Are Hives Contagious Know In Hindi: पित्ती, स्किन से जुड़ी प्रॉब्लम है। यह रैशेज जैसी नजर आती है। अगर किसी को पित्ती हो जाए, तो वहां खुजली हो सकती है और स्किन का कलर भी बदल जाता है। असल में, यह एक तरह का एलर्जिक रिएक्शन होता है। अगर कोई व्यक्ति उस पर हाथ लगाए, तो उसका रंग बदल जाता है, जो कि धब्बे और उभार की तरह नजर आता है। आमतौर पर माना जाता है कि स्किन से जुड़ी ज्यादा परेशानियां संक्रामक होती है। ऐसे में, यह जान लेना जरूरी महसूस होता कि क्या पित्ती भी संक्रामक है यानी क्या यह रोग भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है? इस बारे में हमने एक्सपर्ट से विस्तार से बात की। जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें।
क्या पित्ती रोग एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है?- Are Hives Contagious Know In Hindi
नई दिल्ली स्थित अभिवृत एस्थेटिक्स के कॉस्मेटोलॉजिस्ट और स्किन एक्सपर्ट डॉ. जतिन मित्तल कहते हैं, "वैसे तो पित्ती रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में छूने भर से नहीं फैलता है। लेकिन, पित्ती रोग क्यों हो रहा है, यह बात मायने रखती है। दरअसल पित्ती रोग के कारण संक्रामक हो सकते हैं। अगर पित्ती रोग बैक्टीरियल इंफेक्शन, वायरस, गले में खराश और कॉमन कोल्ड के कारण हो रहा है, तो ऐसे में पित्ती रोग को ट्रिगर करने वाली चीजों के फैलने का डर बना रहता है। आपको बताते चलें कि पित्ती रोग कई प्रकार के होते हैं। एलर्जिक हाइव्स, इंफेक्शन इंड्यूस्ड हाइव्स, एन्वायरमेंटल हाइव्स और क्रोनिक हाइव्स। अमूमन, पित्ती रोग फैलता नहीं है। कई बार वायरल और बैक्टीरियल वजहों से भी पित्ती रोग हो सकता है। वैसे, तो इस तरह की पित्ती रोग अपने आप में संक्रामक नहीं होते हैं। हां, इसके कारण, वायरस और बैक्टीरिया की वजह से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इनसे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, लंबे समय तक धूप में रहने की वजह से भी हाइव्स हो सकता है। वहीं, अगर व्यक्ति लंबे समय तक स्ट्रेस में रहता है, तो भी हाइव्स ट्रिगर हो सकते हैं। लेकिन, इन्हें भी संक्रामक नहीं कहा जा सकता है।"
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पित्ती रोग होने पर डॉक्टर के पास कब जाएं?- When To Visit A Doctor For Hives In Hindi
आमतौर पर यह समस्या अपने आप ही कुछ दिनों में ठीक हो जाती है। लेकिन अगर आपको लंबे समय से पित्ती रोग है, तो इसकी अनदेखी करना सही नहीं है। डॉ. जतिन मित्तल कहते हैं, जरूरी है कि पित्ती रोग होने पर, इसके साथ नजर आ रहे लक्षणों पर गौर करें, जैसे-
- घरघराहट होना
- सांस लेने में कठिनाई
- गला कसना
- डिस्पैगिया या निगलने में दिक्कत
- बुखार आना
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पित्ती रोग से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपचार
पित्ती रोग को कभी भी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। वैसे तो पित्ती रोग को इमर्जेंसी केयर की जरूरत नहीं होती है। इसके बावजूद, इसकी अनदेखी सही नहीं है। इसके लक्षणों को कम करने के लिए आप निम्न उपाय अपना सकते हैं, जैसे-
- शरीर के हिस्से में पित्ती रोग हुआ है, वहां की ठंडी सिंकाई करें या गीले तौलिए से प्रभावित हिस्से को ढक कर रखें।
- पित्ती रोग होने पर ढीले-ढाले कपड़े पहनें ताकि स्किन रैशेज का रिस्क कम हो जाए।
- पित्ती रोग पर खुजली करने से बचें। इससे आपकी कंडीशन बिगड़ सकती है।
- पित्ती रोग क्यों हो रहा है, इसका पता लगाने की कोशिश करें।
- अगर पित्ती रोग लंबे समय से ठीक नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। उनके द्वारा दी गई, दवा या ऑइंटमेंट को रैशेज पर लगाएं।