अस्थमा शवसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है जिसमें मरीज को सांस लेने में समस्या होती है। इस बीमारी के एक बार हो जाने पर इससे हमेशा के लिए छुटकारा पाना बहुत मुश्किल है। कहते हैं इस रोग के फैलने का कारण या तो धूल मिट्टी होता है और या फिर यह रोग जैनेटिक होता है। लेकिन हाल ही में एक ऐसे शख्स को दमा रोग हुआ है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। दरअसल हम बात कर रहे हैं ग्लोबल स्टार प्रियंका चोपड़ा की। इस अभिनेत्री को भी दमा रोग अपनी चपेट में ले चुका है।
बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का कहना है कि उन्हें दमा रोग है और इसमें छिपाने जैसी कोई बात नहीं है। प्रियंका ने सोमवार को ट्विटर पर कहा कि उन्हें यह बताने में कोई शर्म नहीं है कि उन्हें दमा रोग है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस पर बात की खुशी है कि यह रोग उन्हें करियर की ऊंचाइयों पर जाने से नहीं रोक सका। प्रियंका ने कहा 'मुझे अच्छी तरह जानने वाले लोग जानते हैं कि मुझे दमा है। मेरा मतलब है, इसमें छिपाने वाला क्या है? मुझे यह पता था कि इसके पहले कि दमा मुझे अपने काबू में कर ले, मुझे उसे काबू में करना होगा। जब तक मेरे पास मेरा इनहेलर है, दमा मुझे मेरे लक्ष्य को पाने और बेरोक जिंदगी जीने से नहीं रोकता।' प्रियंका फिलहाल अभिनेता फरहान अख्तर और जायरा वसीम के साथ 'द स्काई इज पिंक' की शूटिंग कर रही हैं।
दमा क्या है
सबसे पहले जानते हैं कि दमा क्या है? दमा श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है जिसमें मरीज को सांस लेने में समस्या होती है। इसमें मरीज की श्वसन नली में सूजन आ जाती है जिसके कारण नली सिकुड़ जाती है। नली के सिकुड़ने से मरीज को छोटे-छोटे टुकड़ों में सांस लेना पड़ता है। इससे छाती में उचित मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती जिससे सांस उखड़ने लगती है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। बड़ों में ये बीमारी काफी देखी जाती है। लेकिन शहरीकरण के दौर में और फास्ट लाइफस्टाइल के कारण बच्चों में भी ये बीमारी आम तौर पर देखने को मिल रही है। अगर आपके परिवार में अस्थमा का कोई मरीज हो तो इसके लक्षण अन्य सदस्यों में भी देखने को मिलते हैं।
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अस्थमा के लक्षण
- बलगम वाली खांसी या सूखी खांसी।
- सीने में जकड़न जैसा महसूस होना।
- सांस लेने में कठिनाई।
- सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आना।
- रात में या सुबह के समय स्थिति और गंभीर हो जाना।
- ठंडी हवा में सांस लेने से हालत गंभीर होना।
- व्यायाम के दौरान स्वास्थ्य और ज्यादा खराब होना।
- जोर-जोर से सांस लेना, जिस कारण से थकान महसूस होना।
- गंभीर स्थिति में कई बार उल्टी लगने की भी संभावना बढ़ जाती है।
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अस्थमा का उपचार
अस्थमा का उपचार तभी संभव है जब आप समय रहते इसे समझ लें। अस्थमा के लक्षणों को जानकर इसके तुरंत निदान के लिए डॉक्टर के पाए जाएं। अस्थमा के उपचार के लिए इसकी दवाएं बहुत कारगर हो सकती हैं। अस्थमा से निपटने के लिए आमतौर पर इन्हेल्ड स्टेरॉयड (नाक के माध्यम से दी जाने वाली दवा) और अन्य एंटी इंफ्लामेटरी दवाएं अस्थमा के लिए जरूरी मानी जाती हैं। इसके अलावा ब्रोंकॉडायलेटर्स वायुमार्ग के चारों तरफ कसी हुई मांसपेशियों को आराम देकर अस्थमा से राहत दिलाते हैं। इसके अलावा अस्थमा इन्हेलर का भी इलाज के तौर पर प्रयोग किया जाता है। इसके माध्यम से फेफड़ों में दवाईयां पहुंचाने का काम किया जाता है। अस्थमा नेब्यूलाइजर का भी प्रयोग उपचार में किया जाता है। अस्थमा का गंभीर अटैक होने पर डॉक्टर अक्सर ओरल कोर्टिकोस्टेरॉयड्स का एक छोटा कोर्स लिए लिख सकते हैं। इसको दो सप्ताह तक प्रयोग करने पर कोर्टिकोस्टेरॉयड के दुष्प्रभाव होने की संभावना कम है। मगर इसे एक महीने से ज्यादा प्रयोग करने से इसके दुष्प्रभाव अधिक गंभीर और स्थायी भी हो सकते हैं।
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