तिल के पत्ते खाने से सेहत को मिलते हैं ये 5 जबरदस्त फायदे

आयुर्वेद मे औषधि माने जाने वाले तिल के पत्ते आपको कई समस्याओं से छुटकारा दिला सकते हैं। यहां जानें इसके प्रयोग और 5 फायदों के बारे में।  
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तिल के पत्ते खाने से सेहत को मिलते हैं ये 5 जबरदस्त फायदे


सेहत के लिए औषधि की तरह फायदेमंद कई खाद्य पदार्थ हमारे पास मौजूद होते हैं, जिनके बारे में हमें पता नहीं होता है। ऐसे ही आयुर्वेद में महत्वपूर्ण माने जाने वाले तिल के बारे में तो आप जानते होंगे, लेकिन क्या कभी आपने इसके पत्तों का सेवन किया है। इस लेख के माधयम से आज हम तिल के पत्तों के फायदों के बारे में जानेंगे। तिल के पत्ते एक नहीं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में फायदेमंद हैं। तिल घर घर इस्तेमाल होने वाला खाद्य पदार्थ है। तिल के पत्तों का सेवन न सिर्फ आपको पेट संबंधी विकारों से बचाता है बल्कि डायरिया (Diarrhea), बालों के ले फायदेमंद, हड्डियों की मजबूती (Bone Stronger) समेत कई परेशानियों में फायदेमंद माना जाता है। इसके पत्तों में मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड पाया जाता है, जो आपका कोलेस्ट्रोल घटाने में भी सहायक होता है। आइये जानते हैं इससे होने वाले फायदों के बारे में। 

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1. डायरिया (Diarrhea) 

डायरिया किसी वायरस की चपेट में आने से तो कभी दूषित खाना या पानी पीने से हो जाता है। डायरिया में मलत्याग़ के दौरान बहुत कठिनाई होती है। इसके दौरान शरीर में पोटेशियम की कमी होने लगती है, जो कि इंटेस्टाइन को प्रभावित कर सकती है। इसलिए डायरिया के दौरान पोटैशियम (Potassium)  इंटेक बहुत ज़रूरी होता है। इसलिए डायरिया होने पर तिल के पत्तों का जूस पीना चाहिए। इसका सुझाव तो प्राचीन काल के वैद भी दिया करते थे। चीन में भी डायरिया का घरेलू इलाज तिल के पत्तों के जूस से किया जाता है। तिल के पत्तों मे अधिक मात्रा में पोटैशियम होता है। इसके सेवन से शरीर में बाकी ज़रूरी मिनरल्स की पूर्ति भी होती है। 

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2. फोलेट की कमी  (Folate Deficiency)

फोलेट यानी फॉलिक एसिड (Folic Acid) की कमी से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की कमी हो जाती है। फॉलिक एसिड विटामिन बी (Vitamin B) का एक प्रकार होता है। इसे विटामिन बी 9 बी भी कहते हैं। फोलेट की कमी से मुंह में छाले थकान और होठ सूखना व फटना शामिल है। इसलिए फोलेट की कमी के बचाव और पूर्ति के लिए तिल के पत्तों का सेवन किया जाना चाहिए। तिल के पत्तों मे फॉलिक एसिड की मात्रा होती है। अक्सर शाखाहरी लोगों के लिए फॉलिक एसिड का स्त्रोत ढूंढना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इसलिए खासकर शाखाहारी लोग तिल के पत्तों का सेवन जरूर कर सकते है। इसके सेवन से एनेमिया के खतरे से भी बचा जा सकता है। 

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3. हड्डियों की मजबूती (Bone Strength)

तिल के पत्ते हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए एक अच्छा आहार हैं। इसे अपनी डायट में शामिल करने से यह हड्डियों की कई बीमारी जैसे की अर्थरोसिस मसल पेन आदि से आपको बचा सकता है। तिल के पत्तों मे बीटा-कैरोटीन (Beta Carotene) पाया जाता है जो कि हड्डियों के लिए एक आवश्यक तत्व है। साथ ही तिल के पत्तों मे कैल्शियम भी होता है। कैल्शियम का हड्डियों के लिए महत्त्व तो आप जानते ही होंगे। कैल्शियम की कमी से ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) बोन लॉस (Bone Loss) और हाइपोकैल्सीमिया (Hypocalcemia) जैसी समस्याएं हो सकती है।

4. बालों को बनाए काला (Makes Hair Black)

अगर आपके भी बाल उम्र से पहले ही सफेद हो रहे है तो आपको तिल के पत्तों की आवश्यकता होनी चाहिए। तिल के पत्तों में बालो को काला करने की क्षमता होती है। इसमें कैल्शियम और आयरन की मौजूदगी से आपके बाल सफेद नहीं होंगे। साथ ही इसमें बीटा कैरोटीन भी होता है जो कि बालों की ग्रोथ के लिए बहुत अच्छा होता है। बाल सफेद होने का एक कारण स्ट्रेस भी होता है और तिल के पत्तों में स्ट्रेस कम करने की क्षमता होती है। आप चाहें तो तिल के पत्तों को कच्चा चबा सकते है या फिर पानी में उबालकर इसका जूस भी बना सकते है।

5. एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर (Rich in Antioxidants)

तिल के पत्तो मे एक्टियोसाइड की मात्रा बहुत अधिक होती है। एक्टियोसाइड की सबसे खास बात यह है कि यह जिस भी खाद्य पदार्थ मे मौजूद होता है, उसमें एंटीऑक्सिडेंट्स (Antioxidants) की मात्रा अधिक हो जाती है। एंटीऑक्सिडेंट्स की वजह से तिल के पत्ते किसी भी तरह को बीमारी वायरस बैक्टीरिया (Bacteria) से लड़ने के लिए आपका सहारा बनते हैं। ये फ्री रैडिकल्स से कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को रोकते है। इसलिए तिल के पत्तो का सेवन आपको डायबिटीज दृष्टि रोग हृदय रोग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाता है। 

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कैसे करें इस्तेमाल (How to Use)

  • तिल के पत्तों को आप जूस के तौर पर पी सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले पत्तों को धो लें और पानी में उबाल लें। उबले हुए पत्तों को मिक्सर में डालें और उबले पानी को भी इसमें मिला दें। दोनों को अच्छे से पीस लें। आपका जूस तैयार है। 
  • तिल के पत्तों को खाया भी जाता है। तिल के पत्तों को महीन कूटकर उसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाएं। अब इसमें नारियल के तेल की कुछ बूंदें डालकर इसका सेवन करें। यह खासकर रैबीज के मरीजों के ले काफी फायदेमंद होता है। 
  • अगर आप बालों के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं तो तिल के पत्तों को अच्छी तरह पीसकर इसका लेप बना लें और इसे बालों पर हेयर मास्क की तरह लगाएं। 

तिल की ही तरह इसके पत्ते भी आपके लिए काफी उपयोगी होते हैं। इसलिए इस लेख में दिए गए सभी लाभ पाने के लिए इसका प्रयोग जरूर करें। यह पूर्ण रूप से प्राकृतिक है। 

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