गर्भावस्था में महिलाओं को हर छोटी से छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए। खासतौर पर अपने सेहत से जुड़ी हर एक बात पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती है। स्वस्थ शरीर के लिए खानपान का हेल्दी होना बेहद जरूरी होता है। इस वजह से गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर के निर्देशानुसार अपने डाइट का चुनाव करना चाहिए। ताकि मां और गर्भ में पल रहा बच्चा स्वस्थ रह सके। गर्भवस्था में अधिकतर डॉक्टर महिलाओं को भरपूर रूप से प्रोटीन, विटामिंस, मिनरल्स, कैल्शियम और आयरन लेने की सलाह देते हैं। ताकि उनके शरीर में किसी भी पोषक तत्वों की कमी न हो। इन्हीं महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है जिंक। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को जिंक युक्त आहार लेने की सलाह दी जाती है।
नोएडा स्थित मदरहुड हॉस्पिटल की गयनाक्लोजिस्ट डॉक्टर मनीषा रंजन बताती हैं कि गर्भावस्था में जिंक का सेवन करने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है, जो इस अवस्था में बेहद जरूरी होता है। इसके अलावा जिंक का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं को कई फायदे होते हैं। साथ ही इससे भ्रूण में पल रहे शिशु का विकास भी बेहतर तरीके से होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को जिंक युक्त आहार खाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा कुछ स्थिति में महिलाओं को जिंक की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स भी दिया जाता है। चलिए जानते हैं आखिर गर्भावस्था में जिंक का क्या है महत्व? साथ ही इससे सेहत को होने वाले फायदे और कुछ साइड-इफेक्ट्स-
प्रेग्नेंसी में जिंक की कमी से दिखने वाले लक्षण
प्रेग्नेंसी में अगर आपके शरीर में जिंक की कमी है, तो आपको निम्न लक्षण दिख सकते हैं।
- भूख की कमी
- इंफेक्शन होना।
- स्वाद का अनुभव कम होना।
- स्किन पर छाले या रैशेज होना।
- घाव देरी से भरना।
- बालों का झड़ना।
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प्रग्नेंसी में जिंक की क्यों है आवश्यकता?
- प्रेंग्नेंसी में जिंक का सेवन गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बेहद जरूरी होता है। इससे मां और बच्चे दोनों को कई फायदा हो सकता है। जैसे-
- जिंक के सेवन से गर्भवती महिलाओं का इम्यून पावर बूस्ट (Immunity Boost) होता है। जिससे वे कई तरह के वायरल फीवर से बच सकते हैं।
- जिंक यु्क्त आहार लेने से गर्भवती महिला गर्भ में उत्पन्न होने वाले इंफेक्शन से बच सकती है।
- इससे गर्भवती महिलाओं का हार्मोंस संतुलित रहता है।
- जिंके के सेवन से भ्रूण का विकास सही तरीके से होता है।
- इसके सेलन से शिशु के डीएनए का उत्पादन और फंक्सन सही तरीके से हो सकता है।
शरीर में जिंक की कमी से होने वाली परेशानियां?
गर्भावस्था में अगर आपके शरीर में जिंक की कमी हो जाती है, तो आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। जैसे-
- गर्भवती महिलाओं को इम्यून सिस्टम कमजोर होना।
- समय से पहले डिलीवरी होने की संभावना।
- भ्रूण के सेल्स निर्माण में परेशानी होना।
- शिशुओं के विकास में रुकावट होना।
- गर्भपात होने का खतरा इत्यादि।
- डीएनए का सही से विकसित न होना।
गर्भावस्था में जिंक के अधिक सेवन से होने वाले साइड-इफेक्ट्स
ध्यान रखें कि जिंक स्वस्थ शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है। लेकिन अधिक मात्रा में जिंक के सेवन से बचना चाहिए। अगर आप जरूरत से ज्यादा जिंक का सेवन करते हैं, तो इससे आपको कई परेशानियां हो सकती हैं। जैसे-
- उल्टी
- मतली
- डायरिया
- पेट में दर्द इत्यादि।
गर्भावस्था में कितनी मात्रा में लेना चाहिए जिंक?
प्रेग्नेंसी के दौरान अधिकतर डॉक्टर जिंक की गोली या फिर जिंक युक्त आहार खाने की सलाह देते हैं। अगर इसकी मात्रा की बात की जाए, तो 18 या फिर इससे अधिक उम्र की महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान 11 मिलीग्राम जिंक का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए।
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जिंक युक्त खाद्य पदार्थ
- डार्क चॉकलेट
- डार्क मीट
- चिकन ब्रेस्ट
- कद्दू के बीज
- बींस
- काबुली चना
- दही
- काजू इत्यादि।
गर्भावस्था में अगर आप अपने बच्चे को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो जिंक का सेवन सही मात्रा में करें। इससे आपका बच्चा और आप स्वस्थ रह सकते हैं। अपने आहार में किसी भी तरह के बदलाव को करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। ताकि आप और आपका बच्चा स्वस्थ रह सके।
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