Breastfeeding Tips For Mothers With Skin Diseases: मां और शिशु की अच्छी सेहत के लिए स्तनपान बहुत जरूरी है। स्तनपान के जरिए शिशु की शारीरिक और मानसिक जरूरतें पूरी होती हैं। मां के दूध में प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, विटामिन्स और ऐसे खनिज मौजूद होते हैं, जो शिशु की इम्यूनिटी को बढ़ावा देते हैं। मां के दूध में एंटीबॉडीज और अन्य तत्व मौजूद होते हैं। इसकी मदद से नवजात शिशु को बीमारी और इंफेक्शन से बचाया जा सकता है। ब्रेस्टफीडिंग से शिशु को कई प्रकार के संक्रमण जैसे कि डायरिया, श्वसन संक्रमण आदि से बचाया जा सकता है। ब्रेस्टफीडिंग शिशु के मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा देती है जिससे बच्चों में बुद्धि के स्तर यानी आईक्यू लेवल में सुधार होता है। मां का दूध पचाने में आसान होता है। स्तनपान करने से कब्ज, गैस, एसिडिटी और पेट दर्द आदि समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। कुछ शोध से पता चलता है कि स्तनपान करने वाले बच्चों में कैंसर और एलर्जी का खतरा कम होता है।
वैसे, तो स्तनपान एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन मां के लिए यह एक चुनौती तब बन जाती है, जब आपको एक्जिमा या सोरायसिस जैसे स्किन रोग हो जाएं। स्किन रोग में मां को यह डर रहता है कि शिशु को भी मां के शरीर से इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में स्तनपान कराने के लिए आपको कुछ एक्सपर्ट टिप्स की मदद लेनी चाहिए। इन टिप्स को विस्तार से आगे जानेंगे। 1 से 7 अगस्त तक पूरी दुनिया में वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2024 (World Breastfeeding Week 2024) मनाया जा रहा है। इसी कड़ी ओनलीमायहेल्थ भी आपको स्तनपान से जुड़ी जानकारी देता रहेगा। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्पिटल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
त्वचा रोग में मांओं के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स- Breastfeeding Tips For Mothers With Skin Diseases
त्वचा रोग से पीड़ित मांओं के लिए स्तनपान कराते समय कुछ खास सावधानियां बरतनी चाहिए। हम आपको कुछ आसान टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं-
- त्वचा को साफ और सूखा रखने की कोशिश करें। हर फीडिंग के बाद निप्पल और स्तन को हल्के साबुन और पानी से साफ करें और धीरे-धीरे पोंछ कर सूखा लें।
- अगर त्वचा में ड्राईनेस है, तो आप नारियल तेल या ऑलिव ऑयल जैसे प्राकृतिक तेलों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ड्राई त्वचा में खुजली और रैशेज होने का खतरा ज्यादा होता है इसलिए इससे बचना चाहिए।
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ठंडी सिंकाई करें। इससे दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। ठंडी सिंकाई करने से स्किन रोग के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
- कई पोजीशन्स में स्तनपान कराने से दर्द और जलन को कम किया जा सकता है। इससे निप्पल और स्तन पर समान दबाव नहीं पड़ता है।
- अगर त्वचा में कोई संक्रमण है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल करें। ध्यान रखें कि इन दवाओं का ब्रेस्ट मिल्क पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें।
- त्वचा रोग होने पर संतुलित आहार का सेवन करना जरूरी है। डाइट में विटामिन-ए, सी, डी और ई युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इससे त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है।
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स्तनपान के दौरान स्किन रोग होने पर क्या न करें?- What to Avoid in Skin Disease With Breastfeeding
- अगर आपको त्वचा रोग है, तो स्तनपान को अचानक बंद करने से बचें। यह आपके और शिशु दोनों के लिए मुश्किल का कारण बन सकता है। सही समय पर डॉक्टर से सलाह लें।
- त्वचा में खुजली होती है, तो इसे खरोंचने से बचें। इससे त्वचा पर घाव हो सकते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
- गलत पोजीशन से निप्पल पर अधिक दबाव पड़ सकता है और दर्द या संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। सही पोजीशन में शिशु को स्तनपान कराएं।
- परफ्यूम या खुशबू वाले लोशन का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ये त्वचा को और ज्यादा संवेदनशील बना सकते हैं।
- त्वचा में रेडनेस, सूजन, फोड़े, या अन्य इंफेक्शन के लक्षण हैं, तो इसे अनदेखा न करें। सही समय पर इलाज न मिलने से स्थिति बिगड़ सकती है।
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