Lung Failed: 17 साल की उम्र में एथलीट के फेफड़े हुए फेल, जानें फेफड़े फेल होने के कारण और लक्षण

अमेरिका के टेक्सास में रहने वाले 17 वर्षीय एथलीट ट्रिस्टन जोहफेल्ड 26 जुलाई से अपनी जिंदगी के लिए एक अस्पताल में जंग लड़ रहा है। वेपिंग के कारण उसके फेफड़े  ब्लॉक हो चुके हैं और पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। 
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Lung Failed: 17 साल की उम्र में एथलीट के फेफड़े हुए फेल, जानें फेफड़े फेल होने के कारण और लक्षण


हमें जिंदा रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला शरीर का एक जरूरी अंग यानी की हमारे फेफड़ें अगर कमज़ोर हो जाए तो जीवन जीना दूभर हो सकता है। जी हां, बिल्कुल ऐसी ही स्थिति से गुजर रहा है अमेरिका का एक 17 वर्षीय एथलीट। टेक्सास का रहने वाला ट्रिस्टन जोहफेल्ड 26 जुलाई से अपनी जिंदगी के लिए एक अस्पताल में लड़ रहा है। वेपिंग के कारण उसके फेफड़े पूरी तरह से ब्लॉक हो चुके हैं और पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। वह करीब 10 दिनों से वेंटीलेटर पर हैं, जिसके कारण वह अभी भी जिंदा है। उसके फेफड़ों के एक एक्स-रे से खुलासा हुआ है कि वह पूरी तरह से ब्लॉक हैं। वहीं डॉक्टर हर संभव जांच कर रहे हैं ताकि इस बीमारी का पूरी तरह से पता लगाया जा सके लेकिन उन्हें इस समस्या से छुटकारा पाने का कोई जवाब नहीं मिल रहा है। बढ़ते प्रदूषण और युवाओं वेपिंग की लत ने फेफड़ों को खराब करना शुरू कर दिया है, जिसके कारण यह समस्या अमेरिका ही नहीं बल्कि भारत सहित पूरे विश्व में तेजी से बढ़ रही हैं। 

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन फिलहाल वेपिंग द्वारा 16 राज्यों में गंभीर फेफड़ों की बीमारी के संभवत 153 मामलों की जांच कर रहा है। फेफड़ों की गंभीर हमारे शरीर के लिए काफी घातक है। फेफड़ों के खराब होने से पहले यह समझना बहुत ज़रूरी है कि फेफड़े हमारे शरीर के लिए किस तरह काम करते हैं।

फेफड़ों की जिम्मेदारी है अहम

हमें जिंदा रखने के लिए प्रत्येक कोशिका को ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जिसे पूरा करते हैं हमारे फेफड़ें। हम जो सांस लेते हैं उसके सहारे हमारे शरीर में जाने वाले धूल-कण और एलर्जी फैलाने वाले बैक्टीरिया के कुछ अंश नाक के भीतर ही फिल्टर हो जाते हैं। लेकिन उसके बाद सबसे ज्यादा जरूरी होता है फेफड़ों का काम। फेफड़ों में लगे छलनी की तरह छोटे-छोटे बहुत से वायु तंत्र , जिन्हें एसिनस कहा जाता है वे हवा को फिल्टर कर स्वच्छ ऑक्सीजन के साथ-साथ रक्त को हमारे दिल तक पहुंचाते हैं और वहीं से पूरे शरीर में रक्त प्रवाहित होता है।  इतना ही नहीं फेफड़े उसके बाद बची हुई हवा को दोबारा फिल्टर कर नुकसानदेह तत्वों को सांस छोडने के जरिए शरीर से बाहर निकालने का भी काम करता है। अगर फेफड़े अपना काम सही तरीके से न करें तो प्रदूषित वायु में पाए जाने वाले बैक्टीरिया और वायरस हमारे ह्रदय सहित शरीर के सभी जरूरी अंगों को हानि पहुंचाएंगे और शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देंगे।

फेफड़ों के खराब होने की वजह

  • फेफड़ों के खराब होने के पीछे वायु प्रदूषण एक जिम्मेदार कारक है। 
  • सिगरेट या तंबाकू में पाए जाने वाले कार्बन मोनोऑक्साइड और टार जैसे तत्व हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। 
  • पैसिव स्मोकिंग या सिगरेट का धुआं भी इसका एक कारण बन सकता है। 
  • केमिकल फैक्ट्री से  निकलने वाले रसायन भी फेफड़ों को खराब कर सकते हैं। 
  • बारिश के बाद एस्बेस्टस शीट से निकलने वाले केमिकल्स फेफड़ों को खराब कर देते हैं। 
  • जंक फूड में पाए जाने वाले प्रिजर्वेटिव्स भी फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।  
  • आनुवंशिकता भी इसकी प्रमुख वजह है।
  • वेपिंग भी फेफड़ों को खराब करने का एक नया चलन बन गया है।

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फेफड़े खराब होने के लक्षण

  • लंबे समय तक खांसी की समस्या।
  • कफ के साथ ब्लीडिंग।
  • पीठ और छाती में दर्द।
  • खांसने या हंसने के दौरान दर्द  का बढ़ना। 
  • सांस लेने में तकलीफ।
  • सीढ़िया चढ़ते वक्त सांस का फूलना। 
  • तेजी से वजन घटना।
  • आवाज में बदलाव।

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फेफड़ों को खराब होने से कैसे बचाएं

  • सिगरेट और तंबाकू का सेवन पूरी तरह से बंद करें।
  • प्रदूषित वातावरण में घर से बाहर मास्क लगाकर निकलें। 
  • अगर प्रदूषण स्तर अधिक हो तो मॉर्निंग वॉक के लिए न जाएं। 
  • हो सके तो घर के भीतर ही एक्सरसाइज करें। 
  • घर में अच्छी क्वॉलिटी का एयर प्यूरीफायर लगवाएं।
  • ऑफिस जाने के लिए कार पूल की व्यवस्था करें।

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