प्रेग्नेंसी के 25वें सप्ताह तक महिलाओं के शरीर में बच्चे का विकास तेजी से हो रहा होता है। प्रेग्नेंसी के हर सप्ताह में महिला को कुछ-न-कुछ नए अनुभव होते हैं। इस समय शरीर में होने वाले बदलावों और डिलीवरी के लिए शरीर को तैयार करने के लिए महिलाओं को योग व एक्सरसाइज करनी चाहिए। इस समय महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलावों को स्थिर रखने के लिए मेडिटेशन एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी के 25वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षण और भ्रूण के विकास के बारे में।
प्रेग्नेंसी के 25वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षण - 25th Week Of Pregnancy Symptoms in Hindi
प्रेग्नेंसी के 25वें सप्ताह तक महिलाओं की दूसरी तिमाही का चरण लगभग पूरा होने वाला होता है। यदि गर्भावस्था में भ्रूण का विकास सामान्य गति से हो रहा होता है तो ऐसे में महिलाओं का वजन बढ़ जाता है। दूसरी तिमाही के चरण में अधिकतर महिलाओं को त्वचा में डार्क पैच, स्टेच मार्क्स, पेट के निचले हिस्से में लाइन का उभरना व स्तनों के आकार में वृद्धि हो जाती है। आगे जानते हैं महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षणों के बारे में।
चक्कर आना
प्रेग्नेंसी के समय में कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर दबाव पड़ता है। गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में रक्त करीब 50 फीसदी बढ़ जाता है। साथ ही गर्भावस्था में महिलाओं की हृदय गति भी तेज हो जाती है और उनका हृदय पहले की अपेक्षा तेज गति से पंप करने लगता है। इस वजह से प्रेग्नेंसी के बढ़ते दौर में महिलाओं को चक्कर आने की परेशानी होने लगती है। इस समस्या से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसके अलावा पीठ के बल नहीं लेटना चाहिए। साथ ही उठते समय धीरे-धीरे खड़े होना चाहिए।
त्वचा में खुजली होना
इस समय पेट व स्तनों में खिंचाव आने लगता है। इसकी वजह से त्वचा में ज्यादा खुजली की परेशानी हो सकती है। इस तरह की परेशानी होने पर महिलाओं को ढीले कपड़े पहनने चाहिए। साथ ही खुजली वाली जगह पर लोशन या क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए। यदि परेशानी ज्यादा हो तो उनको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
गैस और पेट फूलने की समस्या होना
प्रेग्नेंसी के 25वें सप्ताह में महिलाओं को गैस व पेट फूलने की समस्या होती है। इस तरह की परेशानी होने पर महिलाओं इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि किस तरह आहार से उनको ऐसी समस्या हो रही है। ऐसे में आराम पाने के लिए महिलाओं को गैस के लिए जिम्मेदार आहार को डाइट से दूर करना होगा। इसके साथ ही संतुलित व आसानी से पचने वाले आहार को डाइट में शामिल करना चाहिए। इससे पाचन क्रिया व पेट संबंधी कई तरह की समस्याएं नहीं होती है।
प्रेग्नेंसी के 25वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले अन्य लक्षण
- पैरों में सूजन
- सीने में जलन
- सोने में परेशानी होना
- त्वचा में पिगमेंटेशन होना
प्रेग्नेंसी के 25वें सप्ताह में भ्रूण का विकास - Fetus Development During 25th Week Of Pregnancy in Hindi
प्रेग्नेंसी के 25वें सप्ताह में भ्रूण का वजन करीब 660 ग्राम तक पहुंच जाता है। इस समय तक गर्भ में पल रहा भ्रूण पहले की अपेक्षा अधिक सक्रिय हो जाता है। तेज आवाज में बच्चा गर्भ में हिलने लगता है। इससे उसको किसी तरह की परेशानी नहीं होती, लेकिन ये लक्षण महिलाओं के लिए नया अनुभव होता है। इसके साथ ही कई महिलाएं गर्भ में पल रहे बच्चे की हिचकियों को भी महसूस करती हैं। इस समय तक बच्चा गर्भ में पेशाब करने लगता है और उसके पेशाब का अधिकांश भाग एमनियोटिक फ्लूयड में मिल जाता है। ये तरल गर्भ में बच्चे के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है।
विशेष सूचना - किसी भी तरह के गंभीर लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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प्रेग्नेंसी के 25वें सप्ताह में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न -FAQ’s for Week-by-Week Stages of Pregnancy In Hindi
प्रेग्नेंसी के 25वें सप्ताह में महिलाओं को क्या पता होना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के 25वें सप्ताह में महिलाओं को आयरन की कमी हो सकती है। ऐसे में उनको विटामिन और पर्याप्त पोषण लेने की आवश्यकता होती है। इस समय बच्चे के पोषण के लिए भी मां को विटामिन सप्लीमेंट्स लेने की आवश्यकता हो सकती है।
गर्भावस्था के 25वें सप्ताह में क्या करें?
प्रेग्नेंसी के 25वें सप्ताह में महिलाओं को कई तरह की सावधानी लेने की आवश्यकता होती है। इस समय महिलाओं को शराब व धूम्रपान से बचना चाहिए। साथ ही डिलीवरी के समय किसी तरह की समस्या न हो इसलिए योग व मेडिटेशन करना चाहिए। साथ ही संतुलित आहार को डाइट में शामिल करना चाहिए। लंबी दूरी की यात्रा करने से बचना चाहिए।
25वें सप्ताह में महिलाओं को क्या लक्षण महसूस होते हैं?
इस सप्ताह में महिलाओं को पेट व स्तनों में स्ट्रेच मार्क्स दिखने लगते हैं। इसके आलावा पेट में हल्की ऐंठन, पीठ में दर्द, पैरों में दर्द, त्वचा में पिगमेंटेशन, स्तनों में दूध आना व अन्य तरह के लक्षण महसूस होते हैं।