Agnisar Yoga Benefits: क्या आप भी पेट पर जमा एक्सट्रा फैट से परेशान हैं? अगर हां, तो चिंता न करें। अतिरिक्त कैलोरीज को कम करने के लिए योग का सहारा ले सकते हैं। पेट का मोटापा कम करने के लिए अग्निसार प्राणायाम को फायदेमंद माना जाता है। अग्निसार दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है पहला है अग्नि और दूसरा है सार। अग्नि का मतलब आग या गर्मी होता है और सार का मतलब छोटा स्वरूप होता है। इस तरह अग्निसार प्रणायाम का शाब्दिक अर्थ देखें तो वह प्रणायाम जिसको करने से शरीर में तीव्र ऊर्जा का संचार हो, उसे अग्निसार प्रणायाम कहते हैं। इस प्राणायाम को करने से शरीर में एक अग्नि बनती है जिससे रोगाणुओं को नष्ट करने में मदद मिलती है। अग्निसार प्राणायाम का अभ्यास लेटकर, बैठकर या खड़े होकर भी किया जा सकता है। आगे जानेंगे अग्निसार प्राणायाम को करने का तरीका और फायदे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक की योग एक्सपर्ट डॉ प्रिया श्रीवास्तव से बात की।
अग्निसार प्राणायाम के फायदे- Agnisar Yoga Benefits
- अग्निसार प्राणायाम को करने से पाचन क्रिया मजबूत बनती है, मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।
- जिन लोगों को पेट से संबंधित समस्याएं जैसे कब्ज, एसिडिटी और गैस है, वह अग्निसार प्राणायाम कर सकते हैं।
- इस प्राणायाम को करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
- अग्निसार प्राणायाम को करने से मांसपेशियां और फेफड़े मजबूत बनते हैं।
- कफ की तकलीफ को दूर करने के लिए भी यह प्राणायाम फायदेमंद माना जाता है।
अग्निसार प्राणायाम को करने का तरीका- Agnisar Yoga Procedure
- सबसे पहले दोनों पैरों में थोड़ा अंतर देकर खड़े हो जाएं।
- सांस को बाहर निकाल दें।
- आगे झुककर हाथों को जांघों पर रख लें।
- सांस को बाहर ही रोककर रखें।
- हाथों से पैरों पर जोर डालें और पेट को अंदर की ओर खींचें और बाहर ढीला छोड़ें।
- इस तरह जब तक सांस बाहर रोक सकें, तब तक लगातार पेट को अंदर-बाहर पंप करते रहें।
- जब लगे कि आप सांस नहीं रोक सकते, तो पेट को ढीला छोड़ दें।
- इसके बाद सांस भरकर आराम से सीधा खड़े हो जाएं।
- 3 से 4 बार अग्निसार प्राणायाम का अभ्यास करें।
अग्निसार प्राणायाम और कपालभाति एक नहीं है- Difference Between Agnisar and Kapalbhati
कुछ लोग अग्निसार प्राणायाम और कपालभाति को एक समझते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। कपालभाति को करते समय धीरे से सांस भरकर उसे झटके से बाहर निकाला जाता है। इस क्रिया में सांस को रोककर रखा नहीं जाता। जबकि अग्निसार प्राणायाम में सांस को बाहर निकाला जाता है और बाद में पेट को दबाव सहित अंदर धकेला जाता है।
इसे भी पढ़ें- योग करने के लिए मैट का इस्तेमाल करना क्यों जरूरी है? एक्सपर्ट से जानें
अग्निसार प्राणायाम को करते समय बरतें ये सावधानियां- Precautions While Doing Agnisar Yoga
- इस प्राणायाम को ज्यादा समय के लिए न करें। ऐसा करने से कमजोरी महसूस हो सकती है।
- इस प्राणायाम को सुबह के वक्त करना चाहिए क्योंकि उस समय गर्मी कम होती है और शरीर के भीतर अधिक गर्मी नहीं बनती।
- इस क्रिया को रात के खाने के चार घंटे बाद और सुबह के खाने से दो घंटे पहले करना चाहिए।
- अग्निसार प्राणायाम को कर रहे हैं, तो तेल-मिर्च, मसाले वाला भोजन खाने से पूरी तरह से बचें।
- उच्च रक्तचाप की समस्या है या आप गर्भवती हैं, तो इस प्राणायाम को करने से बचना चाहिए।
उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।