Bipasha Basu Daughter Heart Surgery: एक्ट्रेस बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवर के घर पिछले साल 12 नवंबर को एक प्यारी सी बेटी ने जन्म लिया। बेटी का नाम देवी रखा। पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री ने बिपाशा और करण को माता-पिता बनने की बधाई दी। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि बिपाशा की बेटी देवी के लिए जिंदगी का सफर मुसीबतों के साथ शुरू हुआ। हाल ही में इंस्टाग्राम लाइव पर एक्ट्रेस नेहा धूपिया के साथ बातचीत में बिपाशा ने इस बात का खुलासा किया है। बिपाशा ने बताया है कि जब उनकी बेटी का जन्म हुआ तब वह वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (वीएसडी) नाम की बीमारी से पीड़ित थी। आपको बता दें कि यह एक तरह का जन्मजात हृदय दोष है। इसका अर्थ है हृदय में छेद की समस्या। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों के हार्ट में एक छेद हो जाता है। आगे जानेंगे बिपाशा बसु की बेटी ने किस तरह जीती जिंदगी की जंग और बताएंगे आपको वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट या दिल में छेद होने की बीमारी का इलाज। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के पल्स हॉर्ट सेंटर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक शुक्ला से बात की।
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3 महीने की उम्र में हुई सर्जरी- Bipasha Basu Daughter's Open Heart Surgery
बिपाशा ने नेहा धूपिया से बातचीत के दौरान यह बताया कि जिस समय उनकी बेटी की सर्जरी हुई तब देवी मात्र 3 महीने की ही थी। बिपाशा यह कहते-कहते रो पड़ीं कि वह दिन उनके और करण के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल थे। बिपाशा ने यह भी कहा कि वह कभी नहीं चाहेंगी कि किसी भी माता-पिता को उस दौर से गुजरना पड़े जिससे वह कुछ समय पहले बाहर आई हैं। अपनी बेटी की निजी जिंदगी से जुड़ी इस बात को लोगों के बीच शेयर करने के पीछे बिपाशा ने यह कारण दिया कि वह चाहती हैं कि सभी मांओं को अपने शिशु की सेहत की जानकारी हो, ताकि उन बच्चों को समय पर इलाज मिल सके। बिपाशा ने यह भी बताया कि सर्जरी के लिए डॉक्टर ने यह बताया था कि छेद को बंद करने के लिए ओपन हार्ट सर्जरी को 3 महीने की उम्र में कराना ठीक रहता है।
6 घंटे चला बिपाशा की बेटी देवी का ऑपरेशन- Bipasha Basu Daughter's Operation
बिपाशा ने शेयर किया कि उन्हें उम्मीद थी कि देवी के हार्ट में मौजूद छेद ठीक हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। करण भी अपनी बेटी की सर्जरी करवाने के लिए तैयार नहीं थे। बिपाशा और करण ने कई अस्पतालों के चक्कर भी काटे। लेकिन जब अंत में सभी ने सर्जरी का सुझाव दिया, तो डरते हुए दोनों से हामी भरी। बिपाशा ने नेहा से बातचीत के दौरान यह भी बताया कि उनकी बेटी देवी की सर्जरी करीब 6 घंटे चली। इस बीच वह बेहद तनाव में थीं। उन्हें सर्जरी और इस बीमारी से जुड़ी उतनी ही जानकारी थी जितनी डॉक्टर ने दी थी। इसके बाद जब डॉक्टर ने ऑपरेशन थिएटर से निकलकर यह बताया कि सर्जरी सफल हुई है और देवी ठीक है, तब जाकर करण और बिपाशा ने राहत भरी सांस ली।
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नवजात शिशुओं के हार्ट में छेद का इलाज कैसे किया जाता है?- Atrial Septal Defect Treatment in Newborn
जन्म के समय नवजात शिशु के दिल में छेद होने पर डॉक्टर शिशु की सेहत को स्थिर करने के लिए इंटेंसिव केयर यूनिट में रखते हैं। इसके बाद शिशु के हार्ट में मौजूद होल की जांच के लिए डॉक्टर इकोकार्डियोग्राफी और सोनोग्राफी जैसे परीक्षण करते हैं। गंभीर मामलों में अगर हार्ट में मौजूद होल ज्यादा बड़ा है, तो सर्जिकल इंटरवेंशन की मदद ली जाती है। बिपाशा की बेटी देवी के मामले में भी सर्जरी की मदद ली गई। लेकिन देवी की सर्जरी जन्म के तुरंत बाद नहीं बल्कि 3 महीने की उम्र में हुई। देवी के जन्म के 8 महीने बाद, बिपाशा ने इस राज से पर्दा उठाया है। अब बिपाशा की बेटी बिल्कुल ठीक हैं और एक सामान्य बच्चे की तरह जीवन जी रही हैं।
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क्या जन्म के तुरंत बाद हो सकता है हार्ट में छेद का इलाज?- Heart Hole Treatment in Newborn
लखनऊ के डफरिन अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सलमान ने बताया कि अगर आप यह पूछें कि नवजात शिशु के दिल में छेद का इलाज कब किया जाता है, तो यह शिशु के हार्ट में मौजूद होल की स्थिति पर निर्भर करता है। इलाज की उम्र हर मामले में अलग हो सकती है। कुछ मामलों में इलाज तुरंत किया जाता है वहीं कुछ मामलों में सर्जरी की मदद से इलाज 3 महीने या उसके बाद भी किया जाता है। एक अनुमान के मुताबिक, देश के 100 बच्चों में करीब 5 बच्चे दिल में छेद की बीमारी से जूझ रहे हैं। हालांकि कुछ मामलों में इस समस्या का इलाज दवाओं की मदद से कर दिया जाता है। वहीं कुछ मामलों में सर्जरी की जरूरत होती है। गर्भस्थ शिशु के दिल में अगर छेद होता है, तो जन्म से पहले अल्ट्रासाउंड की मदद से उसका पता लगा लिया जाता है।
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