
Vitamin B12: अक्सर प्रोटीन, फाइबर, आयरन और विटामिन A, B, C की बात की जाती है, लेकिन शरीर को फिट रखने के लिए विटामिन B12 भी बहुत महत्वपूर्ण है। विटामिन B12 डीएनए बनाने में मदद करता है, रेड ब्लड सेल्स को बनाता है और नसों की सेहत सही रखता है और दिमाग के जरूरी केमिकल्स बनाने में विटामिन B12 की जरूरत होती है। (benefits of vitamin B12) अब अगर भारत की बात की जाए, तो देश में ज्यादातर लोग वेजिटेरियन हैं, जो आमतौर पर दाल, सब्जियों, डेयरी, अनाज पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में क्या vegetarians में विटामिन B12 की कमी होती है और अगर हां, तो फिर इसकी क्या वजह है, जानने के लिए हमने फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल की सीनियर डायटिशियन ऋतिका शर्मा (Rhitika Sharma, Senior Dietitian (Nutrition Consultant), Sarvodaya Hospital, Sector-8, Faridabad) से बात की।
इस पेज पर:-
Vegetarians को विटामिन B12 की कमी क्यों होती है?
सीनियर डायटिशियन ऋतिका शर्मा ने कहा, “विटामिन B12 की कमी होने पर थकान, सिर भारी लगना, सुस्ती, याददाश्त की कमी, हाथ-पैरों में झुनझुनी, एनीमिया और दिमागी संबंधी परेशानियां तक हो सकती हैं। वेजिटेरियन लोगों को विटामिन B12 की कमी होने के कई कारण होते हैं।”

यह भी पढ़ें- किस विटामिन की कमी से सिर में चुनचुनाहट होती है? डॉक्टर ने बताया कितना जरूरी
विटामिन B12 का पौधों में न होना
दरअसल, विटामिन B12 नेचुरल रूप से सिर्फ एनिमल बेस्टड फूड्स में पाया जाता है। इसमें दूध, पनीर, दही, अंडा, मांस, मछली और सी-फूड में पाया जाता है। विटामिन B12 किसी पेड़-पौधे में नहीं बनता। विटामिन B12 बनाने का काम बैक्टीरिया करते हैं जो जानवरों की आंतों में, मिट्टी में या उनकी स्किन और भोजन में पाया जाता है। पहले के जमाने में उतनी साफ-सफाई नहीं रखी जाती थी, तब पौधों पर लगे मिट्टी के बैक्टीरिया से थोड़ा बहुत B12 मिल भी जाता था। लेकिन आज की साफ-सुथरी फूड प्रैक्टिस, धुलाई और पैकिंग की वजह से यह लगभग खत्म हो चुका है। इसलिए वेजिटेरियन लोगों को नेचुरल विटामिन B12 मिल नहीं पाता।
शाकाहारी खाने में मिल रहे विटामिन B12 में Inactive Analogs
कुछ लोग कहते हैं कि समुद्री शैवाल (seaweed) या मशरूम में थोड़ी बहुत मात्रा में विटामिन B12 होता है, लेकिन ये शरीर में एक्टिव रूप से काम नहीं करता। कई बार ये analogs blood test में गलत नार्मल B12 दिखाते हैं, लेकिन वास्तविक विटामिन B12 की कमी बनी रहती है। इसलिए क्लिनिकल न्यूट्रिशन में इन स्रोतों को सुरक्षित या भरोसेमंद नहीं माना जाता।
विटामिन B12 आसानी से ऑब्जर्ब न होना
यह बात कम लोग जानते हैं कि B12 केवल भोजन में होना काफी नहीं है। उसे ऑब्जर्ब करने के लिए पेट में एक खास प्रोटीन intrinsic factor बनता है, लेकिन वेजिटेरियन लोग बहुत फाइबर या भारी भोजन करते हैं और बार-बार एसिडिटी बनती है। जिससे डाइजेशन धीमा होता। बड़ी उम्र के लोग, एसिडिटी की दवाइयां लेने वाले और पेट से जुड़ी बीमारियों वाले लोगों को कमी और तेजी से बढ़ती है, फिर चाहे वे लोग वेजिटेरियन हो या नहीं।
भारत में फोर्टिफाइट विटामिन B12 फूड की कमी
कई देशों में प्लांट मिल्क, सीरियल्स और न्यूट्रिशनल यीस्ट में विटामिन B12 फोर्टिफिकेशन होना आम है, लेकिन भारत में यह ऑप्शन बहुत सीमित है। इस वजह से वेजिटेरियन लोगों के पास डाइट से विटामिन B12 पाने के अवसर और भी कम हो जाते हैं।
यह भी पढ़ें- क्या बी12 की कमी के कारण सिरदर्द हो सकता है? जानें क्या है इनका कनेक्शन
मॉर्डन लाइफस्टाइल का असर
विटामिन B12 की कमी का सबसे बड़ा कारण डाइट ही नहीं, बल्कि मॉर्डन लाइफस्टाइल, गट हेल्थ और दवाइयां भी है। इन सबका असर गट बैक्टीरिया पर पड़ता है, जिससे विटामिन B12 जल्दी ऑब्जर्ब कम होता है। इसका मतलब है कि विटामिन B12 की कमी डाइट की वजह से नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल की वजह से होती है। इसलिए जो लोग वेजिटेरियन है, वे रेगुलर विटामिन B12 की जांच कराते रहें और समय-समय पर सप्लीमेंट जरूर लें।
वेजिटेरियन लोग विटामिन B12 की कमी से कैसे मैनेज करें?
सीनियर डायटिशियन ऋतिका शर्मा ने कहा कि वेजिटेरियन लोगों को विटामिन B12 का खास ध्यान रखना चाहिए।
- हर 6 से 12 महीने में एक विटामिन B12 का ब्लड टेस्ट जरूर कराएं।
- डॉक्टर की सलाह लेकर विटामिन B12 सप्लीमेंट जरूर लें।
- विटामिन B12 फोर्टिफाइड फूड्स का इस्तेमाल करें।
- हरी सब्जियां, दही और रेगुलर खाना जरूर खाएं। लोगों को कम एंटीबायोटिक और प्रोसेस्ड फूड खाना चाहिए।
निष्कर्ष
हालांकि कई क्लिनिकल डेटा में साबित हो चुका है कि वेजिटेरियन लोगों को विटामिन B12 की कमी का रिस्क ज्यादा रहता है। इसलिए वेजिटेरियन लोगों को रेगुलर चेकअप कराना चाहिए और फोर्टिफाइड डाइट लेनी चाहिए। अगर किसी को थकान और हाथ-पैरों में झुनझुनी हो, तो डॉक्टर से जरूर चेकअप कराना चाहिए।
यह विडियो भी देखें
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Dec 11, 2025 17:46 IST
Published By : Aneesh Rawat