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PCOS और PCOD जैसी समस्याओं में फॉलो करें ये आयुर्वेदिक डाइट प्लान, हार्मोनल हेल्थ में भी होगा सुधार

पीसीओएस और पीसीओडी कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेदिक डाइट फायदेमंद होती हैं। एक्सपर्ट से जानें इन हार्मोनल प्रॉब्ल्मस के लिए खास आयुर्वेदिक डाइट।
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PCOS और PCOD जैसी समस्याओं में फॉलो करें ये आयुर्वेदिक डाइट प्लान, हार्मोनल हेल्थ में भी होगा सुधार

Does Ayurveda Cure PCOD Permanently: हार्मोन्स से जुड़ी किसी भी समस्या को कंट्रोल करने के लिए डाइट बहुत जरूरी है। अगर आपकी डाइट ही ठीक नहीं है, तो आपकी परेशानी कम होने के बजाय बढ़ सकती है। पीसीओएस और पीसीओडी भी हार्मोनल इंबैलेंस से जुड़ी समस्याएं हैं। लंबे समय तक खराब डाइट और खराब लाइफस्टाइल होने के कारण ये समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए इन समस्याओं को कंट्रोल रखने और रिवर्स करने के लिए भी डाइट सही होना जरूरी है। जब डाइट की बात आती है, तो आयुर्वेद को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक इलाज के जरिए कई बीमारियों को जड़ से खत्म किया जाता है। पीसीओएस और पीसीओडी के लिए भी आयुर्वेद में खानपान में कुछ चीजों पर विशेष ध्यान देनी की सलाह दी गई है। आयुर्वेदिक डॉक्टर ईशा नेगी ने इंस्टाग्राम पर वीडियो के जरिए आयुर्वेदिक डाइट प्लान और कई रेमेडिज शेयर की है। जिनकी मदद से पीसीओएस और पीसीओडी को कंट्रोल रखा जा सकता है। आगे लेख में जानें पीसीओएस और पीसीओडी के क्या डाइट फॉलो करनी चाहिए।

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पीसीओएस और पीसीओडी के लिए आयुर्वेदिक डाइट प्लान- Ayurvedic Diet Plan For PCOS and PCOD

सुबह अदरक का पानी पिएं- Ginger Tea

सुबह की शुरुआत आपको अदरक के पानी के साथ करनी है। अदरक के पानी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और ये पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं। अदरक का पानी शरीर में मौजूद टॉक्सिन निकालता है। इससे पाचन अग्नि तेज होती है और मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है। इसके लिए आपको पानी में अदरक को घीसकर डालना है और पानी को उबालना है। हल्का ठंडा होने पर छानकर इसे पीना है।

लंच के बाद छाछ पिएं- Buttermilk after Lunch

आयुर्वेद में दोपहर के खाने के बाद छाछ पीना फायदेमंद माना जाता है। इसे खाने से बॉडी को प्रोबायोटिक्स मिलते हैं और खाना ठीक से पचता है। खाने के बाद छाछ पीने से पाचन संबंधित कई समस्याएं ठीक होती हैं।

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रात में पिएं हल्दी वाला दूध- Turmeric Milk after Dinner

पीसीओएस और पीसीओडी में बॉडी इंफ्लेमेशन रहती है। इसे कंट्रोल रखने के लिए रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध जरूर पिएं। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इंफ्लेमेशन कम करने में मदद करते हैं। इसे बनाने के लिए आपको दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर पीना है।

खाने में सेंधा नमक डालें- Use Rock Salt

अपने खाने में साधारण या काला नमक के बजाय सेंधा नमक इस्तेमाल करें। इसके साथ ही मिठास के लिए भी रॉक शुगर इस्तेमाल करें। लेकिन इस्तेमाल के दौरान मात्रा का ध्यान जरूर करें।

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  • सप्ताह के पांचवे दिन यानी शनिवार को आप बॉडी डिटॉक्स के लिए ये टिप अपना सकते है। रात को सोने से पहले गुनगुने पानी में 2 ग्राम त्रिफला पाउडर डालकर सेवन करें। इसके बाद 2 ग्राम घी का सेवन भी करें, जिससे आंतों की सफाई ठीक से हो पाए।
  • पीसीओएस और पीसीओडी में काली किशमिश का सेवन जरूर करें। आपको दिन में 10 से 15 काली किशमिश खानी है।
  • दर्द से राहत के लिए आप सीसीएफ टी ले सकते हैं। इसके लिए आपको जीरा, धनिया के बीज और सौंफ को पानी में गर्म करके सेवन करना है। इससे शरीर की सूजन कम होगी और पीसीओएस और पीसीओडी में कई समस्याएं कंट्रोल रहेंगी।

इस तरह से आप डेली डाइट में बदलाव करके पीसीओएस और पीसीओडी को कंट्रोल कर सकते हैं। अगर साइकिल मेंटेन रखने के लिए आप दवा लेते हैं, तो इन टिप्स को फॉलो करने से पहले किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

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