
सर्दियों में हवा ठंडी और सूखी होती है। प्रदूषण भी इस मौसम में ज्यादा होता है। इसके अलावा सर्दियों में लोग फिजिकल रूप से कम एक्टिव होते हैं। इसलिए इस मौसम में फेफड़ों को सामान्य से ज्यादा काम करना पड़ता है, जिसके कारण फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। इसीलिए इस मौसम में खांसी, सांस फूलना, सीने में जकड़न और गले में खराश जैसी दिक्कतें आम हो जाती हैं। ये सभी समस्याएं कहीं न कहीं फेफड़ों से जुड़ी हुई हैं।
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खास योगासनों की मदद से आप अपने फेफड़ों को मजबूत बना सकते हैं? जी हां, ये हम नहीं कह रहे, बल्कि विज्ञान भी यही मानता है। हाल में हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि नियमित योगाभ्यास करने से फेफड़ों की इनहेल (सांस खींचने) और एक्सहेल (सांस छोड़ने) की क्षमता बेहतर होती है, सांस को नियंत्रित करने की क्षमता बढ़ती है, और छाती का फैलाव भी सुधरता है। यानी योग फेफड़ों की कार्यक्षमता को सीधे तौर पर मजबूत कर सकता है।
ये अध्ययन Journal of Ayurveda and Integrative Medicine में प्रकाशित हुआ है। इसे University of Patanjali के Yoga Science विभाग ने किया है। आइए जानते हैं इस अध्ययन के मुताबिक कौन से योगासन हैं, जो आपके फेफड़ों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं।

1. भुजंगासन (Cobra Pose)
फेफड़ों को खोलने और सांस को गहरा करने के लिए भुजंगासन सबसे अच्छा आसन माना जाता है। जब आप भुजंगासन करते हैं, तो सीने का हिस्सा ऊपर उठता है, जिससे फेफड़ों को फैलने की पूरी जगह मिलती है। इससे ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है और फेफड़ों की क्षमता धीरे-धीरे मजबूत होती है।
कैसे करें: पेट के बल लेट जाएं, हथेलियां कंधों के पास टिकाएं और धीरे-धीरे सिर व सीना ऊपर उठाएं। ध्यान रखें कि कमर पर ज्यादा दबाव न पड़े। सांस लेते हुए शरीर को ऊपर उठाएं और छोड़ते हुए वापस ले आएं।
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2. उष्ट्रासन (Camel Pose)
उष्ट्रासन फेफड़ों का लचीलापन बढ़ाने और छाती को खोलने में मदद करता है। यह आसन सांस की गहराई बढ़ाता है और फेफड़ों के आसपास की मांसपेशियों को सक्रिय करता है।
कैसे करें: घुटनों के बल बैठें, दोनों हाथों को पीछे ले जाकर एड़ियों पर टिकाएं और सीने को धीरे से ऊपर उठाएं। इस पोजीशन में 15–20 सेकंड रुकें। इससे छाती पूरी तरह फैलती है और सांस लेना आसान होता है।
3. अनुलोम-विलोम (Alternate Nose Breathing)
सर्दियों में हवा ठंडी और प्रदूषित होती है, जिससे फेफड़ों पर दबाव पड़ता है। अनुलोम-विलोम इस दबाव को कम करता है। यह नाक से हवा के आने-जाने की प्रक्रिया को संतुलित करता है और श्वसन मार्ग को साफ रखता है।
कैसे करें: दाहिने अंगूठे से एक नाक के छेद को बंद करें और दूसरे से सांस अंदर लें। फिर अंगुली बदलकर नाक के दूसरे छेद से सांस बाहर छोड़ें। शुरुआत में 5 मिनट करें, धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। यह फेफड़ों में ऑक्सीजन भरने और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने की क्षमता को सुधारता है।
4. कपालभाती (Breathing Cleansing Technique)
यह प्राणायाम फेफड़ों कफ को बाहर निकालने में मदद करता है। कपालभाती करने से फेफड़ों की सफाई होती है और सांस लेने का तरीका बेहतर बनता है।
कैसे करें: आराम से बैठें, गहरी सांस लें और पेट को अंदर की तरफ खींचते हुए जोर से सांस बाहर छोड़ें। शुरुआत में 20–25 बार करें। ध्यान रखें कि इसे धीरे और नियंत्रित गति में करें, खासकर सर्द मौसम में।
5. भ्रामरी (Humming Bee Breath)
यह प्राणायाम न सिर्फ मन को शांत करता है, बल्कि सांस को लंबा और गहरा बनाता है। जब आप हमिंग साउंड (मक्खी के भिनभिनाने की आवाज) करते हैं, तो यह वाइब्रेशन फेफड़ों और श्वसन तंत्र तक जाती है, जिससे वहां की मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और हवा का प्रवाह आसान बनता है।
कैसे करें: आंखें बंद करें, गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए ‘म’ की ध्वनि निकालें। इसे 5–7 बार दोहराएं।
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6. शशांकासन (Child Pose)
यह आसन शरीर और सांस दोनों को रिलैक्स करता है। जब आप आगे झुकते हैं, तो पीठ और छाती पर हल्का दबाव बनता है, जो फेफड़ों की लोच (elasticity) को बढ़ाने में मदद करता है।
कैसे करें: वज्रासन में बैठें, दोनों हाथ ऊपर ले जाकर आगे झुकें और सिर जमीन से लगाएं। इस स्थिति में कुछ देर रहें और सांस को सामान्य रखें।
योग फेफड़ों के लिए कैसे काम करता है?
सर्दियों में ठंडी हवा से छाती की मांसपेशियां और डायाफ्राम सिकुड़ जाते हैं, जिससे सांस छोटी पड़ने लगती है। योग इन्हें धीरे-धीरे खोलता है। प्रत्येक आसन में जब हम गहरी और नियंत्रित सांस लेते हैं, तो फेफड़ों की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और हवा का प्रवाह बेहतर होता है। यही कारण है कि वैज्ञानिक अध्ययन में भी यह पाया गया कि योग करने वालों में फेफड़ों की क्षमता सामान्य लोगों से ज्यादा बेहतर होती है।
कुल मिलाकर सर्दियों में फेफड़ों की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। ठंड और प्रदूषण दोनों मिलकर सांस लेने की क्षमता को कम कर देते हैं। ऐसे में रोजाना कुछ मिनट योग और प्राणायाम करना फेफड़ों के लिए सबसे आसान और प्राकृतिक तरीका है। यही कारण है कि पतंजलि स्वस्थ रहने के लिए योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह देता है। भुजंगासन, उष्ट्रासन, अनुलोम-विलोम, कपालभाती, भ्रामरी और शशांकासन जैसे योगाभ्यास फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं। अगर आप इन आसनों को नियमित रूप से करते हैं, तो न सिर्फ फेफड़े मजबूत रहेंगे बल्कि पूरे शरीर में हल्कापन और ऊर्जा महसूस होगी।
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Nov 11, 2025 18:48 IST
Modified By : Anurag GuptaNov 11, 2025 18:48 IST
Published By : Anurag Gupta