योग करने से शरीर स्वस्थ और मन तरोताजा रहता है। योगासन के अभ्यास से शरीर की कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही शरीर के विभिन्न भागों में मजबूती भी आती है। सुबह उठकर योग करने से आप पूरा दिन स्वस्थ और तरोताजा अनुभव करते हैं। वहीं शाम को योग करने से भी कई फायदे मिलते हैं। ऐसा ही एक योग है के लिए अग्निस्तम्भासन योग। इससे कंधे और हाथों की मांसपेशियों में मजबूती आती है। साथ ही शरीर लचीला और सुडौल बनता है। इस योगासन में आप अपने पैरों की मदद से अभ्यास करते है, जिससे आपकी पैरों की हड्डिया और जांघों की मांसपेशियों मजबूत होती है। इस योगासन से आपको मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने में भी मदद मिल सकती है। आइए इस योगासन के फायदे और करने के तरीके के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अग्निस्तम्भासन योग के फायदे
1. अग्निस्तम्भासन योग के नियमित अभ्यास से आपकी मांसपेशियों को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है।
2. इसकी मदद से हैमस्ट्रिंग, पिंडली और एडक्टर मसल्स में लचीलापन आता है।
3. इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और शरीर के पोश्चर में भी सुधार आता है।
4. सांस लेने में होने वाली समस्याएं दूर होती है और फेफड़े मजबूत होते हैं।
5. कंधे और हाथों की मांसपेशियों मजबूत होती है।
6. इससे पाचन तंत्र और पेट के दर्द में भी सुधार होता है।
7. इस योगासन की मदद से दिमाग को शांत और फोकस करने में मदद मिलती है।
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अग्निस्तम्भासन योग करने का तरीका
1. योग मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
2. अब बाएं पैर या घुटने को दाहिने घुटने के ऊपर रखें और दाएं पैर को आगे की ओर झुकाएं।
3. इस दौरान आपका पैर बाएं घुटने के नीचे आना चाहिए।
4. सांस लें और हिप्स को नीचे दबाने की कोशिश करें।
5. सिर को ऊपर की तरफ खींचने की कोशिश करें और इस समय कंधों को नीचे और पीछे की तरफ खींचे।
6. छाती को सामने की ओर दबाएं और धीरे-धीरे हिप्स को नीचे की तरफ लेकर जाएं।
7. इस दौरान घुटनों को फर्श से स्पर्श कराने की कोशिश करें और पीठ और छाती को खुला रखें।
8. सांस छोड़ते हुए शरीर को आगे की ओर ले जाएं लेकिन दबाव न डालें।
9. घुटनों के बल बैठें और हाथों को आगे की ओर करें। संभव हो तो सिर को फर्श से छूने की कोशिश करें।
10. अब धीर-धीरे सांस लेते हुए ऊपर की तरफ उठें।
11. अब इसी आसन को दूसरी तरफ से भी करें।
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सावधानियां
1. रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर ये आसन न करें।
2. गंभीर रूप से बीमार होने पर भी इसका अभ्यास न करें।
3. डायरिया या पेट की समस्या होने पर इस आसन को न करें।
4. गर्दन या कंधों में दर्द या अकड़न होने पर इस मुद्रा को न करें।
5. घुटने में दर्द और आर्थराइटिस होने पर अग्निस्तम्भासन योग अभ्यास नहीं करना चाहिए।
6. हार्ट या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में ये योगासन न करें।
7. शुरुआत में किसी योगा ट्रेनर की मदद से ही ये योगासन करने का प्रयास करें।