मौसम बदलते ही कुछ लोगों को कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं, जैसे- सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, बैक्टीरियल इंफेक्शन, थकान और उदासी आदि। अगर आपका शरीर सेंसिटिव (संवेदनशील) है, तो मौसम बदलने के साथ ही आपको कई तरह की परेशानियां होनी स्वाभाविक हैं। अक्सर छोटे बच्चे और बूढ़े लोगों को इस तरह की परेशानियां ज्यादा होती हैं। ऐसे समय में हमें स्वस्थ रखने में हमारी डाइट और लाइफस्टाइल बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर की 3 प्रकृति होती हैं- वात, पित्त और कफ। इनमें आपस में बैलेंस बने रहना बहुत जरूरी है। तीनों में से किसी एक के भी बढ़ने-घटने पर कई तरह की शारीरिक परेशानियां शुरू हो जाती हैं। आमतौर पर ठंड शुरू होते ही कफ दोष का प्रभाव बढ़ने लगता है। इसी के कारण खांसी, जुकाम और बुखार ऐसे मौसम में बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार मौसम बदलने पर अपनी डाइट में बदलाव करके आप प्राकृतिक बदलावों से लड़ने के लिए अपने शरीर को तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आयुर्वेद में जहां कुछ खास चीजें खाने की सलाह दी गई है, वहीं कुछ चीजों का परहेज भी बताया गया है।
इन चीजों का करें परहेज (Foods to Avoid Durinf Seasonal Changes)
- सफेद चीनी का सेवन कम करें
- काले चने कम खाएं।
- नया अनाज न खाएं। अनाज को कम से कम 6 महीने पुराना होने पर ही खाएं।
- खट्टी चीजों का सेवन थोड़ा कम करें। जैसे- नींबू, दही, अचार आदि इस मौसम में आपको बीमार बना सकते हैं।
- नमक का सेवन इस मौसम में कम कर दें। नमक शरीर में पानी को रोक कर रखने का काम करता है, जिससे आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- नए गुड़ और गन्ने या इसके जूस का सेवन न करें।
- इस मौसम में भैंस के बजाय गाय का दूध पीना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद होगा।
- मौसम बदलने पर आपकी पाचन क्षमता पर असर पड़ता है और आप खाना कम पचा पाते हैं। इसलिए आपको इस मौसम में मांसाहारी आहारों का सेवन कम करना चाहिए और शाकाहारी आहारों में भी गरिष्ठ भोजन (जो आसानी से नहीं पचते) से बचना चाहिए।
- दिन में 2 बार से ज्यादा चाय और 3 बार से ज्यादा कॉफी न पिएं। यह भी ध्यान रखें कि दूध वाली चाय और कॉफी का इस्तेमाल बहुत ही कम करें।
- वैसे तो मैदा से बनी चीजें हर मौसम में आपके शरीर के लिए नुकसानदायक होती हैं, मगर इस मौसम में आप मैदे से दूर ही रहें, तो अच्छा है।
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इस मौसम में क्या खाएं (Foods to Eat During Seasonal Changes)
दोपहर को छोड़ दें, तो आजकल ज्यादा समय मौसम ठंडा ही रहता है। ऐसे में आपको ठंड में होने वाली परेशानियों से बचने के लिए आयुर्वेद के अनुसार इन चीजों का सेवन करना चाहिए।
- इस मौमस में जौ, ज्वार, बाजरा का आटा खाना आपके लिए अच्छा होता है।
- शुद्ध प्राकृतिक शहद मिल जाए, तो इस मौसम में आपके लिए उसे खाना सबसे ज्यादा सेहतमंद है।
- दालों में आप मूंग की दाल, अरहर की दाल, मसूर की दाल आदि ही खाएं। चने और सफेद मटर का सेवन न करें या बहुत कम करें।
- सब्जियों में आपको इस मौसम में लौकी, चिचिंडा, मेथी, पालक, बथुआ, धनिया आदि का सेवन करना चाहिए।
- ठंड शुरू होते ही प्याज का सेवन कम कर दें, जबकि लहसुन और अदरक का सेवन ज्यादा शुरू कर देना चाहिए।
- बहुत अधिक तेल-मसालों में बनी हुई सब्जियों के बजाय आपको सादा भोजन करना चाहिए। जैसे- सब्जियों को काटकर उबाल लें या स्टीम में पकाकर खाएं।
- छुहारा, सूखे नारियल, बादाम और अखरोटा का सेवन इस मौसम में फायदेमंद होता है। ये आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- अपने खाने में दालचीनी, काली मिर्च, हल्दी, लौंग, तेज पत्ता जैसे मसालों का प्रयोग बढ़ा देना चाहिए। आयुर्वेद में ये सभी मसाले शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं।
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इन बातों का भी रखें ध्यान (Tips to Prevent Seasonal Diseases)
- अक्टूबर-नवंबर के समय जब मौसम में बदलाव हो ही रहा होता है, तब आपको दिन में बिल्कुल नहीं सोना चाहिए। इस मौसम में दिन से सोने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है।
- मौसम बदलने पर दिन और रात के तापमान में काफी अंतर आ जाता है। इसलिए अगर दिन में कहीं निकल रहे हैं, तो रात की ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े अपने साथ जरूर रखें।
- अगर आपको 2 दिन से ज्यादा समय तक बुखार है, तो घरेलू नुस्खों के बजाय डॉक्टर से संपर्क करें।
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