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चमकी बुखार (जापानी इंसेफ्लाइटिस) से बचा सकती है JE वैक्‍सीन, जानें इसके बारे में जरूरी बातें

चमकी बुखार जैसी समस्या से बचने के लिए आपको जेई वैक्सीन लगवानी चाहिए, इससे जुड़ी जानकारी जानते हैं आगे 
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चमकी बुखार (जापानी इंसेफ्लाइटिस) से बचा सकती है JE वैक्‍सीन, जानें इसके बारे में जरूरी बातें


जापानी बुखार ज‍िसे हम बोलचाल की भाषा में चमकी बुखार और मेड‍िकल भाषा में इंसेफेलाइट‍िस यानी द‍िमागी बुखार के नाम से जानते हैं। इस समस्‍या को दूर करने के ल‍िए आपको जेनवैक वैक्‍सीन लगवानी चाह‍िए। द‍िमागी बुखार एक जानलेवा बीमारी है इसल‍िए इस बीमारी से बचने के ल‍िए टीकाकरण जरूरी है। इस लेख में हम जेई वैक्‍सीन के बारे में ज्‍यादा जानकारी पर चर्चा करेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।  

vaccine JE

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क्‍या है जेनवैक टीका? (Jenvac)

जापानी बुखार से बचने के ल‍िए आपको जेई का टीका लगवाना चाह‍िए। जेनवैक वैक्‍सीन, शरीर में जाकर इम्‍यून‍िटी बनाता है ज‍िससे भव‍िष्‍य में आपके शरीर को बीमार‍ियों से सुरक्षा म‍िलती है। एंटीबॉडी बनाने के ल‍िए ये टीका इम्‍यून‍िटी को बूस्‍ट करता है। अगर आपको बुखार या संक्रमण है तो आपको वैक्‍सीन लेने से पहले अपने डॉक्‍टर से संपर्क करना चाह‍िए। अगर आप कोई दवा ले रहे हैं तो भी आपको टीका लेने से पहले डॉक्‍टर से सलाह लेनी चाह‍िए।   

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क्‍या है जेनवैक टीका सेफ है? (Is it safe)

जापानी इंसेफेलाइट‍िस, द‍िमाग का एक इंफेक्‍शन है जो मच्‍छर के काटने से फैलता है। ज्‍यादातर मामलों में मरीज को बुखार के लक्षण से बीमारी के संकेत म‍िलते हैं। इस बीमारी से बचने के ल‍िए ली जाने वाली जेई वैक्‍सीन पूरी तरह से सेफ है,मामूली साइड इफेक्‍ट्स नजर आ सकते हैं जो कुछ द‍िन में ठीक हो जाते हैं।  

जेनवैक टीका से जुड़ी जरूरी बातें (Jenvac important points)

  • अगर आप प्रेगनेंट हैं या आप ब्रेेस्‍टफीड‍िंंग करवा रही है तो आपको डॉक्‍टर की सलाह जरूर लेनी चाह‍िए।  
  • ज‍िन लोगों को ल‍िवर ड‍िसीज या क‍िडनी की बीमारी है उनके ल‍िए भी जेनवैक वैक्‍सीन सुरक्ष‍ित मानी जाती है।  
  • जेनवैक वैक्‍सीन बच्‍चों को जरूर लगवाना चाह‍िए, बच्‍चे को भव‍िष्‍य में ये बीमारी न हो इसके ल‍िए वैक्‍सीन लगवाना जरूरी है।   
  • जेनवैक वैक्‍सीन की 0.5 एमएल डोज दी जाती है। अगर एक वर्ष पहले टीका दि‍या गया है तो बूस्‍टर डोज भी दी जाती है।
  • डॉक्‍टर सलाह देते हैं ज‍िन्‍हें पहले जेनवैक की डोज दी जा चुकी है उन्‍हें बूस्‍टर डोज जरूर लगवानी चाह‍िए।   

जापानी इंसेफेलाइट‍िस से कैसे बचें? (How to prevent japanese encephalitis) 

JE vaccine benefits

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  • जापानी इंसेफेलाइटिस संक्रमित मच्छर के काटने से इंसानों में होती है। ये मच्छर शाम के समय ज्यादा सक्रिय होते हैं। 
  • आपको सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए, इससे आप मच्छरों से बच सकते हैं।
  • जब भी आप बाहर जाएं, फुल पैंट और शर्ट पहनकर निकलें, ताकि मच्छर न काटें।
  • रात को आपको मच्छरदानी के अलावा दरवाजे और खिड़की को बंद रखना चाहिए। 

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जेनवैक वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Side effects of JE vaccine)

जेनवैक वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे सूजन या रेडनेस की समस्या, सिर में दर्द की समस्या, बुखार के लक्षण या मांसपेशियों में दर्द की शिकायत हो सकती है पर ये लक्षण 2 से 3 दिन में ठीक हो जाएंगे। अगर लंबे समय तक ऐसे लक्षण बने रहते हैं तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

इस वैक्‍सीन की प्राइमरी डोज, 1 से 3 साल के बच्‍चों को दी जा सकती है वहीं एडल्‍ट्स को ये वैक्‍सीन 49 साल की उम्र में दी जा सकती है। ये वैक्‍सीन दो माह से कम उम्र के बच्‍चों को नहीं दी जाती है।    

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