Lemon water in copper: तांबे की बोतल में पानी पीना भारतीय संस्कृति और आयुर्वेदिक परंपरा का एक हिस्सा रहा है। पुराने समय से ही यह माना जाता है कि अगर रातभर तांबे के बर्तन में पानी रखा जाए और सुबह खाली पेट पिया जाए, तो यह शरीर को डिटॉक्स करता है, पाचन को बेहतर बनाता है और इम्यूनिटी को मजबूत करता है। यही कारण है कि आज भी बहुत से लोग तांबे की बोतल का उपयोग करते हैं और इसे हेल्दी लाइफस्टाइल का हिस्सा मानते हैं। इसी के साथ गर्मियों के मौसम में नींबू पानी पीना भी बेहद आम और सेहतमंद माना जाता है। यह शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ विटामिन C का अच्छा सोर्स भी होता है और थकान मिटाने, डिहाइड्रेशन रोकने और पाचन को सुधारने में मदद करता है।
ऐसे में कुछ लोग यह सोचकर कि जब नींबू पानी और तांबे का पानी दोनों ही फायदेमंद हैं, तो अगर इन्हें एक साथ तांबे की बोतल में मिलाकर पिया जाए, तो यह और ज्यादा असरदार होगा। लेकिन यही सोच सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि तांबे की बोतल में नींबू पानी क्यों नहीं पीना चाहिए? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने दिल्ली की क्लिनिकल डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा से बात की-
तांबे की बोतल में नींबू पानी क्यों नहीं पीना चाहिए? - Why We Should Not Drink Lemon Water In Copper Bottle
डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा बताती हैं कि तांबे की बोतल में पानी पीना सेहत के लिए लाभकारी माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जब पानी को कुछ घंटों तक तांबे के पात्र में रखा जाता है, तो उसमें मौजूद कॉपर आयन पानी में घुलकर उसे इम्यूनिटी, पाचन सुधारक और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भर देता है और इसे सुबह खाली पेट पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब तांबे की बोतल इतनी फायदेमंद है, तो उसमें नींबू पानी क्यों नहीं पीना चाहिए?
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नींबू पानी का नेचर
नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड नींबू पानी को अम्लीय (acidic) बनाता है। अम्लीय चीजें जब धातुओं के संपर्क में आती हैं, तो रासायनिक क्रिया (chemical reaction) कर सकती हैं। यही कारण है कि नींबू पानी या किसी भी खट्टी चीज को धातु के बर्तनों में लंबे समय तक नहीं रखना चाहिए, खासकर तांबे के साथ।
तांबे में अम्लीय पदार्थ डालने से क्या होता है?
जब आप तांबे की बोतल में नींबू पानी डालते हैं, तो नींबू का अम्ल (साइट्रिक एसिड) तांबे की सतह के साथ रिएक्शन करता है। इस रासायनिक क्रिया में कॉपर आयन ज्यादा मात्रा में घुलकर पानी में आ सकते हैं, जो सामान्य से ज्यादा मात्रा में शरीर में पहुंच जाते हैं। अधिक मात्रा में कॉपर शरीर में जाने पर यह कॉपर टॉक्सिसिटी (Copper Toxicity) का कारण बन सकता है।
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डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा बताती हैं, "तांबे के बर्तन में केवल सादा पानी रातभर भरकर रखना चाहिए। इसमें नींबू, इमली, छाछ, दही या कोई अन्य अम्लीय चीज डालना हानिकारक हो सकता है। तांबे का रिएक्शन शरीर में टॉक्सिन पैदा कर सकता है।" उनका सुझाव है कि नींबू पानी को स्टील, कांच या मिट्टी के बर्तन में ही तैयार और स्टोर करना चाहिए।
कॉपर टॉक्सिसिटी के लक्षण - symptoms of copper toxicity in humans
- उल्टी या मतली आना
- पेट दर्द या ऐंठन
- दस्त
- लिवर पर असर
- सिर दर्द
- मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी
- लंबे समय तक लेने पर मानसिक भ्रम और कमजोरी
निष्कर्ष
भारत में तांबे के बर्तनों का उपयोग सदियों से होता आया है और यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी है, बशर्ते उसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए। वहीं, नींबू पानी जैसे हेल्दी ड्रिंक का फायदा तभी मिलता है जब उसे सही बर्तन में और सही समय पर पिया जाए। तांबे और नींबू दोनों अपने-अपने स्थान पर उपयोगी हैं, लेकिन इन्हें मिलाकर प्रयोग करना नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए अगली बार जब आप नींबू पानी बनाएं, तो तांबे की बोतल के बजाय कांच या स्टील का गिलास चुनें, ताकि स्वाद भी बना रहे और सेहत भी।
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FAQ
तांबे के बर्तन में क्या नहीं पीना चाहिए?
तांबे के बर्तन में खट्टे पदार्थ नहीं पीने चाहिए, जैसे नींबू पानी, इमली का रस, संतरे का रस या टमाटर का रस। इन पदार्थों में मौजूद एसिड तांबे के साथ केमिकल रिएक्शन कर सकता है। इससे शरीर में तांबे की अधिकता हो सकती है, जिसे कॉपर टॉक्सिसिटी कहा जाता है।तांबे के गिलास में कौन सा पानी पीना चाहिए?
तांबे के गिलास में सामान्य या ठंडा पानी पीना चाहिए, विशेष रूप से वह पानी जो रातभर तांबे के गिलास या बर्तन में रखा गया हो। आयुर्वेद के अनुसार, तांबे का पानी त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने में सहायक होता है और पाचन, स्किन और इम्यूनिटी को बेहतर बनाता है। यह पानी शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है। ध्यान रहे कि तांबे के गिलास को रोजाना साफ करें और उसमें खट्टे या अम्लीय पेय न रखें।सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में पानी पीने से क्या होता है?
सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह शरीर के तीनों दोषों को संतुलित करता है। तांबे का पानी शरीर को डिटॉक्स करता है, यानी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है, कब्ज और गैस की समस्या में राहत मिलती है।
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