आपने महसूस किया होगा कि कभी-कभी किसी चीज या इंसान को छूने पर करंट महसूस होता है। करंट का असर कुछ समय तक महसूस हो सकता है। करंट के कारण शरीर का अंग भी सुन्न हो सकता है। कई बार प्लास्टिक की कुर्सी पर ज्यादा देर बैठे रहने के बाद उठने पर करंट महसूस होतो है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुर्सी हमारे कपड़ों से अलग होने वाले इलेक्ट्रॉन को जमा कर लेते हैं। इस कारण से पॉजिटिव चार्ज जमा होने लगता है। ऐसे में अचानक उठने के कारण करंट महसूस होता है। आगे लेख में हम समझेंगे कि आखिर किसी व्यक्ति या वस्तु को छूने पर करंट क्यों महसूस होता है।
कुछ भी छूने पर क्यों लगता है करंट?
सभी चीजें एटम्स से बनी होती हैं। हर चीज में प्रोटोन्स, न्यूट्रॉन्स और इलेक्ट्रॉन्स मौजूद होते हैं। शरीर में इलेक्ट्रॉन्स और प्रोटोन्स की मात्रा लगभग बराबर होती है। इनकी संख्या असंतुलित होने के कारण शरीर में करंट महसूस होता है। शरीर में इलेक्ट्रॉन्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, निगेटिव चार्ज उतना ज्यादा बनेगा और करंट ज्यादा लगेगा।
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बिना छुए भी लग सकता है करंट
कभी-कभी किसी चीज के नजदीक जाने से या बिना छुए भी करंट महसूस होता है। ऐसा इलेक्ट्रॉन्स की ज्यादा मात्रा के कारण होता है। शरीर में इलेक्ट्रॉन्स के प्रवाह में असंंतुलन के कारण किसी भी चीज को छूते ही करंट लग सकता है। असंतुलित इलेक्ट्रॉन्स के कारण हमारे शरीर में मौजूद निगेटिव इलेक्ट्रॉन्स बाहर निकल आते हैं और वस्तु में मौजूद पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन्स के कारण करंट महसूस होता है।
सर्दियों में लग सकता है करंट
आपने गौर किया होगा कि ठंड के दिनों में करंट लगने की स्थिति ज्यादा होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ठंड के दिनों में हवा में नमी कम होती है। हल्का सा करंट लगने के कारण भी चुभन जैसा एहसास होता है। वहीं गर्मी के दिनों में हवा में नमी होती है जिसके कारण नेगेटिव चार्ज इलेक्ट्रॉन खत्म हो जाते हैं और करंट लगने की आशंका घट जाती है।
अब आप समझ गए होंगे कि शरीर में करंट का कारण एटम में मौजूद इलेक्ट्रान और प्रोटोन होते हैं। इनमें संतुलन बिगड़ने के कारण करंट महसूस होता है।