स्ट्रेस और एंग्जाइटी से परेशान हैं तो जरूर करें इस आसन का अभ्यास, दूर होगी चिंता और गुस्से पर भी रहेगा कंट्रोल

स्ट्रेस और एंग्जाइटी को दूर करने के लिए आप इनहेल और एज्हेल यानि सांस अंदर लेने और बाहर छोड़ने का अभ्यास कर सकते हैं। चलिए जानते हैं।
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स्ट्रेस और एंग्जाइटी से परेशान हैं तो जरूर करें इस आसन का अभ्यास, दूर होगी चिंता और गुस्से पर भी रहेगा कंट्रोल


स्ट्रेस और एंग्जाइटी आज के समय में अधिकांश लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। इसके पीछे खराब लाइफस्टाइल और अनियंत्रित जीवनशैली को जिम्मेदार माना जाता है। कुछ लोगों को काफी गुस्सा भी आता है। इस लेख के माध्यम से हम आपको इससे बचने के लिए एक आसन के बारे में बताएंगे। स्ट्रेस और एंग्जाइटी को दूर करने के लिए आप इनहेल और एज्हेल यानि सांस अंदर लेने और बाहर छोड़ने का अभ्यास कर सकते हैं। इससे मन और दिमाग शांत होते हैं साथ ही स्ट्रेस भी कम होता है। चलिए योग एक्सपर्ट साईं परवीन शर्मा से जानते हैं इसके बारे में। 

सांसों पर रखें नियंत्रण 

स्ट्रेस और एंग्जाइटी से बचने के लिए आपको अपनी सांसों पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी होता है। सांसों पर खुद का नियंत्रण रहने से न केवल स्ट्रेस और एंग्जाइटी कम होती है, बल्कि गुस्सा भी शांत होता है। ऐसा करने से नर्वस सिस्टम पर अच्छा असर पड़ता है, जिससे दिमाग की कार्यक्षमता भी बढ़ती है। एक्सपर्ट के मुताबिक आप दिनभर में 3 बार तक सांस अंदर लेने और बाहर छोड़ने का अभ्यास कर सकते हैं। हालांकि, यह आपकी मेंटल हेल्थ की स्थिति पर भी निर्भर करता है। 

 
 
 
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यह अभ्यास करना फायदेमंद 

  • एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आपको ज्यादा गुस्सा आता है या फिर स्ट्रेस और एंग्जाइटी की समस्या से पीड़ित हैं तो ऐसे में सांस अंदर लेने और बाहर छोड़़ने और इसे होल्ड करके रखने का अभ्यास कर सकते हैं। 
  • इस अभ्यास को करने से खून में ऑक्सीजन और कार्बन डायोक्साइड का लेवल बैलेंस रहता है, जिससे स्ट्रेस लेवल कम होता है। 
  • इस आसन को करने से आपकी शरीर में उर्जा का संचार होता है, जिससे थकान, कमजोरी दूर होने के साथ ही गुस्सा भी कम आता है। 

कैसे करें अभ्यास?  

  • इस अभ्यास को करने के लिए आपको सबसे पहले आरामदायक अवस्था में सीधा बैठना है और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखना है। 
  • इसके बाद आपको सांसों को 5 सेकेंड के लिए अंदर खींचनी है। अब 5 सेकेंड के लिए इसे होल्ड करके रखें। 
  • इसके बाद आपको 5 सेकेंड तक धीरे-धीरे सांसों को छोड़ना है। 
  • इस दौरान आपको यह ध्यान रखना है कि जितनी देर आप सांस ले रहे हैं उतने ही समय तक आपको इसे होल्ड करके रखना है और छोड़ना है। 
  • इस अभ्यास को कम से कम 21 दिनों तक 10 मिनट के लिए करें।

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