
आजकल के बदलते लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों के चलते मोटापा एक महामारी की तरह फैल रहा है। जिसकी वजह से वयक्ति एक नहीं कई बीमारियों का शिकार होता चला जा रहा है। यही वजह भी है कि आजकल हर कोई अपने वजन को कंट्रोल में रखने को लेकर काफी सर्तक रहता है। लेकिन क्या आप ये भी जानते हैं, कि आप जिस प्रदूषण और जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं, यह भी आपको मोटापे का शिकार बना सकती है। आपको यह बात सुनने में शायद थोड़ी अजीब जरूर लगे, लेकिन इस बात का खुलासा हाल में हुए एक अध्ययन में हुआ है।
क्या कहती है रिसर्च?
हवा में मौजूद छोटे धूल कणों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से श्वसन संबंधी समस्याएं, गले में जलन, खरांश, अस्थमा, गुर्दे की समस्याएं जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और कई बार यह कैंसर का कारण भी बन सकता है। लेकिन एक नए अध्ययन से पता चलता है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से भी वजन बढ़ सकता है।
जर्नल ऑफ द फेडरेशन ऑफ अमेरिकन सोसाइटीज फॉर एक्पीरिमेंटल बॉयोलॉजी (The Federation of American Societies for Experimental Biology)में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण हमारे वजन पर एक बड़ा प्रभाव डाल सकता है। यानि बढ़ता प्रदूषण आपको मोटापे का शिकार बनाने के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
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कैसे किया गया अध्ययन?
इस अध्ययन को करने के लिए शोधकर्ताओं ने चूहों पर यह अध्ययन किया, जिसके दौरान उन्होंने गर्भवती चूहों और उनकी संतानों के एक समूह को कुछ हफ्तों के लिए गंभीर रूप से प्रदूषित हवा वाली जगह रखा, जबकि चूहों के अन्य समूहों ने ताजा और फ़िल्टर्ड हवा में सांस ली। इस अध्ययन में 19 दिनों के बाद यह पाया गया कि प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से चूहों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ा। जिसमें-
- चूहों के फेफड़ों में सूजन हो गई थी
- चूहों के एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 50 प्रतिशत बढ़ा
- उनके इंसुलिन प्रतिरोध स्तर भी बढ़ गया था
इसके अलावा, अत्यधिक प्रदूषण के संपर्क में आने वाले चूहों ने भी आठ सप्ताह के बाद वजन बढ़ाया, भले ही चूहों के दोनों समूहों को एक ही समान खाना खिलाया गया था।
जिसके बाद शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन से यह परिणाम निकाला कि सूजन के कारण वजन बढ़ रहा था। हालांकि यह अध्ययन चूहों पर किया गया था, लेकिन मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। यह एक और कारण हो सकता है कि आपको वायु प्रदूषण के अपने जोखिम को कम करना चाहिए। जब भी आप बाहर जाएं तो मास्क का प्रयोग करें और अपने घर के लिए एक अच्छा एयर प्यूरीफायर खरीदें।
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दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। इस पर यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) की कार्यक्रम अधिकारी प्रीति सोनी ने बताया कि प्रदूषण से कैसे निपटा जा सकता है। प्रीति सोनी का कहना है, ''हर साल देश में प्रदूषण की वजह से तकरीबन 70 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है, जबकि इसमें 6 लाख बच्चे शामिल हैं। वायु प्रदूषण का सबसे अधिक शिकार बच्चे और बुजुर्ग होते हैं।'' आगे प्रीति सोनी कहती हैं, प्रदूषण बचाव के लिए पूरे साल ध्यान देने की जरूरत है, गाडि़यों को समय से रिपेयर कराने से लेकर पराली जलाने पर प्रतिबंध और अपने आस-पास पेड़ पौधे लगाए। इसके अलावा प्रदूषण से बचने के लिए घर के खिड़की दरवाजे बंद रखें। मास्क और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
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