुर्वेद की ओर रुख कर सकते हैं। आयुर्वेद शरीर के त्रिदोषों (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने पर केंद्रित है। आयुर्वेदिक डाइट प्लान और उपायों से आपको न सिर्फ एसिड रिफ्लक्स की समस्या से राहत मिल सकती है, बल्कि पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। आरोग्य विद आयुर्वेद सीरीज के इस लेख में हम आपको एसिड रिफ्लक्स की समस्या के लिए डाइट प्लान कैसा होना चाहिए, इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं। इसके बारे में जानने के लिए हमने आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ रितु चड्ढा (BAMS) से बातचीत की। आइए, जानते हैं विस्तार से-
डॉ ऋतु चड्ढा बताती हैं कि एसिड रिफ्लक्स को आयुर्वेद में उध्रवग अम्लपित्त कहते हैं। पित्त दोष के असंतुलन को एसिड रिफ्लक्स का मुख्य कारण माना जाता है। पितृदोष अग्नि और जल तत्वों से जुड़ा हुआ है और शरीर में पाचन और चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को नियंत्रित करता है। जब शरीर में पित्त दोष बढ़ जाता है या असंतुलित हो जाता है, तो यह पाचन तंत्र में अत्यधिक गर्मी, एसिडिटी और सूजन पैदा कर सकता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है।
एसिड रिफ्लक्स क्यों होता है?
डॉ रितु चड्ढा बताती हैं कि जब खाना पचाने में मदद करने वाला पित्त अन्नप्रणाली या इसोफेगस की ओर आने लगता है, तो इससे एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है। आमतौर पर जब हम भोजन करते हैं, तो उस समय भोजन की नली का निचला हिस्सा खुलता है। लेकिन कई बार किसी कारणवश यह हिस्सा खुला ही रह जाता है। जिसकी वजह से पेट के अंदर का पित्त या एसिड मुंह की तरफ आने लगता है। इसे ही एसिड रिफ्लक्स कहा जाता है। बार-बार एसिड रिफ्लक्स की समस्या होने पर अल्सर, कैंसर और पेट से जुड़ी अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए इस समस्या का सही समय पर उपचार करना बेहद जरूरी है।
डॉ रितु चड्ढा के मुताबिक, एसिड रिफ्लक्स से पीड़ित मरीजों को अपने खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए। ज्यादा मिर्च-मसालेदार, खट्टा या तैलीय भोजन खाने से सीने में जलन की समस्या बढ़ सकती है। एसिड रिफ्लक्स की परेशानी होने पर आपको हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए। साथ ही, भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए। आप अपने हेल्थ एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह पर आयुर्वेदिक डाइट प्लान फॉलो सकते हैं। डॉक्टर आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य आवश्यकताओ के आधार पर सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं। डॉ रितु चड्ढा ने हमारे साथ एसिड रिफ्लक्स के लिए एक सैंपल डाइट प्लान भी शेयर किया, जो इस प्रकार है-
एसिड रिफ्लक्स से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक डाइट प्लान - Ayurvedic Diet For Acid Reflux Relief In Hindi
एसिड रिफ्लक्स की समस्या में सुबह क्या खाएं?
डॉ रितु चड्ढा बताती हैं कि एसिड रिफ्लक्स से पीड़ित मरीजों को सुबह सबसे पहले एलोवेरा जूस, जीरा वाटर या मेथी का पानी पीना चाहिए। इससे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं और पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। इसके अलावा, एसिड रिफ्लक्स में सुबह खाली पेट दही में शक्कर मिलाकर खाना भी फायदेमंद रहता है।
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एसिड रिफ्लक्स की समस्या में ब्रेकफास्ट में क्या खाएं?
एसिड रिफ्लक्स के मरीजों को सुबह नाश्ते में चाय-कॉफी, बिस्कुट, बेकरी आइटम्स या बेसन से बनी चीजें खाने से परहेज करना चाहिए। ब्रेकफास्ट में आप पोहा, उपमा, दलिया, इडली या फ्रूट चाट खा सकते हैं। ये सभी चीजें पचाने में आसान होती हैं, इसलिए इन्हें खाने से पाचन संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं।
एसिड रिफ्लक्स की समस्या में लंच में क्या खाएं?
आयुर्वेद के अनुसार, दोपहर का भोजन 12 बजे तक खा लेना चाहिए। हमेशा शांत और तनावमुक्त वातावरण में भोजन करें। साथ ही, अपने भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाएं। अधिक खाने और बहुत जल्दी-जल्दी खाने से बचें, क्योंकि यह पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। आपको बासी और ठंडा भोजन खाने से भी परहेज करना चाहिए। लंच में आप इन चीजों को शामिल कर सकते हैं -
- रोटी-हरी सब्जी
- हरी मूंग / पीली मूंग दाल
- सलाद
- मूंग दाल खिचड़ी
- टोफू

एसिड रिफ्लक्स की समस्या में स्नैक्स में क्या खाएं?
शाम को स्नैक्स में आप दूध वाली चाय या कॉफी पीने के बजाय हर्बल टी या ग्रीन टी का सेवन करें। इसके साथ आप मखाने या मुरमुरे खा सकते हैं।
एसिड रिफ्लक्स की समस्या में डिनर में क्या खाएं?
रात्रि का भोजन आपको 8 बजे से पहले कर लेना चाहिए। रात के समय हमारी पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, इसलिए हल्का और सुपाच्य भोजन खाएं। अगर आपको एसिड रिफ्लक्स की समस्या है, तो डिनर में वेजिटेबल सूप / वेजिटेबल दलिया, दाल-चावल या सॉटेड वेजिटेबल खा सकते हैं।
एसिड रिफ्लक्स की समस्या से बचने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स - Ayurvedic Tips For Weight Loss In Hindi
- अधिक मसालेदार और तैलीय भोजन खाने से एसिड रिफ्लक्स हो सकता है।
- मील स्किप करने से भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है। इसलिए निश्चित समय पर भोजन करें।
- एलोवेरा जूस, मुलेठी की चाय या कैमोमाइल की चाय पीने से एसिड रिफ्लक्स की समस्या में फायदा हो सकता है।
- भोजन करने के तुरंत बाद लेटने से बचें।
- दो केले मैश करके, उनमें छोटी इलायची पीसकर मिलाकर खाने से एसिड रिफ्लक्स में अच्छा लाभ होता है ।
- जीरा और धनिया को पीसकर मिलाकर रख लें। आधा चम्मच सुबह-शाम भोजन से पहले लेते रहें।
अगर आपको एसिड रिफ्लक्स की समस्या है, तो आप आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के द्वारा बताए इस डाइट प्लान और टिप्स को फॉलो कर सकते हैं। आयुर्वेद से जुड़े इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए हमारी 'आरोग्य विद आयुर्वेद' सीरीज के साथ जुड़े रहें। उम्मीद है कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ जरूर शेयर करें।