18th Week Pregnancy: प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह के लक्षण, सावधानियां और जरूरी बातें

18 सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान शिशु के विकास, गर्भावस्था के लक्षण, परीक्षण के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें-  
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18th Week Pregnancy: प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह के लक्षण, सावधानियां और जरूरी बातें


प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह तक महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस समय तक गर्भ में पल रहा भ्रूण कुछ हलचल शुरू कर देता है। पेल्विक क्षेत्र से बच्चे का आकार बाहर की ओर आने लगता है। साथ ही वह गर्भ के अंदर ही घूमने लगता है। इस सप्ताह तक महिला को अपने भ्रूण के हिलने का एहसास रहता है। प्रेग्नेंसी के शुरूआती दौर में जिन महिलाओं को वजन कम होने या अधिक होने की समस्या होती है, वह स्थिति इस सप्ताह तक पूरी तरह से बदल सकती है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से आगे जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह में महिलाओं को क्या महसूस होता है और उनके भ्रूण का विकास कितना होता है। 

प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह में महिलाओं के महसूस होने वाले लक्षण - 18th Week Of Pregnancy Symptoms in Hindi

प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह तक कई महिलाओं को गर्भ में पल रहे भ्रूण के पहली बार हिलने का एहसास होता है। डॉक्टर इसे क्विकनिंग के नाम से जानते हैं। इसके बाद गर्भवती महिलाओं के भ्रूण के द्वारा गर्भ में पैर हिलाने का भी एहसास जल्द ही होता है। आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी में महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षणों के बारे में। 

शरीर में दर्द होना 

प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में महिलाओं को शरीर में दर्द महसूस होने लगता है। ये दर्द मुख्य रूप से पीठ के निचले हिस्से, पेट व जांघों के बीच में होता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस सप्ताह तक महिलाओं का गर्भाशय बाहर की ओर आने लगता है और पेट का आकार बढ़ने लगता है। शरीर के  संतुलन के केंद्र में भी बदलाव आने लगता है। इस वजह से शरीर में दर्द होने लगता है। इसके अलावा भ्रूण के बढ़ते वजन की वजह से भी महिलाओं के पेल्विक क्षेत्र में दबाव पड़ता है। इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर महिलाओं को शरीर की मालिश करनी चाहिए या किसी से मालिश कराना शूरू कर देना चाहिए। 

कार्पल टनल सिंंड्रोम 

प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह में महिलाओं को कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसमें महिलाओं को हाथों और कलाई के हिस्से में दर्द महसूस होता है। इस सिंड्रोम में महिलाओं को हाथों पर झुनझुनाहट और दर्द होता है। ये समस्या तब होती है जब हाथों से गुजरने वाली मुख्य नस (मध्यिका तंत्रिका) संकुचित हो जाती है। इस समस्या से बचने के लिए महिलाओं को ज्यादा देर तक बिजली के कंपन करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस तरह की समस्या डिलीवरी के बाद ठीक हो जाती है। लेकिन यदि किसी महिला को इस तरह की परेशानी होती है तो वह अपने डॉक्टर से सलाह कर सकती हैं। 

त्वचा में बदलाव होना 

प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह तक महिलाओं को त्वचा संबंधी कई तरह के बदलाव महसूस होते हैं। इस सप्ताह तक महिलाओं को पेट पर खुजली की परेशानी होने लगती है। इसके साथ ही महिलाओं को हाथ पैरों पर भी बार बार खुजली होने लगती है। ऐसा होने पर महिलाओं को तेज गर्म पानी से नहाना बंद कर देना चाहिए और ज्यादा टाइट कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इस स्थिति में महिलाएं मॉइस्चराइजिंग क्रीम का उपयोग कर सकती हैं। 

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पेट में लाइन दिखाई देना 

प्रेग्नेंसी के कुछ माह बीत जाने के बाद महिलाओं को पेट में लाइन दिखाई देने लगती है। इस लाइन को लिनिया नाइग्रा कहा जाता है। गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में ये लाइन उभरने लगती है। लेकिन बच्चे के पैदा होने के बाद ये लाइन दोबारा से ठीक हो जाती है। 

इसके अलावा महिलाओं के पेट में स्ट्रेच मार्क्स भी हो जाते हैं। गर्भ में बच्चे का आकार बढ़ने की वजह से अधिकतर महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेच मार्क्स हो जाते हैं। प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में स्ट्रेच मार्क्स के घरेलू उपायों को अपनाकर महिलाएं इस समस्या को कम कर सकती हैं। 

प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले अन्य लक्षण 

  • मसूड़ों में दर्द व सूजन
  • सिरदर्द होना
  • पेट फूलना व गैस होना
  • स्तनों में दर्द होना
  • हाथ पैरों में सूजन आना
  • चेहरे की त्वचा पर ब्राउन धब्बे होना

प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह में भ्रूण का विकास - Fetus Development During 18th Week Of Pregnancy in Hindi

प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह तक गर्भ में पल रहे भ्रूण का वजन करीब 190 ग्राम तक हो जाता है। इस सप्ताह तक भ्रूण बाहर की आवाज सुनने लगता है। साथ ही वह चुसने व निगलने लगता है। इसके अलावा बच्चा गर्भ में हाथ व पैर हिलाने लगता है। कई महिलाएं इस सप्ताह तक भ्रूण की हिचकियां भी महसूस करने लगती हैं। इसके साथ ही इस सप्ताह में भ्रूण की तंत्रिका तंत्र का निर्माण होता है। 

विशेष सूचना - किसी भी तरह के गंभीर लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। 

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प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न - FAQ’s for Week-by-Week Stages of Pregnancy In Hindi

महिलाओं को 18वें सप्ताह की प्रेग्नेंसी होने पर क्या करना चाहिए?

कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह में थकान व दर्द महसूस हो सकता है। प्रेग्नेंसी के इस सप्ताह में अधिकतर महिलाओं को इस तरह के लक्षण महसूस होते हैं। इस परेशानी से बचने के लिए महिलाओं को अपने खानपान ध्यान देना चाहिए। साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, नींद लेना व एक्सरसाइज करने की आदत डालनी चाहिए। 

प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह में महिलाओं को क्या नहीं करना चाहिए?

प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह में महिलाओं को अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही शराब व धूम्रपान से दूर रहना चाहिए। इसके अलावा अपनी इच्छा से किसी तरह की दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे उनके बच्चे के परेशानी हो सकती है। किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। 

प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह में महिलाओं को कैसे बैठना चाहिए?

प्रेग्नेंसी के 18वें सप्ताह में महिलाओं को बैठने की आदत में भी बदलाव करना चाहिए। उन्हें सीधे बैठना और हल्का पीछे की ओर झुककर बैठना चाहिए। इससे महिलाओं को बैठते समय आराम मिलता है। आगे की तरफ बैठने से पेट पर जोर पड़ता है और इससे दर्द हो सकता है। 

प्रेग्नेंसी में दूध कब तक पीना चाहिए?

प्रेग्नेंसी में महिला के गर्भ में भ्रूण का विकास तेजी से हो रहा होता है। इसलिए महिला को बच्चे के स्वास्थ्य के लिए दूध पीने की आदत डालनी चाहिए। इससे मां और बच्चे को हड्डियां मजबूत बनती हैं। प्रेग्नेंसी के किसी भी समय महिलाएं दूध का सेवन कर सकती हैं।  

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