अक्सर लोग अपने शरीर दर्द और हड्डियों के दर्द से परेशान रहते हैं, भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच इस तरह की समस्या आजकल आम हो गई हैं। वहीं, कुछ लोग पैरों की कमजोरी और दर्द से परेशान रहते हैं, जिसके लिए वो तरह-तरह के तरीके भी अपनाते हैं साथ ही कई दवाओं का सहारा भी लेते हैं। लेकिन फिर भी उनकी समस्या का कोई हल नहीं निकलता। कई लोग ऐसे हैं कि उन्हें अपने पैरों में हो रही कमजोरी के बारे में पता ही नहीं चलता जब तक वो एक गंभीर स्थिति में न आ जाए और उससे भी ज्यादा जरूरी होता है कि किन कारणों से ऐसा होता है। आइए इस लेख के जरिए जानते हैं कि पैरों की कमजोरी के कारण क्या है।
पैरों की कमजोरी के कारण
पेरिफेरल न्यूरोपैथी
पेरिफेरल न्यूरोपैथी आपके शरीर के तंत्रिका तंत्र को होने वाली क्षति है, जो आपके शरीर के बाकी हिस्सों से जोड़ती है। यह चोट, संक्रमण और मधुमेह (डायबिटिक न्यूरोपैथी) और हाइपोथायरायडिज्म समेत कई स्थितियों के कारण हो सकता है। इसकी वजह से आपके पैरों में कमजोरी जल्दी होती है और आपको दर्द और सूजन महसूस होती है।
डिस्क खिसकना
पैरों में एक डिस्क होती है जब वो अपनी जगह से स्लीप या खिसक जाती है तो ये स्थिति होती है स्लीप डिस्क की, स्लिप्ड डिस्क तब होती है जब डिस्क के अंदर जिलेटिनस पदार्थ बाहरी हिस्से में फैलते हैं, जिससे दर्द होता है। ऐसे में आपको चलने-फिरने और दौड़ने में काफी परेशानी हो सकती है।
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स्ट्रोक
स्ट्रोक तब होता है जब ब्लॉकेज के कारण आपके मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है, या मस्तिष्क में रक्त वाहिका फट जाती है। यह चेहरे, हाथ, या पैरों में अचानक सुन्नता या कमजोरी का कारण बन सकता है। इससे आपके पैरों पर सबसे जल्दी कमजोरी और सूजन होती है जिसके कारण आपको पैर भारी भी लग सकते हैं।
पार्किंसंस रोग
पैरों में कमजोरी के पीछे एक वजह पार्किसंस रोग भी है, पार्किंसंस रोग एक न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर है जो मस्तिष्क के एक क्षेत्र को प्रभावित करता है जिसे मूल नाइग्रा कहा जाता है। जिके कारण आपके पैरों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और आपको कमजोरी महसूस होती है।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए
- कमजोरी आपकी पीठ या पैर में अचानक, गंभीर दर्द के साथ हो।
- आप मूत्राशय या आंत्र नियंत्रण के नुकसान का अनुभव करते हो।
- आप या कोई और स्ट्रोक के किसी भी चेतावनी संकेत का अनुभव हो रहा हो।
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बचाव
- संतुलित और स्वस्थ आहार लें।
- ज्यादा से ज्यादा विटामिन डी की पूर्ति करें।
- अच्छे जूते पहनें, खासकर जब आप लंबे समय तक अपने पैरों पर रहेंगे।
- जब आप बैठे हों तो अपने पैरों को बिना मोड़े रखें।
- खूब पानी पिएं।
- अपने पैरों के नीचे तकिए रखकर सोएं।
- आराम करें।
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