Ayurveda: किडनी व लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार हैं ये 11 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां

आयुर्वेद में असंख्य जड़ी—बूटियां (Ahurvedic Herbs) हैं, जो कि आपको स्वस्थ रखने में मददगार हैं। आइए आज हम आपको 11 ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी किडनी स्वास्थ्य और लिवर (Kidney and Liver Health) को बेहतर बनाने में मददगार हैं। 
  • SHARE
  • FOLLOW
Ayurveda:  किडनी व लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार हैं ये 11 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां


क्या आपको बार-बार पेशाब करते समय जलन या दर्द का सामना करना पड़ता है? अगर हां, तो यह गुर्दे में खराबी यानि किडनी स्वास्थ्य में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है, ऐसा होने पर मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई), गुर्दे में पथरी, गुर्दे की बीमारी आदि हो सकती हैं, इससे पहले कि चीजें हाथों से बाहर निकलें, आपके संभल जाएं। आयुर्वेद में विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों के लिए तरह—तरह की जड़ी-बूटियों हैं। आइए हम आपको यहां कुछ ऐसे हर्ब्स हैं, जो किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार हैं।

पलाश

पलाश एक पेड़ है, जिसके फूलों का सूख जाने पर जड़ी—बूटी के रूप में उपयोग किया जाता है।  इन चमकीले लाल-नारंगी फूलों में एक शांत शक्ति होती है, जो कि मूत्र प्रवाह को नियंत्रित करती है। इतना ही नहीं, पेशाब जलन के दौरान होने वाली जलन को भी कम करता है।

पुनर्नवा

पुनर्नवा भी एक आर्युवेदिक बूटी है, जिसमें कि प्राकृतिक मूत्रवर्धक गुण होते हैं, यही वजह है कि आयुर्वेद इसे मूत्रत्याग जैसे मूत्र संबंधी मुद्दों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके एंटी इंफ्लामेटरी गुणों के कारण यह किडनी को स्वस्थ और अच्छी तरह से काम करने में मदद करता है

इसे भी पढ़ेंः नवरात्रों में क्यों नहीं खाते हैं लहसुन-प्याज? धार्मिक नहीं, जानें 3 आयुर्वेदिक कारण

चंदन

आयुर्वेद उन लोगों के लिए चंदन के पेय का सुझाव देता है, जिन्हें यूटीआई है या पेशाब जलन व पेशाब के समय कठिनाई का सामना करना पड़ता है। चंदन के शांत और सुखदायक गुणों की वजह से जाना जाता है, लेकिन इसके साथ ही, इस जड़ी बूटी में एंटी-माइक्रोबियल गुण भी होते हैं। यह यूटीआई इंफेक्शन का इलाज करते हुए गुर्दे के कार्यों को प्रबंधित करने में मददगार है। 

त्रिफला

त्रिफला एक ऐसी जड़ी-बूटियों का एक संयोजन है, जो आपके वजन घटाने से लेकर गुर्दे के प्राकृतिक कामकाज में सुधार करती है। त्रिफला गुर्दे और यकृत को मजबूत बनाने और शरीर के उत्सर्जन संबंधी कार्यों के प्रबंधन में मददगार है।

हॉर्सटेल 

हॉर्सटेल में अल्कलॉइड है, जो किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ गुर्दे की प्रणाली में सुधार करता है। इतना ही नहीं, गुर्दे से सभी हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।

इसे भी पढ़ेंः वजन घटाने से लेकर ब्‍लड प्रेशर कंट्रोल करने तक जानें जिनसेंग चाय के 5 अद्भुत फायदे

गोक्षुरा

गोक्षुरा पेड़ की छाल गुर्दे के स्वास्थ्य और यूटीआई इंफेक्शन और पेशाब जलन सहित खराब गुर्दे के स्वास्थ्य से जुड़ी सभी समस्याओं के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है। यह गुर्दे की पथरी को खत्म करने के लिए ब्लड सर्कुलेशन में मददगार है।

गुड्डुची

गुड्डुची के कसैले गुण आपके स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेद में इस जड़ी बूटी को गुर्दे और उसके कार्यों के लिए अद्भुत कहा गया है। इसे डॉक्टर से सलाह लेने के बाद सेवन की सलाह दी जाती है क्योंकि यह हर किसी के अनुकूल नहीं है और आपके शरीर में कुछ छोटे प्रतिकूल परिवर्तन ला सकती है।

हल्दी

औषधीय गुणों का भंडार हल्दी एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है, जो प्रभावी रूप से सामान्य गुर्दे के संक्रमण, मूत्र की समस्याओं, गुर्दे की विफलता आदि का इलाज कर सकती है। हल्दी का रोजाना सेवन आपके स्वास्थ्य को कई तरह से बेहतर बना सकता है जैसे कि गुर्दे की पथरी, किडनी में सूजन, इंफेक्शन, किडनी सिस्ट आदि।

वरुण

वरुण एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो पेशाब को बढ़ावा देने के लिए एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में काम करती है। यह गुर्दे की पथरी और अन्य गुर्दे की समस्याओं के जोखिम को भी कम करने में मददगार है। वरुण खून को साफ करने और गुर्दे के कार्यों में सुधार करने के लिए फायदेमंद है।

अदरक

अदरक एक सफाई घटक के रूप में प्रयोग किया जाता है। अदरक लिवर और किडनी को डिटॉक्स करता है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लामेटरी गुण गुर्दे में दर्द और सूजन का मुकाबला करने के लिए मददगार होते हैं, जो यूटीआई इंफेक्शन या संक्रमण के कारण होते हैं।

धनिया

धनिया हर घर की रसोई में इस्तेमाल किया जाता है। खाने को गार्निश करने के लिए बड़े पैमाने पर धनिया का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह किडनी की समस्याओं के लिए भी एक बेहतरीन घटक है। धनिया गुर्दे और मूत्राशय के कार्यों को विनियमित करने में मदद करता है।

Read More Article On Ayurveda In Hindi

Read Next

मौसम बदलने पर आप भी पड़ जाते हैं बीमार? जानें आयुर्वेद के अनुसार अक्टूबर-नवंबर में क्या खाएं, क्या नहीं

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version