पीने का 'साफ' पानी भी बना सकता है आपको कैंसर का शिकार, वैज्ञानिकों ने खोजे कई जहरीले तत्व

पीने के जिस पानी को आप सबसे साफ और सुरक्षित मानते हैं, वो पानी भी आपको कैंसर का शिकार बना सकता है। दरअसल वैज्ञानिकों ने पीने के पानी में ऐसे कई तत्वों का पता लगाया है, जो 'इंडियन ड्रिंकिंग वाटर स्टैंडर्ड' के हिसाब से सुरक्षित माने जाते हैं, मगर कैंसर का कारण बन सकते हैं।
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पीने का 'साफ' पानी भी बना सकता है आपको कैंसर का शिकार, वैज्ञानिकों ने खोजे कई जहरीले तत्व


क्या आप जानते हैं कि आपका पीने का पानी भी आपको कैंसर का शिकार बना सकता है? जी हां, भले ही आप सरकारी टैंक से सप्लाई होने वाले पानी का इस्तेमाल करें या घर पर लगाए हुए वाटर पंप के पानी का इस्तेमाल करें, आपके पानी में कई ऐसे तत्व हो सकते हैं, जो लंबे समय में आपको कैंसर दे सकते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि 1 लाख से ज्यादा कैंसर के मामलों में पीने के पानी को दोषी पाया गया है। दरअसल वैज्ञानिकों ने हाल में पानी में कुछ ऐसे तत्वों का पता लगाया है, जो आपको कैंसर का का शिकार बना सकते हैं। आइए आपको समझाते हैं पूरी बात।

क्या सुरक्षित है आपके पीने का पानी?

ये खबर पढ़ने के बाद आप भी यही सोच रहे होंगे कि क्या आपके पीने का पानी सुरक्षित है? तो इसका जवाब है कि शायद नहीं।
दरअसल भारत के ज्यादातर हिस्सों में पीने के लिए जो पानी इस्तेमाल किया जाता है, वो या तो सरकारी टैंक द्वारा सप्लाई किया जाता है या फिर वाटर पंप, हैंड पंप, ट्यूब वेल आदि के द्वारा सीधे जमीन से बाहर निकाला जाता है। सरकारी टैंक से आने वाले पानी को लोग इसलिए सुरक्षित मानते हैं कि इसे 'ट्रीट' करने के बाद सप्लाई किया जाता है। मगर हाल में हुई रिसर्च की मानें तो ये पानी भी उतना सुरक्षित नहीं है, जितना कि आप इसे मानते हैं।

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सबसे 'साफ पानी' से भी है खतरा

आमतौर पर हर देश का अपना पीने के पानी का 'क्वालिटी स्टैंडर्ड' होता है, जिसके अनुसार ये तय किया जाता है कि पीने के 'साफ' पानी में कितनी मात्रा में कौन सा तत्व मौजूद होना चाहिए। पानी जमीन की गहराई से निकलता है इसलिए इसमें ढेर सारे तत्व घुले होते हैं। इनमें से कुछ तत्व ऐसे हैं, जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। जबकि कुछ तत्व ऐसे भी हैं, जो शरीर के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं। Environmental Protection Agency (EPA) के अनुसार पानी में 90 से ज्यादा ऐसे दूषित पदार्थ (Contaminants) होते हैं, जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं।

हालांकि अगर आप वाटर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करते हैं, तो इनमें से कुछ दूषित तत्व बाहर निकल जाते हैं। मगर ज्यादातर वाटर प्यूरिफायर में पानी को शुद्ध बनाने के लिए जिन केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, उनके 'बाई प्रोडक्ट' को भी वैज्ञानिकों ने हानिकारक माना है।

पानी में 22 तत्व पाए गए, जिनसे होता है कैंसर

Environmental Working Group (EWG) द्वारा हाल में एक अध्ययन किया गया, जिसमें इस बात का पता लगाने का प्रयास किया गया कि पीने के पानी में मौजूद प्रदूषकों (contaminants) का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है। इस अध्ययन के दौरान पीने के पानी में 22 ऐसे तत्व पाए गए, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक सिर्फ यूएस में ही ऐसे 1 लाख से ज्यादा कैंसर के मरीज हो सकते हैं, जिनके कैंसर का कारण पीने के पानी में मौजूद अशुद्धि है। इनमें से ज्यादातर कैंसर का कारण 'आर्सेनिक' है। इसके अलावा कुछ ऐसे केमिकल्स से निकलने वाले बाई प्रोडक्ट भी खतरनाक हो सकते हैं, जिनका इस्तेमाल पानी को ट्रीट करके शुद्ध करने के लिए किया जाता है।

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आपके पानी में कितना है आर्सेनिक?

आर्सेनिक एक ऐसा तत्व है, जो जमीन के नीचे प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। भारत में BIS (Bureau of Indian Standards) के मुताबिक 1 लीटर पानी में 0.01 मिलीग्राम आर्सेनिक की अनुमति दी गई है। यानी पीने के किसी भी पानी में इससे ज्यादा आर्सेनिक नहीं होना चाहिए। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार पीने के पानी में 10 माइक्रोग्राम प्रति लीटर से ज्यादा आर्सेनिक नहीं होना चाहिए। भारत के लगभग सभी राज्यों के ग्राउंड वाटर में आर्सेनिक की मात्रा WHO और BIS दोनों की तय लिमिट से ज्यादा पाई जाती है।

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