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यूट्रस को हेल्‍दी रखने के ल‍िए हर मह‍िला को करने चाह‍िए ये 5 योग, रोज दें केवल 10 म‍िनट

Yoga For Healthy Uterus: यूट्रस को हेल्‍दी रखने के ल‍िए आप कुछ आसान योगासन ट्राई कर सकते हैं। जानें इन्‍हें करने का सही तरीका।
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यूट्रस को हेल्‍दी रखने के ल‍िए हर मह‍िला को करने चाह‍िए ये 5 योग, रोज दें केवल 10 म‍िनट


Yoga For Healthy Uterus: मह‍िलाओं की सेहत के ल‍िए यूट्रस का स्‍वस्‍थ होना जरूरी है। र‍िप्रोडक्‍ट‍िव हेल्‍थ की बात करें, तो इसमें यूट्रस की अहम भूम‍िका होती है। यह वह जगह होती है जहां फर्ट‍िलाइज्‍ड एग इंप्‍लांट होता है। यूट्रस हेल्‍दी रहेगा, तो पीर‍ियड्स साइक‍िल भी न‍ियम‍ित रूप से चलेगी और अन‍ियम‍ित पीर‍ियड्स की समस्‍या नहीं होगी। यूट्रस के हेल्‍दी रहने से यीस्‍ट इन्‍फेक्‍शन, बैक्‍टीर‍ियल इन्‍फेक्‍शन और एसटीडी इन्‍फेक्‍शन से भी बचाव होता है। यूटेराइन कैंसर से बचाव के ल‍िए भी यूट्रस का स्‍वस्‍थ होना जरूरी है। यूट्रस को हेल्‍दी रखने के ल‍िए हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल फॉलो करना जरूरी है। इसके ल‍िए सही डाइट, एक्‍सरसाइज और योग की अहम भूम‍िका होती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे ऐसे 5 योगासन ज‍िनकी मदद से यूट्रस को हेल्‍दी रखा जा सकता है। 

bridge pose yoga

1. सेतु बंधासन या ब्र‍िज पोज- Bridge pose or Setu Bandhasana

  • इस आसान को करने के ल‍िए आप आराम से जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। 
  • घुटनों को मोड़ लें और ह‍िप्‍स और जमीन के बीच दूरी बना लें। 
  • ह‍िप्‍स और घुटनों को ऊपर उठाएं। 
  • हाथों को अपने शरीर के नीचे लेकर जाएं।
  • आपकी हथेल‍ियां जमीन से टच करनी चाह‍िए।
  • सांस लें और पीठ के को भी जमीन से ऊपर उठाने की कोश‍िश करें।  
  • आपको अपने पैरों के घुटने और एड़‍ियों को एक सीध में रखना है। 
  • अपने शरीर के भार को बैलेंस करें, पर बॉडी पर ज्‍यादा जोर न दें।
  • इस मुद्रा को 30 सेकेंड के ल‍िए करें और फ‍िर सामान्‍य अवस्‍था में आ जाएं।

2. कपालभाति प्राणायाम- Kapalbhati Pranayama

  • वज्रासन जैसी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं। 
  • अपनी आंखें बंद करें और अपने शरीर को पूरी तरह आराम करने दें। 
  • आंखें बंद रखते हुए छाती को फुलाते हुए दोनों नासिका छिद्रों से गहरी सांस लें। 
  • पेट और पेल्विक मांसपेशियों को सिकोड़कर जोर से सांस छोड़ें।
  • जब आप जोर से सांस छोड़ते हैं तो छाती और कंधे की गैर-जरूरी गतिविधियों से बचें। 
  • सांस छोड़ने के बाद न‍िष्‍क्र‍िय रूप से दोबारा सांस लें। 
  • इस तरह 30 छोटी सांस को पूरा करें और र‍िलैक्‍स करें।

3. योनि मुद्रा- Yoni Mudra 

yoni mudra benefits

  • योन‍ि मुद्रा को करने के ल‍िए सुखासन या वज्रासन जैसे आसन में बैठ जाएं। 
  • अब शरीर को सीधा रखें और दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और अंगूठों को कानों के पास रखें। 
  • अपनी तर्जनी उंगली को अपनी आंखों पर, मध्यमिका को नाक के बगल और अनामिका को होठों के ऊपर वाले हिस्से पर रखें। 
  • अब अपनी छोटी उंगली को होंठों के नीचे वाले हिस्से पर रख दें।
  • सांस को अपनी नाक से भरते हुए अपनी मध्यमिका से नाक को अगल-बगल से बंद कर दें।
  • सांस को अपनी क्षमता अनुसार रोकें और धीरे से सांस को बाहर छोड़ दें।
  • सांस को अपनी क्षमता के अनुसार रोकें व कुछ समय पश्चात ओम का जाप करते हुए धीरे से सांस को बाहर छोड़ दें। 

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4. हलासन- Halasana 

halasana yoga

  • हलासन करने के ल‍िए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
  • अपनी हथेल‍ियों को शरीर से सटा लें।
  • पैरों को कमर से 90 ड‍ि‍ग्री का कोण बनाते हुए ऊपर उठाएं।
  • पैर को ऊपर उठाने के दौरान हाथों से कमर को सहारा देना है।
  • इस दौरान सांस को अंदर खींचना है।
  • अब सीधी टांगों को स‍िर की तरफ झुकाएं ताक‍ि पैर, स‍िर के पीछे चले जाएं।
  • इतना पीछे जाएं ज‍िससे पैरों के अंगूठे को जमीन से छुआ जा सके।
  • इसी स्‍थ‍ित‍ि में रहें और सांस पर ध्‍यान केंद्रि‍त करें।

5. बद्ध कोणासन- Baddha Konasana or Cobbler Pose

  • बद्ध कोणासन को करने के लिए योगा मैट पर आराम से बैठ जाएं।
  • इसके बाद सांस को बाहर की तरफ छोड़ते हुए पैरों को घुटनों से मोड़ें।
  • दोनों पैरों की एड़ियों को पेट के नीचे की तरफ लेकर जाएं।
  • अब अपने दोनों घुटनों को नीचे की तरफ खींचे।
  • बाएं पैर के अंगूठे और उंगली से दाहिने पैर के अंगूठे को पकड़ लें।
  • दोनों जांघों पर थोड़ा सा दबाव देते हुए स्ट्रेच करें।
  • इस स्थिति में लगभग 5 मिनट तक रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।
  • इस आसन को करते समय रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखना चाह‍िए।

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