दाल भारतीयों के सबसे पुराने भोजन में से एक है। दादी, नानी हमेशा दाल खाने की सलाह देती हैं, क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में पोषण होता है। भारतीय दाल को हर रोज अपनी एक मील में तो जरूर शामिल करते हैं। आप दाल को चावल, रोटी के साथ खाते होंगे, लेकिन अगर इसे अलग-अलग तरीकों से खाया जाए तो इससे मिलने वाले पोषक तत्वों में वृद्धि हो जाती है। भारत में दाल और फली की लगभग 65 हजार किस्में हैं। ये प्रोटीन, एमिनो एसिड (Amino acid), विटामिन बी (vitamin B), फाइबर (Fiber) और मिनरल्स (Minerals) के अच्छे सोर्स हैं। दाल खाने से हम हमेशा स्वस्थ रहते हैं। दाल खाने से एंटी एजिंग (Anti aging) की समस्या दूर होती है। दाल खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है, जिससे हम सभी तरह से इंफेक्शन (Infection), वायरस (Virus) और बैक्टीरिया(Bacteria) से अपना बचाव कर पाते हैं। हाल ही में न्यूट्रीशनिस्ट रुजुता दिवेकर (Rujuta Diwekar) ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर दाल खाने के 3 नियमों के बारे में बताया हैं। आइए, इस लेख से जानते हैं कि रुजुता दिवेकर अपने पोस्ट में क्या बताती हैं-
दाल खाने के 3 नियम (3 Rules of eating pulses)
कई लोगों को दाल खाने से कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। दाल खाने के बाद उन्हें गैस, एसिडिटी, ब्लोटिंग (Bloating) और कॉन्स्टिपेशन (constipation) की समस्या हो जाती हैं। ऐसे में दाल खाने का सही तरीका जान लें। इन तीन नियमों को फॉलो करके दाल खाएंगे तो कभी कोई समस्या नहीं होगी, इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी आपको मिलेंगे।
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Rule no. 1- दाल बनाने से पहले भिगोएं और अंकुरित करें (Soak and sprout before cooking)
दाल पकाने से पहले उसे रातभर पानी में भिगोकर रख दें। इसके बाद मलमल के कपड़े में बांध दें। इससे दाल अंकुरित हो जाएगी और दाल खाने से आपको ज्यादा फायदा मिलेगा। दालें प्रोटीन, विटामिंस और मिनरल्स का अच्छा सोर्स होते हैं। इसमें एमिनो एसिड भी पाया जाता है, जिसे डायजेस्ट करना थोड़ा मुश्किल होता है, ऐसे में अंकुरित दाल इसे पचाने में मदद करता है। इसमें नैचुरल एंटी-न्यूट्रीएंट्स (Natural anti-nutrients) होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। दाल को अंकुरित करने से उसमें से गैस कॉजिंग एजेंट (Gas causing agent) खत्म हो जाते हैं, जिससे पेट से जुड़ी कोई समस्या नहीं होती।
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Rule no. 2- दाल और अनाज का सही अनुपात (Use right ratio of pulses and grains)
जरूरी और गैर-जरूरी एमिनो एसिड में सुधार करने के लिए दाल को किसी भी तरह के अनाज के साथ लें। इसमें आप चावल, जौ, बाजरा, कुट्टु और रागी का आटा भी ले सकते हैं। लेकिन इनका सही अनुपात होना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप जब दाल को चावल के साथ लें तो इसका अनुपात 1:3 (दाल और चावल) का रखें, जबकि अगर आप इसे बाजरा के साथ लेते हैं, तो इसका अनुपात 1:2 (दाल और बाजरा) का रखें। दाल और अनाज को इस तरह इसलिए लिया जाता है, क्योंकि दालों और फलियों में मेथियोनीन (Methionine) नामक एमिनो एसिड की कमी होती है और अनाज में यह भरपूर पाया जाता है। जबकि अनाज में लाइसिन (lysine) की कमी होती है और दाल में लाइसिन भरपूर पाया जाता है। इसलिए इस तरह लेने से दोनों की कमी पूरी हो जाती है। दाल और अनाज को इस तरह लेने से होने वाले फायदे :
- - दाल और अनाज को इस तरह अपनी डाइट में लेने से एंटी-एजिंग की समस्या नहीं होती है। यह आपको जल्दी बूढ़ा होने से बचाता है।
- - दाल और अनाज में बहुत सारे पोषक तत्व (Nutrients) पाए जाते है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity system) को बढ़ाते हैं।
- - इसका इस तरह से सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं।
Rule no. 3. हर हफ्ते 5 अलग-अलग तरह की दालें और फलियां खाएं (Have atleast 5 types of pulses/ legumes every week)
दाल से सारे पोषक तत्व लेने के लिए आपको इसे अलग-अलग तरह से खाना जरूरी होता है। इसके लिए आप हर हफ्ते 5 अलग तरह की दालों को अपनी डाइट में शामिल करें। एक ही दाल को बार-बार खाने से बचें। एक दाल खाने से आप बोर भी हो सकते हैं। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें की दालों का सेवन आपको अलग-अलग रूप में करना है। एक महीने में 5 अलग तरह से दालों का सेवन करें। आप अचार (pickle), हलवा (Halwa), इडली (idli), डोसा (Dosa), पापड़ (Papad), लड्डू (Ladoo), पूरन पोली (pooran poli) और दाल के रूप में इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
दाल खाने से मिलने वाले फायदे (Benefits of pulses)
हीमोग्लोबिन बढ़ाए (Increase hemoglobin)
दाल में भरपूर मात्रा में विटामिन बी पाया जाता है। इसमें फॉलिक एसिड पाया जाता है, जो हीमोग्लोबिन बढ़ाता है। इसके साथ ही फॉलिक एसिड स्किन से पिगमेंटशन को ठीक करता है। बाल झड़ने की समस्या भी कम होती है।
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डाइजेस्टिव सिस्टम बनाए मजबूत (Strong digestive system)
दालों और फलियों में कई तरह के मिनरल्स पाए जाते हैं। इनमें आयरन, जिंक, कैल्शियम भरपूर पाया जाता है। इसके साथ ही इनमें भरपूर मात्रा में फाइबर भी होता है, जो डायजेस्टिव सिस्टम को मजबूत बनाता है, पेट से जुड़े रोगों को ठीक करता है।
आप भी दाल खाने के इन 3 नियमों का पालन करेंगे, तो आपको दाल खाने से किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी। इस तरह दालों का सेवन करने से आपको इनमें मौजूद सभी पोषक तत्व भी मिलेंगे।
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