अक्सर एक जैसे लगते हैं एंग्जायटी और पैनिक अटैक के लक्षण, जानें कैसे करें इन दोनों में फर्क

 एंग्जायटी और पैनिक अटैक सामान्य लक्षणों वाली मानसिक स्थिति है, पर इनमें अंतर है। आइए समझते हैं इनके इन्हीं अंतर को।
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अक्सर एक जैसे लगते हैं एंग्जायटी और पैनिक अटैक के लक्षण, जानें कैसे करें इन दोनों में फर्क


कोरोनावायरस महामारी के कारण लोग मानसिक तौर पर बहुत परेशान है। हर किसी के मन में बेचैनी और तनाव है। वहीं कुछ लोगों में एंग्जायटी डिसऑर्डर और पैनिक अटैक (Anxiety and panic disorders) तेजी से बढ़ रहा है, तो कुछ अवसाद यानी कि डिप्रेशन की स्थिति महसूस कर रहे हैं। पर जो लोग इन तमाम मानसिक स्थितियों (Mental health)की सही से पहचान नहीं कर सकते, वो इसका आसानी से उपचार नहीं करवा पाते हैं। दरअसल इन्हें पहचाने में सबसे बड़ी परेशानी ये है कि अक्सर लोग इनके लक्षणों में फर्क ही नहीं कर पाते हैं। उन्हें इसके सभी लक्षण एक जैसे ही महसूस होते हैं पर असल में इन सबसे में फर्क है। आज हम आपको ऐसी ही दो मानसिक स्थितियों के बीच फर्क बताएंगे, पहला एंग्जाइटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorder)और दूसरा पैनिक अटैक( Panic Attack)। तो आइए जानते हैं इन दोनों के बीच का फर्क।

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एंग्जायटी डिसऑर्डर और पैनिक अटैक (Anxiety and Panic Disorders)

एंग्जायटी डिसऑर्डर और पैनिक अटैक  दोनों में अत्यधिक चिंता, आशंका, घबराहट, भय, सांस लेने में कठिनाई, अधिक पसीना आना,  तेज धड़कन और कंपकंपी आदि महसूस होती है। हालांकि,  एंग्जायटी (Anxiety) आमतौर पर तनावपूर्ण स्थिति, अनुभव या घटना से संबंधित होती है। यह धीरे-धीरे आता है और इसमें लोग खास अंतर नहीं कर पाते हैं। वास्तव में यह हल्का, मध्यम या गंभीर हो सकता है।दूसरी ओर, पैनिक अटैक (Panic Attack) लगभग हमेशा गंभीर, अचानक होती है और इसमें अधिक गंभीर शारीरिक लक्षणों के साथ तीव्र, भारी भय शामिल होता है।

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एंग्जाइटी (Anxiety) 

एंग्जाइटी बिना किसी स्पष्ट कारण के होती है। कई लोगों में ये समस्या चरम पर पहुंचने के बाद उनके रोजमर्रा के कामों और उनकी जिंदगी को प्रभावित करने लगती है। ऐसी हालत में इसे चिंता रोग या एंग्जाइटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorders)कहा जा सकता है। इसमें ज्यादातर लोगों में ये लक्षण होते हैं। जैसे कि

  • -बेवजह की चिंता करना 
  • -लोगों के सामने जाने से डरना
  • -लिफ्ट में जाने का डर कि वापस नहीं निकल पाएंगे
  • -बार-बार चीजों को सेट करते रहना
  •  -पुरानी बातों को बहुत ज्यादा याद करना।

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पैनिक अटैक (Panic Attack)

यह स्थिति शरीर में रक्त संचार बाधित होने से होती है। शरीर में कार्बनडाईऑक्साइड की मात्रा अधिक होने से भी अटैक आ जाता है और झटका सा महसूस होता है। कई मामलों में शरीर कांप भी सकता है। बेचैनी के कारण ये अटैक में में बदल जाता है। इसमें व्यक्ति को खुद पर से नियंत्रण खोने जैसा महसूस होता है। कभी-कभी लोग चक्कर खाकर गिर भी जाते हैं, लेकिन फिर संभलते देर नहीं लगती। ये हार्ट अटैक से भिन्न है लेकिन हृदय से ही कनेक्टेड होता है। लोग अक्सर पैनिक अटैक को हार्ट अटैक समझने की भूल कर बैठते हैं, क्योंकि इसमें भी कई बार संबंधित व्यक्ति को दिल में दर्द कि शिकायत होती है। लेकिन हमेशा ऐसा हो ज़रूरी नहीं। इसके लक्षणों की बात करें, तो इसमें

  • -सीने में दर्द
  • -कंपकंपी और घबराहट
  • - तेज पसीना
  • -जी मिचलाना
  • - भ्रम की स्थिति
  • - दिल की धड़कन का अचानक बढ़ना या डूबना महसूस होना
  • - गला सूखना
  • - बार-बार टॉयलेट जाने की रूरत महसूस होना।

चूंकि पैनिक अटैक पूरी तरह से डर की नींव पर खड़ी स्थिति है, इसलिए जरूरी है कि आप अपने डर को खत्म करें और उससे बाहर निकलें। वहीं एंग्जायटी थोड़ा सामान्य है, जो कि ज्यादा सोचने के कारण होती है। तो आप अगर इसे कंट्रोल करना चाहते हैं तो ज्यादा सोचना बंद करें, सही डाइट लें और रेगुलर योग और प्राणायाम करें।

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