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बच्चों की त्वचा पर इस्तेमाल करते हैं बेबी सॉप, तो लेबल पर जरूर पढ़ें ये 5 चीजें

Reasons one Should Read Ingredients in Baby Soap: बच्चों की नाजुक त्वचा पर सही साबुन का इस्तेमाल न किया जाए, तो स्किन ड्राई और डैमेज हो सकती है। इसलिए साबुन के लेबल पर कुछ बातें पढ़ना जरूरी है।
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बच्चों की त्वचा पर इस्तेमाल करते हैं बेबी सॉप, तो लेबल पर जरूर पढ़ें ये 5 चीजें


Reasons one Should Read Ingredients in Baby Soap:नवजात शिशु और छोटे बच्चों की त्वचा बहुत ही संवेदनशील, नाजुक और कोमल होती है। बच्चों की त्वचा सालों-साल कोमल और मुलायम बनी रहे, इसके लिए सही साबुन का इस्तेमाल करना जरूरी है। आज बाजार में बच्चों के साबुन (Baby Soap) के हजारों विकल्प मौजूद है, लेकिन हर साबुन उनकी त्वचा के लिए सही नहीं होता है। कुछ बेबी सोप बच्चों की नाजुक त्वचा को डैमेज करके रैशेज, जलन और खुजली का कारण बनते है।

लेकिन बच्चों के लिए साबुन खरीदते वक्त लेबल को ध्यान से पढ़ा जाए, तो पेरेंट्स यह तय कर सकते हैं कि वह साबुन आपके बच्चे की त्वचा के लिए सही है या नहीं। इस लेख में गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रेया से जानेंगे बेबी सोप खरीदते वक्त लेबल पर क्या-क्या पढ़ना चाहिए।

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1. Dermatologically Tested या Paediatrician Recommended

डॉ. श्रेया का कहना है कि बेबी सोप खरीदते वक्त लेबल पर त्वचा विशेषज्ञ और बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा टेस्टिंग का सर्टिफिकेट पढ़ना जरूरी है। यह संकेत देता है कि प्रोडक्ट को त्वचा विशेषज्ञों या बच्चों के डॉक्टरों द्वारा जांचा गया है। इसका मतलब यह है कि बच्चों की त्वचा के लिए साबुन और किसी भी अन्य प्रोडक्ट को सही माना गया है। पेरेंट्स बिना किसी संकोच के इस साबुन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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2. टीयर-फ्री फॉर्मूला- Tear-Free Formula

बेबी सोप के पीछे लेबल पर टीयर-फ्री फॉर्मूला लिखा हुआ होना बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट का कहना है कि यह शब्द इस बात की जानकारी देता है कि लगाने के बाद साबुन बच्चों की आंखों में जलन का कारण नहीं बनेगा।

3. इंग्रेडिएंट की लिस्ट- List of Ingredients

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों के लिए साबुन, शैंपू और विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट खरीदते वक्त इंग्रेडिएंट्स की लिस्ट को पढ़ना जरूरी है। साबुन में एलोवेरा जेल, एलोवेरा बेस्ड, कोकोनट ऑयल, ओट्स मिल्क, विटामिन-ई, शिया बटर जैसी चीजों का इस्तेमाल हो, तभी इसे खरीदना चाहिए। इस तरह की चीजें बच्चों की त्वचा की नमी और पोषण देने का काम करते हैं।

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4. हाइपोएलर्जेनिक- Hypoallergenic

बच्चों के साबुन के लेबल पर हाइपोएलर्जेनिक शब्द लिखा हो, तभी उसे खरीदना चाहिए। इस शब्द को लेबल पर लिखने से तात्पर्य है कि यह साबुन बच्चों की त्वचा पर एलर्जी पैदा नहीं करेगा। जिन बच्चों की त्वचा अतिरिक्त संवेदनशील होती है, उन्हें लेबल पर हाइपोएलर्जेनिक शब्द जरूर पढ़ना चाहिए। इसके अलावा लेबल पर “No Parabens”, “No Sulphates” लिखा हो, तभी उसका इस्तेमाल करना चाहिए।

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5. मानक चिन्हें और सर्टिफिकेट- Standard Marks and Certificates

बच्चों की त्वचा पर साबुन के लेबल पर मेड सेफ सर्टिफिकेट, एफडीए अप्रूवल, बीएसआई या आईसीआई मार्कज जैसे संकेत बताते हैं कि प्रोडक्ट की जांच की गई है। एक्सपर्ट का कहना है कि जिन बेबी सोप के लेबल पर मानक चिन्ह की जानकारी नहीं दी गई है, उनका इस्तेमाल बच्चों की त्वचा पर बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

डॉ. श्रेया की मानें, तो बच्चों की त्वचा पर सिंथेटिक डिटर्जेंट बार का इस्तेमाल करना चाहिए। यह त्वचा पर अधिक कोमल होता है। वहीं, ट्रेडिशनल बेबी सोप में अल्कली की मात्रा अधिक हो सकती है, जिससे स्किन ड्राईनेस और खुजली की परेशानी हो सकती है।

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निष्कर्ष

बच्चों की नाजुक त्वचा को कोमल और मुलायम बनाए रखने के लिए सही साबुन का इस्तेमाल जरूरी है। बच्चों के लिए साबुन चुनते वक्त ऊपर बताई गई चीजों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

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