असाधारण गुणों और अनगिनत फायदों से भरपूर हिमालयी जड़ी-बूटियों में से एक है 'फरन', जो कि केवल हिमालयी क्षेत्र में पाई जाती हैं। यह जड़ी-बूटी कई स्वास्थ्य लाभों के मामले में अविश्वसनीय है। प्याज परिवार से संबंधित, यह जड़ी-बूटी उत्तराखंड की अल्पाइन घास के मैदानों की मूल रूप से पाई जाती है।
यह पहाड़ी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कई व्यंजनों में स्वाद के लिए उपयोग की जाती है। फरन न केवल खाने के स्वाद को बढ़ाने में, बल्कि कई औषधीय गुणों को भी समृद्ध है। इस जड़ी-बूटी को अलग-अलग जगहों में कई अलग नामों से पुकारा जाता है और इस जड़ी-बूटी की खेती जून-जुलाई और सितंबर-अक्टूबर के महीनों में की जाती है। लेकिन इसका इस्तेमाल इन्हें सूखाकर आने वाले कई महीनों तक किया जाता है।
उत्तराखंड के लोग बेहतर अन्य मसालों के साथ स्वाद और स्वास्थ्य लाभों की वजह से इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करते हैं। बेसन करी से लेकर आलू के गुटकों और कई अन्य सब्जियों में इस मसाले को डाला जाता है। इसे खाने जायका बढ़ाने और खाने को हेल्दी बनाने के लिए किया जाता है। यह हिमालयी बूटी डायबिटीज से लेकर पित्त की समस्याओं के इलाज में मददगार है। यह आपके खून को साफ करने और कई असंख्य फायदों से भरपूर है। आइए हम आपको बताते हैं, फरन के फायदे।
फरन के प्रकार
फरन ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसके दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सौ से अधिक प्रकार पाए जाते हैं। इन सभी प्रकार के फरन में मानव स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले औषधीय गुण हैं।
उत्तराखंड की घाटी में उगाए जाने वाले फरन में एक अनोखा स्वाद है, जो इसे अन्य प्रकारों से अलग बनाता है। वहां की मिट्टी और जलवायु स्थिति इसके स्वाद और पौधे के औषधीय गुणों को बढ़ाती है।
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हिमालयी फरन के फायदे
फरन बहु-उपयोगी है, इसकी पत्तियों को इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि माना जाता है, इसकी पत्तियों में ऐसे गुण हैं कि ये कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करती है। जिसमें-
1. अपच से राहत दिलाए
इस जड़ी-बूटी का सेवन आपके पेट को दुरूस्त रखने में फायदेमंद है। यह आपके पेट के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और अपच के लक्षणों को कम करने में मददगार है। फरन खाने को आसानी से पचाने में मदद करता है।
2. खून साफ करने में सहायक
फरन ऐसी बूटी है, जो आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकारने में मददगार है। यह जड़ी-बूटी खून से सभी प्रकार की अशुद्धियों को खत्म करने के लिए में मदद करती है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करती है।
3. प्रतिरक्षा को बढ़ावा देती है
फरन के सेवन से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है। इस जड़ी बूटी का सेवन कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए विशेष रूप से अच्छा है। क्योंकि फरन शरीर को बैक्टीरिया, कीटाणुओं, वायरस, संक्रमण आदि से बचाने की मदद करती है और शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करती है।
4. खांसी और जुकाम के लिए
सर्दियों के मौसम में अधिकतर खांसी-जुखाम और गले में दर्द की समस्या होती है। ऐसे में यदि आप फरन का सेवन करते हैं, तो यह आपको मौसमी बीमारियों या फ्लू और इंफेक्शन से बचाने में मददगार है।
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5. अस्थमा में राहत
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि फरन ऐसी जड़ी-बूटी है, जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में सहायक है। अस्थमा रोगियों के साथ यह पीलिया के इलाज में भी सहायक हो सकती है।
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