एल्कोहल पीने से महिला और पुरुष की फर्टिलिटी (बच्चे पैदा करने की क्षमता) पर क्या असर पड़ता है? जानें डॉक्टर से

प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले छोड़ दें शराब की लत, पुरुषों-महिलाओं में शराब पीने के कारण हो सकती है इनफर्टिलिटी की समस्या, जानने के लिए पढ़ें।
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एल्कोहल पीने से महिला और पुरुष की फर्टिलिटी (बच्चे पैदा करने की क्षमता) पर क्या असर पड़ता है? जानें डॉक्टर से


कई कपल्स होते हैं जो शराब का सेवन करते हैं। कुछ लोग नियमित तौर पर तो कुछ लोग पार्टी व खास मौकों पर सेवन करते हैं। इन दिनों शराब का सेवन करना आम बात हो गई है। लेकिन तब क्या हो जब पुरुष-महिला दोनों ही शराब का सेवन करते हो और प्रेग्नेंसी प्लान करने वाले हो, क्या उन्हें इस बात को लेकर चिंता करने की जरूरत है.... जी हां। क्योंकि यदि कोई कम मात्रा में ही सही लेकिन नियमित तौर पर शराब का सेवन करता है तो उसके कारण पुरुषों-महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। तो आइए इस आर्टिकल में हम जमशेदपुर गोविंदपुर के जनरल फिजिशियन डॉ. एन सिंह से बात कर यह जानने की कोशिश करते हैं कि शराब का सेवन करने से पुरुषों में व महिलाओं में फर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करता है।

शराब की कितनी मात्रा पुरुषों के स्पर्म को कर सकती है प्रभावित

आज के दौर में शराब पीना सामान्य सी बात है, लेकिन शराब का अधिक मात्रा में सेवन करना हमारे शरीर के लिए नुकसानहेद है। पुरुषों-महिलाओं में होने वाले इंफर्टिलिटी के 35 फीसदी कारणों का पता लगाया जा चुका है। शोध से पता चला है कि ज्यादा शराब पीने वाले, नियमित तौर पर शराब पीन वाले, अनियंत्रित शराब का सेवन करने वाले (हर दो घंटे में पांच से अधिक ड्रिंक लेने वाले) लोगों के स्पर्म में असर दिखता है। सप्ताह में यदि कोई 14 या इससे अधिक ड्रिंक लेता है तो संभव है कि उसका टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होगा और स्पर्म काउंट पर असर पड़ेगा।

पुरुषों में राब पीने के कारण फर्टिलिटी पर अधिक होता है असर

  • हेल्दी स्पर्म का साइज, शेप और मुवमेंट में बदलाव आता है
  • समय से पहले इजेकुएशन व स्पर्म की मात्रा में कमी
  • गोनाडोट्रोपिन की मात्रा में बदलाव के कारण स्पर्म प्रोडक्शन पर असर
  • टेस्टिस का सिकुड़ना, इसके कारण नपुंसकता और इनफर्टिलिटी का कारण बनता है
  • टेस्टेस्टेरॉन लेवल, फॉलिकल स्टीमुलेटिंग हार्मोन, लुटीनाइजिंग हार्मोन में कमी आती है और एस्ट्रोजन लेवल बढ़ता है, इन कारणों से स्पर्म प्रोडक्शन में कमी आती है

डॉ. एन सिंह बताते हैं कि शराब के साथ ड्रग्स जैसे मरिजुआना (गांजा) और नशीले पदार्थों का सेवन करने से भी फर्टिलिटी पर असर पड़ता है। अत्यधिक शराब पीने से लीवर डिजीज होता ही है, इसकी वजह से स्पर्म की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है। इन तमाम नेगेटिव बातों के बीच एक अच्छी बात यह भी है कि यदि कोई शराब का सेवन बंद कर दे तो फिर वो पहले की तरह स्पर्म प्रोडक्शन कर सकता है। यदि कोई तीन महीने के लिए शराब का सेवन बंद कर दे तो फिर से वो हेल्दी स्पर्म का प्रोडक्शन कर सकता है।

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शराब महिलाओं की फर्टिलिटी को कैसे करता है प्रभावित

ज्यादा शराब पीने की वजह से महिलाओं में गर्भवती होने की संभावना कम होती है। इस वजह से उन्हें कई प्रकार की दिक्कत आ सकती है। जैसे

  • हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया की वजह से खून में प्रोलैक्टीन की ज्यादा मात्रा का होना
  • शरीर के हार्मोन की मात्रा में एकाएक बदलाव आना, जैसे टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्राडियोल, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन में बदलाव आता है
  • पीरियड साइकल अनियमित होना, इसके कारण ओवुलेशन की वजह से ओवेरियन फंक्शन अच्छे से काम नहीं कर पाते हैं, जिसे एमेनोरिया (amenorrhea) कहा जाता है।
  • प्रेग्नेंसी के समय शराब का सेवन करने से शिशु-मां दोनों के लिए ही खतरनाक होता है। जिसे फेटल एलकोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर भी कहा जाता है।

Wine And Fertility

पुरुष ऐसे बढ़ा सकते हैं प्रजन्न क्षमता

जमशेदपुर के जनरल फिजिशियन डॉ. एन सिंह बताते हैं कि फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए पुरुष व महिलाओं की कोशिश यही होनी चाहिए कि लाइफस्टाइल में बदलाव लाया जाए। ज्यादा शराब का सेवन न करें, तनाव न ले, डिप्रेस न रहें, ओवरवेट न रहें और स्मोकिंग न करें। ऐसा कर प्रजन्न क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा खाने में फल, हरी सब्जी, सी फूड और हेल्दी अनाज का सेवन करें।

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लाइफ में इन आदतों को अपनाएं

  • पुरानी बीमारी को नियंत्रण में रखें, जैसे कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा और अन्य शारिरिक समस्याएं
  • शराब का सेवन व धूम्रपान का सेवन पूरी तरह से त्याग दें
  • अपनी देखभाल खुद से करें
  • हेल्दी डाइट को अपनाएं
  • वजन को नियंत्रण में रखें

जानें कब लें डॉक्टरी सलाह

लाइफस्टाइल, दवा का सेवन, शराब का सेवन व हार्मोनल और जेनेटिक कारणों से इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। पुरुषों में हार्मोन एनालिसिस और सीमेन एनालिसिस कर बीमारी का पता लगाया जा सकता है। कुछ किट भी हैं जिससे स्पर्म काउंट का पता लगाया जा सकता है। लेकिन स्पर्म की क्वालिटी व मुवमेंट का इससे पता नहीं चलता है। बेहतर यही होगा कि आप इनफर्टिलिटी की समस्या को लेकर डॉक्टर से सलाह लें व उनके बताए अनुसार ही करें।

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