हाथ धोना हमारे लिए कितना जरूरी है, यह बात हम सभी कोरोना वायरस के दौर में जान चुके हैं। हाथ धोने से न सिर्फ हाथों पर जमे वायरस और बैक्टीरिया कम होते हैं। बल्कि हवा की वजह से हाथों के संपर्क में आने वाले कीटाणु भी खत्म होते हैं। गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सीमा ओबेरॉय लाल की मानें तो सही तरीके से हाथ धोने से कीटाणुओं के फैलाव को रोकने और बीमारी फैलने से रोकने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं हाथों को धोने से पेट से जुड़ी समस्याएं नहीं होती है। स्वस्थ रहने के लिए एक व्यक्ति एक दिन में कम से कम 8 से 12 बार साबुन और पानी से हाथ धोना चाहिए। घर और ऑफिस के कामों को करते वक्त हाथ धोना इतना जरूरी नहीं है, लेकिन टॉयलेट से आने और खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोना बहुत जरूरी है।
हाथों को धोने के लिए कुछ घरों में पारंपरिक बार सोप का इस्तेमाल होता है। वहीं, कुछ घरों लिक्विड हैंड वॉश इस्तेमाल किए जाते हैं। मेरे घर में मां हाथों को धोने के लिए साबुन को तवज्जो देती है। जबकि भाभी का कहना होता है कि हाथों को लिक्विड हैंड वॉश से धोना चाहिए। क्योंकि साबुन पर सबके हाथों के कीटाणु लगे होते हैं, जब कोई दूसरा व्यक्ति उस साबुन से हाथ धोता है तो कीटाणु फैल जाते हैं। मेरे घर की तरह ही कई घरों में इस बात को लेकर बहस होती है कि हाथों को धोने के लिए लिक्विड हैंड वॉश सही या फिर साबुन। आइए जानते हैं इसका जवाब।
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साबुन या लिक्विड हैंड वॉश क्या है ज्यादा बेहतर
डॉ. सीमा ने हमारे साथ बातचीत में कहा, हाथों को धोने के लिए लंबे समय से साबुन और पानी का इस्तेमाल किया जाता रहा है। आज भी ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग हाथों को पारंपरिक साबुन से ही धोना पसंद करते हैं। साबुन से हाथ धोना तभी सुरक्षित होता है, जब उसका इस्तेमाल आपके अलावा कोई और न करें। साबुन और पानी से धोने से कीटाणु पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। साबुन हाथों की आखिरी सतह तक जाकर कीटाणुओं पर वार करता है और बीमारियों को फैलने से रोकता है। हालांकि जो लोग परिवार के सदस्य या दोस्तों के साथ साबुन शेयर करते हैं, उनमें बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। साबुन को शेयर करने से कीटाणु एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच संपर्क बनाते हैं और बीमारी फैलती है। कई बार साबुन की पीएच वैल्यू ज्यादा होती है। इसके इस्तेमाल से हाथों की त्वचा ड्राई हो जाती है।
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वहीं, बात अगर लिक्विड हैंड वॉश की करें तो यह कीटाणुओं को मारने में पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाता है। हैंड वॉश के इस्तेमाल के बावजूद हाथ में बैक्टीरिया रह जाते हैं। लेकिन लिक्विड हैंड वॉश की पीएच वैल्यू कम होती है। जिसकी वजह से यह हाथों को ड्राई नहीं होने देते हैं। लिक्विड हैंड वॉश के इस्तेमाल से हाथ मॉइस्चराइज हो जाते हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि जहां तक संभव हो, लोगों को साबुन से ही हाथ धोना चाहिए, ताकि कीटाणु पूरी तरह से खत्म हो सके। जिन लोगों को साबुन से हाथ धोने के बाद खुजली, जलन और किसी तरह की अन्य समस्या होती, उन्हें इस विषय पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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