महिलाओं में बढ़ रहे यौन उत्पीड़न को देखते हुए जागरण न्यू मीडिया, ट्विटर इंडिया, मनुपात्रा और संयुक्त राष्ट्र महिला के सहयोग से रेप सर्वाइवर्स को एक कारगार मदद पहुंचाने की खास पहल की गई है। यौन उत्पीड़न के सर्वाइवर्स के लिए जागरण न्यू मीडिया, ट्विटर इंडिया और संयुक्त राष्ट्र महिला के सहयोग से 'सैफ्टी सर्वाइवर्स टूलकिट' लॉन्च किया है। इस टूलकिट की मदद से हमें यौन उत्पीड़न को झेल चुके और इससे बचे हुईं महिलाओं की मानसिक स्थितियों को समझने में मदद मिल सकती है। इस टूल किट के जरिए मानसिक, शारीरिक, स्वास्थय, न्यायिक, कानूनी और अन्य प्रणालियों से जुड़े हर तरह की मदद इन सर्वाइवर्स को देने की कोशिश की जाएगी।
टूलकिट को सोमवार को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक कार्यक्रम में लॉन्च किया गया। आयोजन शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक चला, जिसमें महिलाओं में बढ़ रहे यौन उत्पीड़न और इसके लिए समाज में जागरूकता को लेकर कई कार्यक्रम रखे गए। इस आयोजन के पीछे के मुख्य लक्ष्य देश में यौन उत्पीड़न से पीड़ित महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना और सूचना, संसाधनों और पेशेवर मदद की पहुंच के लिए कारगार तरीकों का निजात करना था। इस कार्यक्रम में कई जाने-माने पैनलिस्ट और महिला एवं बाल मंत्रालय के प्रतिनिधि मौजूद रहें। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 9 दिसंबर को आयोजित इस कार्यक्रम में सरकारी अधिकारियों के साथ कई प्रमुख सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर हेल्थ एक्सपर्ट्स से लेकर लीगल एक्टपर्ट्स और मनोवैज्ञानिक समेत कई एक्सपर्ट मौजूद थे।
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क्या है सैफ्टी सर्वाइवर्स टूलकिट?
सैफ्टी सर्वाइवर्स टूलकिट एक ऐसा संसाधन है, जो बलात्कार जैसी भीषण घटनाओं की शिकार महिलाओं की मदद करता है और बचे लोगों को चिकित्सा,मनोवैज्ञानिक, न्यायिक और कानूनी मदद सहित सभी प्रकार की सहायता प्रदान करता है। इसके तहत 16 दिन के लिए जागरूकता कार्यक्रम चला कर इस टूल को इस्तेमाल करने का तरीका बताया जाता है।
सैफ्टी (Sayfty) द्वारा प्रस्तावित और जागरण न्यू मीडिया, यूएन महिला और ट्विटर इंडिया द्वारा समर्थित, यह 2030 तक वायलेंस टू वीमेन कैंपेन (UNITE Campaign) के तहत महिलाओं के प्रति हिंसा में कमी लाना है। सैफ्टी का कहना है कि यह आयोजन भारत में लिंग आधारित हिंसा से बचे लोगों के लिए संसाधनों तक पहुंच और सेवाओं के महत्व पर जागरूकता बढ़ाएगा और भविष्य में इससे जुड़ी चुनौतियों से लड़ने के लिए राह प्रस्तावित करेगा। इस आयोजन में रेप सर्वाइवर्स लोगों के लिए संसाधनों और सेवाओं से जुड़े मुद्दों के समाधान पर चर्चा की गई।
इस समारोह में रेप सर्वाइवर्स से जुड़ी सभी मुद्दों पर बातचीत हई। समारोह में एक रेप पीड़िता को समाज से किस तरह की मदद दी जानी चाहिए इन सभी मुद्दों पर बातचीत की गई। समारोह की शुरुआत करते हुए सैफ्टी ट्रस्ट की फाउंडर डॉ. श्रुति कपूर ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में हैदराबाद रेप केस और देश में महिलाओं की हालत पर चिंता जताई। उन्होंने आगे कहा कि ''हम इस टूल पर पिछले 1 साल से काम कर रहे हैं और हमने इस टूल के जरिए हर संभव कोशिश की है रेप सर्वाइवर्स को इससे हर तरह की मदद मिल सके, वो भी बिना भाग-दौड़ किए।'' इसकी तरह डॉ. जुपका माधवी, जो कि महिला बाल कल्याण मंत्रालय से थी, उन्होंने देश में रेप स्टोप सेंट्रर्स पर सरकार के रूख और इससे हर छोटे कस्बे और गांव तक फैलाने की बात कही। वहीं अंजू पांण्डे जो, यून विमिन की प्रतिनिधि हैं, उन्होंने महिलाओं और लड़कियों के प्रति यौन हिंसा को मानव अधिकारों को भी एक हनन बताया। उन्होंने कहा कि ''पूरे विश्व में हर 3 में से 1 लड़की शारीरिक शोषण का शिकार होती हैं। इस सेफ्टी किट की मदद से अब ऐसी ही महिलाओं का सामाजिक तौर पर हर तरह से उन्हें मदद पहुंचा पाएंगे। ये पहल के एक अच्छी शुरुआत है।''
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वहीं बात सैफ्टी ट्रस्ट की करें, तो ये एक एनजीओ है, जो महिला हिंसा के खिलाफ जागरूकता को लिए काम करता है। इस संस्था का मकसद महिलाओं और लड़ियों को जेंडर बाइस और हर तरह की हिंसा के लिए शिक्षित और जागरूक बनाना है। कार्यक्रम में आए विभिन्न प्रतिनिधियों जैसे आईपीएस अधिकारी अनुराधा शंकर, शक्तिशालिनी संस्था की फाउंडर डॉ.भारती शर्मा, महिला मुद्दों की लेखिका रश्मी आनंद और एडवोकेट निपुन सक्सेना में रेप से जुड़े हर पक्ष चाहे वो मानसिक हो, शारीरिक हो या स्वास्थय और न्यायिक सभी पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए।
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