इस बात से कोई मुंह नहीं फेर सकता कि यदि तरक्की चाहिए तो बास की नजरों में आइये। मौजूदा समय में सबसे मुश्किल यदि किसी के साथ मधुर सम्बंध स्थापित करना है तो वह बॉस ही होता है। लेकिन यदि कोई इसमें कामयाब हो जाए तो माना यह जाता है कि व्यक्ति विशेष की लौटरी निकल पड़ी। तरक्की उसके कदमों में आ गयी है। जबकि वास्तविकता इससे बिल्कुल परे है। असल में हाल फिलहाल में हुए एक शोध से इस बात का पता चला है कि बास की नजरों में स्मार्ट की श्रेणी में आ चुका व्यक्ति अन्य कामगारों की तुलना में ज्यादा तनाव में रहता है। इसके पीछे कई वजहें छिपी हैं।
काम का बोझ
हो सकता है कि आप सोचते हैं कि बॉस के प्रिय अकसर काम कम करते हैं। जबकि नए अध्ययनों ने इस बात का खुलासा किया है कि जो कर्मचारी अच्छा काम करते हैं और बॉस की नजरों में हिट लिस्ट में हैं, वे अकसर काम के बोझ से लदे रहते हैं। ऐसे कर्मचारी कंपनी के सामान्य नियमों से अलग होते हैं। यही नहीं बॉस के पसंदीदा कर्मचारी तर्क-वितर्कों से भी परे होते हैं। इन्हें बॉस जो भी काम देता है, उन्हें करना ही पड़ता है। फिर चाहे उनकी टेबल पहले से ही अत्यधिक काम के बोझ से लदी हुई क्यों न हो।
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काम की गुणवत्ता
अच्छे कर्मचारी पर सिर्फ काम करके देने का बोझ नहीं होता। अगर बॉस की हिट लिस्ट में बने रहना है तो काम की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना आवश्यक होता है। काम की गुणवत्ता कर्मचारियों के लिए तनाव की बड़ी वजह है। असल में अन्य कर्मचारी काम की गुणवत्ता पर कम और उसके पूरे होने पर ज्यादा जोर देते हैं। जबकि अच्छे कर्मचारियों से उम्मीद की जाती है कि वे अन्य की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। दूसरों से अलग करके दिखाने का प्रेशर हमेशा हिट लिस्ट में शुमार कर्मचारियों पर बना रहता है।
‘न’ कहने की छूट नहीं
बास की हिट लिस्ट में बने रहना चापलूसी करने जैसा आसान नहीं है। जैसा कि ऊपर जिक्र किया ही जा चुका है कि बॉस की हिट लिस्ट में शुमार कर्मचारी काम के बोझ से लदे रहते हैं। इसके अलावा यदि बॉस को पुराने काम में किसी तरह के बदलाव करने हों तो भी वे इन्हीं से कराना पसंद करते हैं। ताज्जुब की बात यह है कि इनसे ‘न’ की उम्मीद भी नहीं की जाती। कहने का मतलब साफ है कि अच्छे कर्मचारियों को किसी भी तरह के काम के लिए ‘न’ कहने की छूट नहीं है।
विश्वास थका देता है
अकसर सामान्य कर्मचारी दफ्तर में 8 से 9 घंटे काम करके छुट्टी पा लेता है। लेकिन विश्वसनीय कर्मचारी महज 8-9 घंटे की ड्यूटी नहीं करता। उसकी जिंदगी में काम के घंटे अनगिनत होते हैं। असल में बॉस पर विश्वास बरकरार रखने के लिए ये कर्मचारी दफ्तर के बाद भी काम करते हैं। यही नहीं आवश्यक हो तो ये घर को दूसरा दफ्तर बनाने में भी हिचकिचाते नहीं है।
हमेशा चिंतित रहते हैं
बॉस की हॉट लिस्ट में शामिल होना कतई आसान नहीं है। साथ ही यह भी जान लें कि तरक्की किसी को परोसी नहीं जा सकती। जिस तरह तरक्की पाने के लिए हमेशा मेहनत करना पड़ता है, उसी तरह बॉस को खुश करने के लिए ‘अगला कदम क्या होगा...’ के बारे में बार बार सोचना पड़ता है। तमाम सर्वेक्षण इस बात का खुलासा करते हैं कि बॉस के चहेते अकसर नए नए प्रयोगों के विषय में चिंतित रहते हैं।
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