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युवाओं में क्यों बढ़ रही है थायरॉइड की समस्या, डॉक्टर से जानें

आज के दौर में थायरॉइड की समस्या को एक आम समस्या मानी जाती है। बदलती लाइफस्टाइल की वजह से यह समस्या युवाओं में भी देखने को मिल सकती है। इस लेख में जानते हैं कि युवाओं में थायरॉइड होने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
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युवाओं में क्यों बढ़ रही है थायरॉइड की समस्या, डॉक्टर से जानें


World Thyroid Day: आज के समय बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की अनियमित आदतों के चलते थायरॉइड की समस्या लोगों में एक बढ़ने लगी है। कुछ वर्षों पहले इस समस्या को बढ़ती उम्र से जोड़कर देखा जाता था। लेकिन, आज के समय में थायरॉइड की समस्या किशोरों (Teenagers) में भी देखने को मिल सकते हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बच्चों में भी थायरॉइड के मामले बढ़ने लगे हैं। समय पर यदि इसकी पहचान न की जाए तो यह किशोरों की मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक ग्रोथ पर असर डाल सकती है। आपको बता दें कि थायरॉइड गले में स्थित एक ग्लैंड होता है, जो थायरॉइड हार्मोन को रिलीज करने में मदद करता है। यह ग्लैंड थायरॉक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) नामक हार्मोन बनाता है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म, ग्रोथ, एनर्जी और मूड को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब यह ग्लैंड सही तरह से कार्य नहीं करता है तो ऐसे में हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथायरॉइडिज्म की स्थिति हो सकती है। किशोरों में सामान्यतः हाइपोथायरॉयडिज्म अधिक देखा जाता है। इस लेख में पद्म श्री डॉ. मुकेश बत्रा, संस्थापक एवं चेयरमैन एमेरिटस, डॉ. बत्राज हेल्थकेयर से जानेंगे कि युवाओं और किशोरों में थायरॉइड की समस्या के क्या कारण हो सकते हैं?

किशोरों में थायरॉयड के कारण - Causes Of Thyroid In Teenagers In Hindi

आयोडीन की कमी

आयोडीन थायरॉयड हार्मोन के निर्माण के लिए जरूरी मिनरल है। किशोरों के खानपान में नमक की जगह जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का बढ़ता सेवन आयोडीन की कमी का कारण बन सकता है, जिससे थायरॉयड ग्लैंड के कार्य प्रभावित हो सकते हैं।

हाशिमोटो रोग (Hashimoto's Thyroiditis)

यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से थायरॉयड ग्रंथि को नुकसान पहुंचाने लगती है। इससे थायरॉयड हार्मोन का स्तर गिरने लगता है। किशोरों में यह स्थिति थायरॉयड का सबसे सामान्य कारण है।

अनुवांशिक कारण

अगर परिवार में किसी व्यक्ति (जैसे माता, पिता या दादी-नानी) को थायरॉयड की समस्या रही है , तो ऐसे में किशोर में इसके होने की संभावना अधिक हो जाती है।

हार्मोनल बदलाव

किशोरावस्था में खासकर लड़कियों के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन तेजी से होते हैं। यह बदलाव थायरॉयड ग्रंथि को असंतुलित कर सकता है। ऐसे में थायरॉइज की समस्या होने की संभावना अधिक होती है।

तनाव

आज की क्लास में बेहतर प्रदर्शन, सोशल मीडिया का दबाव, और पारिवारिक अपेक्षाएं के चलते किशोरों को मानसिक तनाव हो सकता है। लंबे समय तक बना रहने वाला स्ट्रेस हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है, जो थायरॉयड ग्रंथि के कार्यों को प्रभावित कर सकता है।

मोटापा और दवाओं का साइड इफेक्ट्स

बाहर का तला भुना खाना और जंक फूड लगातार खाने की वजह से किशोरों में मोटापे और बढ़ते वजन की समस्या हो सकती है। मोटापे के कारण किशोरों को थायरॉइड की समस्या होने की संभावना बढ़ सकती है। इसी तरह जो युवा और किशोर मानसिक रोग की दवाएं लेते हैं उनको भी इन दवाओं के प्रभाव के चलते थायरॉइड की समस्या की संभावना बढ़ जाती है।

किशोरों में थायरॉइड की समस्या से बचाव कैसे करें? - Prevention Tips Of Thyroid In Teenagers In Hindi

  • किशोरों को डाइट में आयोडीन, आयरन, जिंक, और सेलेनियम से भरपूर आहार को शामिल करना चाहिए।
  • तनाव को कंट्रोल में करने के लिए योग, मेडिटेशन व अन्य सोशल एक्टिविटी में शामिल हों।
  • रोजाना करीब 30 मिनट एक्सरसाइज करने की आदत डालें।
  • अगर किसी तरह की दवा से साइड इफेक्ट दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उन्हें बदलें।

इसे भी पढ़ें: महिलाओं में दिखने वाले ये 5 लक्षण हो सकते हैं थायराइड का संकेत

थायरॉयड एक गंभीर लेकिन नियंत्रित की जाने वाली बीमारी है। खासकर तब जब इसका समय पर पता लगा लिया जाए। किशोरों में इसके लक्षणों को पहचानना और समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना बेहद आवश्यक है। किशोरों की शारीरिक ग्रोथ को थायरॉइड की समस्या प्रभावित कर सकती है। ऐसे में युवा और किशोर आपनी लाइफस्टाइल और डाइट में कुछ आवश्यक बदलाव कर सकते है।

FAQ

  • थायराइड किसकी वजह से होता है?

    थायरॉइड रोग के दो मुख्य प्रकारों के कारण अलग-अलग होते हैं। हाइपो थायरॉयडिज्म का सबसे आम कारण हाशिमोटो रोग है। इस बीमारी के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से थायरॉयड पर हमला कर देती है।
  • कौन सा फल खाने से थायराइड कम होता है?

    एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर फल थायरॉइड के कार्य को बेहतर बनाने और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस स्थिति में जामुन, सेब, केले, संतरे, अनार, कीवी और अंगूर आदि फलों को डाइट में शामिल किया जा सकता है।
  • महिलाओं में थायराइड के क्या लक्षण हैं?

    थायरॉइड दो प्रकार के होते हैं, जैसे हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथायरॉडिज्म। इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। हाइपोथायरायडिज्म (कम काम करने वाला थायरॉइड) के लक्षणों में वजन बढ़ना, थकान, और बालों का झड़ना शामिल होते हैं। हाइपरथायरायडिज्म (अधिक काम करने वाला थायरॉइड) के लक्षणों में वजन कम होना, तेज दिल की धड़कन, और घबराहट को शामिल किया जाता हैं। 

 

 

 

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