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किस दाल को कितनी देर भिगोकर रखना चाहिए? जानें डायटिशियन से

क्या आप जानते हैं कि किस दाल को कितनी देर भिगोकर रखना जरूरी होता है? साथ ही दाल को भिगोकर रखना क्यों जरूरी है? जानें एक्सपर्ट से इस बारे में।  
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किस दाल को कितनी देर भिगोकर रखना चाहिए? जानें डायटिशियन से


Which Pulses Should Soaked For How Long: अधिकतर भारतीय अपने किसी न किसी मील में दालों का सेवन जरूर करते हैं। दालें न सिर्फ पोषक तत्वों का भंडार होती हैं, बल्कि शाकाहारियों के लिए प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत भी होती हैं। यहां तक कि बच्चे को जब तक ठोस पदार्थ नहीं दिए जाते, तब तक उसे दाल का पानी देने की सलाह दी जाती है। दालों के सेवन से काफी देर तक पेट भरा रहता है और वजन घटाना भी आसान होता है। वहीं दालों में जितनी अलग-अलग वेराइटी पाई जाती है, उसी तरह उन्हें बनाने का तरीका भी अलग होता है। हर दाल को भिगोकर रखने का समय भी अलग होता है, जिससे उसके पोषक तत्व भी बढ़ते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है दाल को भिगोकर क्यों रखा जाता है। साथ ही किस दाल को कितनी देर भिगोकर रखने की जरूरत होती है? इस बारे में जानकारी देते हुए न्यूट्रिशनिस्ट दीपशिखा जैन ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है। आइए इस लेख के माध्यम से जानें इन सभी प्रश्नों के उत्तर।

lentils

पहले जानें दालों को भिगोकर रखना क्यों जरूरी है? Why It's Needed To Soaked Lentils

दालों में फाइटिक एसिड नामक एक कंपाउंड पाया जाता है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा पैदा कर सकता है। लेकिन जब हम दालों को भिगोकर रखते हैं, तो यह एसिड पानी के जरिए दालों से निकल जाता है। दालों को भिगोकर रखने से शरीर के लिए इन्हें पचाना आसान हो जाता है, साथ ही दालों से पोषक तत्व सोखना भी आसान होता है।

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जानें किस दाल को कितनी देर भिगोकर रखना जरूरी है- Which Pulses Should Soaked For How Long

स्प्लिट दाल 

स्प्लिट दालों में अरहर, पीली मूंग दाल, चना दाल या उड़द दाल आती हैं। इनमें से कुछ दालें पचने में समय लेती हैं तो कुछ दालें जल्दी पच जाती हैं। इन्हें कम से कम 4 से 6 घंटे तक भिगोकर रखने की जरूरत होती है। इससे दालों से एसिड निकल जाता है और दालें पोष्टिक रहती हैं।

साबुत फलियां

साबुत फलियों में भारी दालों जैसै कि हरी मूंग, लोबिया और मोठ जैसी दालों को शामिल किया जाता है। इन दालों को उबालकर और अंकुरित करके दोनों तरीके से सेवन किया जाता है। लेकिन इस्तेमाल से पहले इन्हें 6 से 8 घंटे तक भिगोकर रखना जरूरी होता है। 

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बीन्स दालें

इस केटेगरी में राजमा, छोले, सोयाबीन और ब्लैक बीन्स को शामिल किया जाता है। इन्हें पचने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है। इनकी उपरी लेयर भी काफी मोटी होती है इसलिए इन्हें ज्यादा देर भिगोकर रखने की जरूरत होती है। इन्हें कम से कम 12 से 14 घंटे तक भिगोकर रखने की जरूरत होती है। 

दालों को ज्यादा देर भिगोकर न रखने के नुकसान- What Happens If You Don't Soak Lentils

अगर आप दालों को जरूरत मुताबिक नहीं भिगोकर रखते हैं, तो इससे इसमें मौजूद एसिड नहीं निकलेगा। दालों को न भिगोकर रखने से आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आपको जोड़ो में दर्द की समस्या से भी जूझना पड़ सकता है। 

 

 

 

 

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