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प्रेग्नेंसी में श‍िशु के व‍िकास को प्रभाव‍ित करती हैं ये 5 गलत‍ियां, तुरंत करें सुधार

गलत खानपान, तनाव, नींद की कमी, नशा और नियमित चेकअप न कराना गर्भ में शिशु के विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
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प्रेग्नेंसी में श‍िशु के व‍िकास को प्रभाव‍ित करती हैं ये 5 गलत‍ियां, तुरंत करें सुधार


गर्भावस्था एक महिला के जीवन का सबसे खास समय होता है, जहां उसकी हर गतिविधि, खानपान और मानसिक स्थिति शिशु के विकास को सीधे प्रभावित करती है। यह समय न केवल मां के शरीर में कई बदलाव लाता है, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत और संपूर्ण विकास की नींव भी रखता है। हालांकि जानकारी की कमी, लापरवाही या कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो अनजाने में शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास को नुकसान पहुंचा सकती हैं। कई बार महिलाएं छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज कर देती हैं, लेकिन यही गलति‍यां शिशु के पोषण, दिमागी विकास या इम्यूनिटी पर असर डाल सकती है। प्रेग्नेंसी के समय हर निर्णय सोच-समझकर लेना जरूरी होता है। यह लेख खास तौर पर उन्हीं गलतियों पर रोशनी डालता है जो गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर की जाती हैं और जिनसे बचना मां और शिशु दोनों के लिए जरूरी है। नीचे बताई गई 5 चीजों से आपको परहेज करना चाहिए ताकि गर्भस्थ शिशु का व‍िकास सामान्‍य ढंग से हो सके। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्‍प‍िटल की गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

1. संतुलित आहार न लेना- Skipping a Balanced Diet

प्रेग्नेंसी में पौष्टिक आहार का विशेष महत्व होता है। अगर मां का आहार प्रोटीन, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम और विटामिन्स से भरपूर नहीं होगा, तो शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में रुकावट आ सकती है। फास्ट फूड या ज्‍यादा ऑयली खाना खाने से गर्भ में शिशु का वजन कम हो सकता है या जन्मजात बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

इसे भी पढ़ें- प्रेग्नेंसी में ज्‍यादा पेनकिलर खाने से सेहत को हो सकते हैं ये 7 नुकसान, डॉक्‍टर से जानें

2. नियमित चेकअप न कराना- Skipping Regular Checkups

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गर्भावस्था में नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाना शिशु और मां दोनों की सेहत के लिए जरूरी है। अगर कोई समस्‍या जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या थायरॉइड की समस्या समय पर पकड़ी न जाए, तो शिशु के विकास में रुकावट आ सकती है। चेकअप से समय पर इलाज और सही पोषण सुनिश्चित किया जा सकता है।

3. नशे की आदतें या दवाओं का दुरुपयोग- Drug Addiction and Medication Misuse

सिगरेट, शराब या बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं का सेवन शिशु के जन्मजात दोष, कम वजन या प्रीमेच्योर डिलीवरी का कारण बन सकता है। गर्भावस्था में किसी भी दवा को डॉक्टर से पूछे बिना नहीं लेना चाहिए। नशा छोड़ने के लिए परिवार की मदद लें और मेडिकल काउंसलिंग भी जरूरी है।

4. हर वक्‍त स्ट्रेस में रहना- Taking Excessive Stress and Anxiety

लगातार चिंता या तनाव गर्भ में पल रहे शिशु की न्यूरोलॉजिकल ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है। मानसिक तनाव से मां के शरीर में कोर्टिसोल जैसे हार्मोन बढ़ते हैं, जो भ्रूण पर बुरा असर डाल सकते हैं। ध्यान, मेडिटेशन और पॉजिटिव सोच से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

5. नींद और आराम की कमी- Lack of Sleep and Rest

गर्भवती महिला के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है। थकान या तनाव भरी दिनचर्या मां के हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ सकती है, जिससे शिशु के द‍िमाग के विकास पर असर पड़ सकता है। रोज 7-9 घंटे की नींद जरूर पूरी करें।

गर्भावस्था में की गई छोटी-छोटी गलतियां, श‍िशु के व‍िकास में बाधा बन सकती हैं। हर गर्भवती महिला को अपने खानपान, मानसिक स्थिति और जीवनशैली का खास ख्‍याल रखना चाह‍िए।

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FAQ

  • गर्भ में बच्चे का विकास न होने के क्या कारण हैं?

    गर्भ में बच्चे का विकास न होने के पीछे कारणों में पोषण की कमी, प्लेसेंटा की समस्या, मां को हाई ब्लड प्रेशर या इंफेक्‍शन जैसी स्थिति हो सकती है।
  • अगर गर्भ में बच्चा नहीं बढ़ रहा है तो क्या करें?

    नियमित अल्ट्रासाउंड करवाएं, पौष्टिक आहार लें और तनाव से बचें। डॉक्‍टर से न‍ियमि‍त जांच करवाएं, ताक‍ि समय रहते सही स्‍थ‍ित‍ि का पता चल जाए।
  • गर्भावस्था में बेबी की ग्रोथ के लिए क्या खाएं?

    गर्भावस्था में प्रोटीन, फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम युक्त आहार लें जैसे दालें, हरी सब्जियां, दूध, अंडा, ड्राई फ्रूट्स और मौसमी फल खाएं।

 

 

 

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