यदि आपका लाडला रात को देर से सोता है या उसके सोने का समय निश्चित नहीं है तो यह खबर आपके लिए है। देर से सोने की उसकी आदत आपके लिए चिंताजनक हो सकती है। बच्चे की मां और पिता को उसके सोने के समय पर ध्यान देना चाहिए।
एक अध्ययन से पता चला है कि जिन बच्चों के सोने का समय नियमित नहीं होता, उन्हें जीवन में आगे चलकर व्यवहार से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि सोने के समय के निश्चित न होने से शरीर की कुदरती लय बिगड़ जाती है और इससे नींद में कमी आती है।
नींद की कमी का असर दिमाग पर भी पड़ता है और दिमाग स्वाभाविक रूप से परिपक्व नहीं हो पाता। इसका असर बच्चे के बर्ताव करने की कुछ क्षमताओं को कमजोर कर देता है। एपिडेमियॉलजी और पब्लिक हेल्थ की प्रफेसर यवोन केली ने बताया कि बच्चे के शुरुआती साल उसके विकास और भावी जीवन के लिए अहम नींव तैयार करते हैं।
केली ने यह भी बताया कि जिन बच्चों के सोने और जागने के समय में अनिश्चितता होती है, उन्हें भविष्य में हाइपरएक्टिविटी, किसी समस्या को सुलझाने में दिक्कत, साथियों के साथ समस्या और भावनात्मक परेशानी देखी गईं। शोध से सोने के समय और व्यवहार के बीच सीधा संबंधा पता चला है।