
International Yoga Day: आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। योग के महत्व को मैंने बचपन में ही समझ लिया था। मेरे दादाजी एक ग्रुप के सदस्य रहे हैं जिसमें योग के फायदों (Yoga Benefits in Hindi) पर अक्सर चर्चा होती रहती थी। उस चर्चा में सुनी एक बात मुझे आज भी याद है। किसी वक्ता ने कहा था कि योग से आप कोई भी बीमारी ठीक कर सकते हैं। बड़ी होकर मैंने अपने आस-पास कई ऐसे लोगों को देखा जिन्होंने सच में योग की मदद से बीमारी को ठीक किया है। हमारी आज की कहानी भी योग पर आधारित एक सच्ची घटना है। हैदराबाद में रहने वाली डिंपल कछवाहा 25 साल की हैं। पीसीओएस होने पर डिंपल ने योग का सहारा लिया और इस बीमारी को हराने की हिम्मत दिखाई। चलिए आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day 2023) के मौके पर जानते हैं डिंपल की कहानी।
जांच में पीसीओएस निकला- PCOS In Hindi
डिंपल की जिंदगी सामान्य ही चल रही थी। एक दिन उन्हें यह एहसास हुआ की पीरियड्स सामान्य नहीं है। ब्लीडिंग सामान्य से ज्यादा थी। लेकिन ऐसा होना कोई बड़ी बात नहीं है। क्योंकि कई कारणों से पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग कम या ज्यादा हो जाती है। डिंपल को भी लगा कि यह कोई चिंता का विषय नहीं है। जब अगले दो महीनों में भी पीरियड्स सामान्य नहीं हुए, तो डिंपल को यह एहसास हो गया कि उन्हें कोई बीमारी हो गई है। चेकअप में पता चला डिंपल को पीसीओएस है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को ही आम भाषा में हम पीसीओएस (PCOS) बोलते हैं। यह एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें महिलाओं का हार्मोन स्तर प्रभावित होता है। पीसीओएस का पता चलने पर महिलाएं हताश हो जाती हैं। लेकिन डिंपल ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने पीसीओएस की पुष्टि होने के ठीक बाद योग का रुख कर लिया।

अनियमित पीरियड्स से परेशान हो गई थी- Irregular Bleeding In PCOS
डिंपल ने बताया कि उन्हें अनियमित पीरियड्स की समस्या शुरू हो गई थी। कभी बहुत कम ब्लीडिंग होती थी और कभी सामान्य से बहुत ज्यादा। पेट में दर्द, कमजोरी और पाचन-तंत्र बिगड़ने के कारण डिंपल को हर समय तबीयत खराब ही लगती थी। तबीयत के कारण काम में मन नहीं लगता था। पीसीओएस होने पर मोटापा, मुंहासे, अनियमित पीरियड्स और मूड में अचानक बदलाव आना जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। जब डिंपल डॉक्टर के पास गईं, तो उन्होंने साफ बोल दिया कि लंबा इलाज चलेगा। डिंपल ने सोचा दवाएं खाने के बजाय क्यों न वह योग का सहारा लिया जाए।
(ओनलीमायहेल्थ इस बात को सपोर्ट नहीं करता कि आप किसी बीमारी का इलाज करने के लिए केवल वैकल्पिक चिकित्सा पर निर्भर हो जाएं। यह आपकी व्यक्तिगत पसंद का मामला है। इस कहानी के जरिए हम आपके साथ बस एक आपबीती साझा कर रहे हैं।)
पीसीओएस कंट्रोल करने के लिए सूर्य नमस्कार किया- Surya Namaskar For PCOS
डिंपल ने बताया कि पीसीओएस कंट्रोल करने के लिए उन्होंने सूर्य नमस्कार की मदद ली है। स्वास्थ्य के लिए सूर्य नमस्कार ने अनेक फायदे (Surya Namaskar Benefits) बताए गए हैं। जिन लोगों को सूर्य नमस्कार के बारे में नहीं पता उन्हें मैं बता दूं कि इसे सूर्य को नमस्कार करने वाले आसन के रूप में जाना जाता है। यह 12 योग मुद्राओं का एक सेट है। हर आसन को करते समय खास ब्रीदिंग पैटर्न फॉलो किया जाता है। सूर्य नमस्कार करने से इम्यूनिटी बढ़ती है, पाचन में सुधार होता है और मानसिक तनाव से भी छुटकारा मिलता है। सूर्य नमस्कार के अलावा डिंपल हर दिन 5 किलोमीटर रनिंग करती हैं और प्लैंक का भी सहारा लेती हैं। सूर्य नमस्कार को सीखने के बाद डिंपल ने नियम से हर दिन सूर्य नमस्कार किया है।
योग करने से स्वास्थ्य में क्या बदलाव आया?- Yoga Benefits in Hindi
डिंपल ने बताया कि योग करने से उनके स्वास्थ्य में कई तरह के बदलाव नजर आने लगे हैं। जैसे-
- अनियमित पीरियड्स की समस्या दूर हुई है।
- डिंपल का वजन कंट्रोल हुआ है।
- डिंपल की त्वचा में अनचाहे बाल और एक्ने की समस्या कम हो गई है।
- डिंपल को अब थकान और आलस्य महसूस नहीं होता।
- डिंंपल के जोड़ों में बने रहने वाला दर्द भी ठीक हो गया है।
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पीसीओएस कंट्रोल करने के लिए लाइफस्टाइल में ये बदलाव किए- Lifestyle Changes For PCOS
पीसीओएस होने पर डिंपल ने योग के अलावा अपनी दिनचर्या में कई बदलाव भी किए हैं जैसे-
- डिंपल ने प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन पूरी तरह से बंद कर दिया है। अब वह घर पर बना ताजा खाना ही खाती हैं।
- डिंपल ने दिनभर का स्टेप काउंट भी बढ़ा दिया है। अब वह रोज 9 से 10 हजार स्टेप्स चलती हैं।
- डिंपल ने चीनी की मात्रा कम कर दी है। डिंपल ने बताया कि वह चाय में 1 टीस्पून चीनी डालकर पीती हैं और अतिरिक्त चीनी या मीठी चीजों से दूर रहती हैं।
- पीसीओएस होने पर डिंपल ने हेल्दी डाइट पर फोकस बढ़ाया है। वह कोशिश करती हैं कि सभी पोषक तत्वों को डाइट में शामिल करें जैसे- प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-सी, विटामिन-डी, कैल्शियम आदि।
- अब डिंपल देर रात तक नहीं जागती। उन्होंने अपने सोने का समय फिक्स कर लिया है। एक समय के बाद वह मोबाइल का इस्तेमाल भी नहीं करती हैं।
यह थी डिंपल कछवाहा की कहानी जिन्होंने योग की मदद से पीसीओएस के लक्षणों को कम किया है। उम्मीद करते हैं आपको हमारी आज की यह कहानी पसंद आई होगी। यह लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।
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