यह सही है कि बरसात का मौसम गर्मी से राहत प्रदान करता है, लेकिन इस मौसम में सजगताएं न बरतने पर विभिन्न प्रकार के संक्रमण, एलर्जी और खासकर पेट संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। बावजूद इसके, आपको परेशान होने की जरूरत नहींहै। खानपान से संबंधित आदतों में थोड़ा सा बदलाव कर आप स्वस्थ बने रहकर मानसून का लुत्फ उठा सकते हैं।
- स्ट्रीट फूड्स से परहेज करें, क्योंकि इनके खाने से पेट में संक्रमण का खतरा कहीं ज्यादा बढ़ जाता है।
- ऑयली(तैलीय) और चिकनाई युक्त खाद्य पदार्र्थों से भी परहेज करें। ऑयली खाद्य पदार्र्थों को लेने से इस मौसम में आंतों से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं।
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- कटे हुए फलों और कटी हुई सब्जियों से परहेज करें, क्योंकि इनसे शरीर में संक्रमण उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है। फलों और सब्जियों को समूचे रूप में ही खरीदें और उनका इस्तेमाल करें।
- मौसमी फलों और सब्जियों को आहार में वरीयता दें।
- शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र को सशक्त करने के लिए विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों को डाइट में वरीयता दें। जैसे नींबू और अन्य साइट्रस फल। ये फल विभिन्न प्रकार के संक्रमणों को रोकने में मददगार हैं।
- बरसात के मौसम में उमस और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण खाद्य पदार्थ शीघ्र ही खराब हो जाते हैं। इसलिए ठंडे खाद्य पदार्र्थों को फ्रीजर में सुरक्षित रखें। इसी तरह हॉट फूड्स को खाने से पहले एक बार फिर गर्म करने के बाद खाएं।
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- इस मौसम में उमस के कारण पसीना निकलने से शरीर से काफी इलेक्ट्रोलाइट निकल जाते हैं। इनकी कमी को पूरा करने के लिए तरल पेय पदार्थ जैसे ताजा नींबू पानी, नारियल पानी और मट्ठा पिएं। इन पेय पदार्थों से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी नहीं होने पाती और शरीर के समस्त अंग सुचारु रूप से काम करते हैं। इसके अलावा शरीर के आंतरिक कार्य समुचित रूप से होते हैं।
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