फिट और हेल्दी रहने के लिए डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट रोजाना योग और एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए जरूरी है कि आप अपने बिजी शेड्यूल से समय निकालकर रोजाना योगाभ्यास करें। योग करने से शरीर फ्लेक्सिबल भी होता है, जिससे शरीर एक्टिव रहता है और पोस्चर भी बेहतर होता है। अगर आपका शरीर लचीला होगा तो इससे वर्कआउट और अन्य स्पोर्ट्स में चोट लगने का खतरा कम हो सकता है। योग के विभिन्न आसनों में सुप्त पादांगुष्ठासन, सुसीरंध्रासन (Eye of the Needle Pose) और अधोमुख श्वानासन शारीरिक लचीलेपन को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इस लेख में योग शिक्षक रजनीश इन तीनों आसनों को करने के फायदे बता रहे हैं।
शरीर के लचीलेपन के लिए कौन सा योग अच्छा है? - Which Yoga Is Best For Flexibility In Hindi
1. सुप्त पादांगुष्ठासन - Supta Padangusthasana
सुप्त पादांगुष्ठासन शारीरिक लचीलेपन को बढ़ावा देता है और शरीर की संतुलन क्षमता (body balance ability) को बढ़ाता है। यह आसन सीधे पीठ के बल लेटकर किया जाता है। सुप्त पादांगुष्ठासन का नियमित अभ्यास करने से शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है जिससे उनमें लचीलापन बढ़ता है। फ्लेक्सिबल बॉडी के साथ इस योग का अभ्यास करने से मोटापा भी कम होता है। सुप्त पादांगुष्ठासन का अभ्यास पीठ को मजबूत बनाता है और पीठ के दर्द को कम करने में सहायक साबित हो सकता है। सुप्त पादांगुष्ठासन को करने से शरीर की संतुलन क्षमता बढ़ती है, जिससे मन की शांति प्राप्त होती है। योग की इस प्राचीन प्रक्रिया को अपनाकर, आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।
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2. सुसीरंध्रासन - Sucirandhrasana
शरीर को फ्लेक्सिबल और एक्टिव बनाने के लिए आप नियमित सुसीरंध्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। सुसीरंध्रासन का अभ्यास शारीरिक लचीलापन बढ़ाता है और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। यह आसन हिप यानी कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और दर्द को कम करता है। सुसीरंध्रासन का अभ्यास योगा एक्सपर्ट की निगरानी में करना चाहिए। जिससे कि आपको किसी तरह की चोट न लगे। रोजाना इस योगासन को 5 से 10 बार करने से आपको लाभ मिल सकता है। इस योगासन से न केवल शरीर का लचीलापन बेहतर हो सकता है बल्कि मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।
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3. अधोमुख श्वानासन - Adho Mukha Svanasana
शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के लिए अधोमुख श्वानासन का अभ्यास भी लाभदायक होता है। अधोमुख श्वानासन का नियमित अभ्यास शरीर के संतुलन को सुधारता है, जिससे कंधों, पीठ और पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह आसन पीठ और हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है। नियमित रूप से अधोमुख श्वानासन का अभ्यास करन से शरीर का लचीलपान बढ़ता है और पोस्चर में भी सुधार होता है। जिन लोगों को लंबे समय तक एक जगह पर बैठकर काम करना होता है, उन्हें इस आसन का अभ्यास रोजाना जरूर करना चाहिए। अधोमुख श्वानासन का अभ्यास कई शारीरिक समस्याओं को भी दूर करता है। अगर आप ध्यान और प्राणायाम के साथ अधोमुख श्वानासन का अभ्यास करते हैं तो इससे मन को शांति मिलती है और ध्यान की स्थिति में सुधार होता है। जिन लोगों को तनाव, एंग्जायटी और डिप्रेशन की शिकायत रहती है, उनके लिए भी यह आसन लाभदायक होता है।
शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के लिए इन योगासन का नियमित अभ्यास करें। लेकिन ध्यान रखें कि इस तीनों योगासन का अभ्यास योगा एक्सपर्ट की निगरानी में सही तरीके से करें।
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