होठ में सूजन का कारण हो सकता है एंजियोएडेमा, जानें कारण और बेहतर बचाव

शरीर के भीतर घटने वाली कोई समस्या अक्सर अपने लक्षणों को शरीर के बाहर तक प्रकट करने लगती है।
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होठ में सूजन का कारण हो सकता है एंजियोएडेमा, जानें कारण और बेहतर बचाव


शरीर के भीतर घटने वाली कोई समस्या अक्सर अपने लक्षणों को शरीर के बाहर तक प्रकट करने लगती है। इन लक्षणों को पहचानकर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए। समय पर सहायता का न मिलना रोग को बढ़ा भी सकता है। दरअसल, एंजियोएडेमा एक प्रकार की सूजन है जो त्वचा की अंदरूनी सतह पर पनपती है। यह हाइव्स से समानता दर्शाते हुए भी भिन्न है क्योंकि हाइव्स में सूजन केवल त्वचा की ऊपरी सतह पर उभरती है। किसी-किसी पीड़ित में तो यह दोनों स्थितियां एक साथ भी पाई जा सकती हैं। एंजियोएडेमा की समस्या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है। इस रिएक्शन की वजह से हिस्टेमाइन तथा अन्य रसायन शरीर के रक्त में पहुंच जाते हैं। असल में हिस्टेमाइन को शरीर तब रिलीज करता है जब इम्यून सिस्टम किसी प्रकार के एलर्जेन से सामना करता है।

हालांकि इसके पीछे के स्पष्ट कारणों का पता नहीं है लेकिन यह किसी जानवर की त्वचा से झड़ने वाली पपड़ी, पानी, सूरज की किरणों या तेज गर्मी के संपर्क में आने, कुछ विशेष प्रकार के खाद्य जैसे अंडे, मछली, दूध, कुछ बेरीज आदि के सेवन, हवा में मौजूद पराग कणों, किसी दवाई के सेवन या फिर कीड़े के काटने आदि से हो सकती है।

पहचाने लक्षण

इस तकलीफ का मुख्य लक्षण त्वचा के भीतर पैदा होने वाली सूजन है जो आंखों या होठों के आस-पास, हाथों, पैरों और गले पर भी नजर आ सकती है। यह सूजन फैल भी सकती है और इसमें दर्द तथा खुजली भी पनप सकती है। इसके अलावा जो लक्षण नजर आते हैं उनमें शामिल हैं-

  • पेट में तेज दर्द की लहरें
  • सांस लेने में तकलीफ
  • सूजा हुआ मुंह, आदि
  • तकलीफ और गंभीरता

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इस रोग की स्थिति और गंभीरता ध्यान न देने पर बढ़ सकती है। इसलिए यदि लक्षण तीव्र होने लगें तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेना आवश्यक है। ऐसी अवस्था में डॉक्टर को तुरंत दिखाएं यदि-

  • एंजियोएडेमा, उपचार के बावजूद कोई सुधार नहीं दर्शा रही है
  • सूजन बहुत ज्यादा बढ़ गई है या दर्द और तकलीफ असहनीय हो रही है
  • इसके पहले कभी भी यह समस्या न हुई हो
  • सांस लेने में बहुत तकलीफ होने लगे, चक्कर या बेहोशी जैसे लक्षण सामने आने लगें, आदि।

उपचार और सावधानी

इस समस्या को लेकर सतर्क रहना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यह गंभीर रूप में आपातकालीन स्थिति में बदल सकती है। यदि यह तकलीफ किसी प्रकार की एलर्जिक रिएक्शन के कारण है तो अक्सर एड्रिनलिन के इंजेक्शन रोगी को दिए जाते हैं लेकिन रोग के अनुवांशिक होने की स्थिति में यह इंजेक्शन कारगर नहीं होते। ऐसे में अन्य उपाय अपनाए जाते हैं।

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यह समस्या यदि शरीर में किसी प्रकार के फ्लूइड के जमाव के कारण पनपती है तो ज्यादा गंभीर हो सकती है। इसके अलावा डॉक्टर एलर्जी के स्रोत से बचने तथा सतर्कता रखने की सलाह देते हैं।

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