How to Use Asthma Pump in Hindi: अस्थमा सांस लेने से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें मरीज की सांस की नली सिकुड़ जाती है। इस स्थिति में कई बार नाक से ठीक तरह से सांस नहीं आती है। ऐसे में सांस लेने और छोड़न में कठिनाई महसूस हो सकती है। आजकल प्रदूषण के चलते अस्थमा के मरीजों को कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। अस्थमा आमतौर पर एलर्जी, प्रदूषण फंगल सांस से जुड़े संक्रमण और कई बार अनुवांशिक कारणों से होता है। आजकल बच्चों में भी यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते बच्चों को भी इनहेलर (अस्थमा में इस्तेमाल किए जाने वाला पंप) की जरूरत पड़ती है। क्या आप जानते हैं अस्थमा वाले बच्चों को पंप का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? आइये बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. इमरान पटेल से जानते हैं इसके बारे में।
अस्थमा वाले बच्चों के लिए पंप इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है?
डॉ. पटेल के मुताबिक अगर आपके बच्चे को अस्थमा है तो उसे पंप इस्तेमाल करने का सही तरीका बताएं। पंप का इस्तेमाल करने के दौरान बच्चों को पहले सांस छोड़नी है इसके बाद पंप को मुंह में रखना है। इसके बाद उन्हें पंप को दबाना है और फिर सांस को खींचना है। इसके बाद मुंह को बंद रखकर सांस को अंदर की ओर खींचना है। संभव हो तो 10 सेकेंड के लिए पंप के अंदर की दवा को मुंह में होल्ड करके रखे इसके बाद सांस छोड़ें। इस पंप का इस्तेमाल करने के बाद गर्म पानी से कुल्ला करें।
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क्या अस्थमा वाले बच्चों को हमेशा पंप लेना पड़ता है?
डॉक्टर के मुताबिक बुजुर्गों या बड़ी उम्र के लोगों में अगर अस्थमा हो तो उनके हमेशा पंप लेने की संभावना ज्यादा रहती है। लेकिन बच्चों में यह समस्या ठीक हो सकती है। इसलिए उन्हें हमेशा पंप लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। बर्शते इसके लिए बच्चों को एलर्जी और प्रदूषण से बचाकर रखना चाहिए। पंप में मिलने वाली दवाएं आमतौर पर माइक्रोडोज में रहती हैं, जो सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदायक नहीं होती हैं।