अस्‍थमा का वैकल्पिक उपचार: जानें अंग्रेजी दवाओं के बगैर कैसे करते हैं दमे का इलाज?

अस्थमा में वैकल्पिक चिकित्सा कारगार है, लगभग 60% लोग इसके इस्तेमाल से खुद को रखते हैं चुस्त-दुरुस्त। जानें अस्थमा की वैकल्पिक चिकित्सा! 
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अस्‍थमा का वैकल्पिक उपचार: जानें अंग्रेजी दवाओं के बगैर कैसे करते हैं दमे का इलाज?


Alternative Treatment For Asthma: अस्थमा की समस्या वर्तमान समय में बहुत ही आम समस्या बन चुकी है। इस समस्या से राहत पाने के लिए कई चिकित्साएं मौजूद हैं। जिनके द्वारा इस समस्या का इलाज काफी कारगार तरीके से और बहुत ही जल्दी किया जा सकता है। अस्थमा के रोगियों के लिए वैकल्पिक चिकित्सा भी मौजूद है। इस चिकित्सा के द्वारा रोगी को अस्थमा के अटैक के खतरे से बचाया जा सकता है। साथ ही इससे रोगी की स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है। यह अस्थमा के मानक चिकित्सा से बिल्कुल अलग है। वैकल्पिक चिकित्सा में मसाज थेरेपी, बायोफीड बैक, हर्बल ईलाज, योगा आदि शामिल हैं। लगभग 60 % अस्थमा रोगी वैकल्पिक चिकित्सा का इस्तेमाल कर खुद को चुस्त दुरुस्त रखने की कोशिश करते हैं। जानें अस्थमा की वैकल्पिक चिकित्सा के बारे में: 

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योगा

अस्थमा की समस्या से राहत पाने के लिए योग काफी मददगार साबित हो सकता है। योग अस्थमा की जटिलता तो कम करने मे काफी लाभकारी है। योग में ऐसे कई विशेष योगासन है जिनका इस्तेमाल कर के रोगी को काफी आराम मिल सकता है। अनुलोम-विलोम अस्थमा के रोगी के लिए बेहद फायदेमंद एक्सरसाइज होती है। साथ ही सांस संबंधी व्यायाम के द्वारा सांस फूलने की समस्या को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

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हर्बल उपचार

पौधों व उससे बने उत्पादों का अपना अलग और विशेष इतिहास है। जो अस्थमा फिजियोलॉजी को बढ़ाने वाले तत्वों व ब्रोन्कोडाइलेटेशन के ईलाज में बेहद कारगार साबित होता है। अस्थमा के ईलाज के लिए हर्बल इलाज में पौधे व उससे बने उत्पादों को इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक की अस्थमा में दी जाने वाली ज्यादातर दवाईयां पौधों से ही बनी होती हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल करके अस्थमा रोगियों में अनैच्छिक शारीरिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित किया जाता है। इससे बच्चों व युवाओं को अस्थमा में काफी राहत मिलती है।

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होमियोपैथी

आमतौर पर लोग होमियोपैथी दवाओं पर काफी भरोसा करते हैं। क्योंकि इनके कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते। इन दवाओं को बनाने के लिए प्राकृतिक तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है साथ ही ये दवाईयां विशेष तरीकों के इस्तेमाल द्वारा बनाई जाती हैं। होमियोपैथी दवाओं के इस्तेमाल से अस्थमा के रोगियों की सांस फूलने की समस्या को कम किया जा सकता है। साथ ही अस्थमा के अन्य लक्षणों को भी नियंत्रित किया जा सकता है। अस्थमा की वैकल्पिक चिकित्सा लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी है साथ ही आप कौन-सी चिकित्सा ले रहे हैं इसकी पूरी जानकारी उन्हें दें। क्योंकि कई बार कुछ वैकल्पिक चिकित्सा हर्बल या प्राकृतिक तत्वों से बनी होने के बावजूद अस्थमा में काफी नुकसानदायक हो सकती है।

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वैकल्पिक चिकित्सा में इस्तेमाल किए जाने वाले उत्पादों को लेने से पहल डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। साथ ही उनका इस्तेमाल करने से पहले उनसे बात करें और सभी उत्पादों की पूरी जानकारी उन्हें दें। हर्बल दवाईयों को खरीदते समय वह किस ब्रांड की है साथ ही उसकी एक्सपाइरी डेट का ध्यान रखें। बॉक्स पर लिखी गाईडलाइंस को भी ध्यानपूर्वक पढ़ें।

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